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शहीद कैप्टन की मां मंत्री से बोलीं- प्रदर्शनी मत लगाओ,चेक देने पहुंचे थे, सचिन की शादी तय थी, माजिद के भाई भी शहीद हुए थे
जम्मू-कश्मीर के राजौरी में शहीद हुए 5 सैनिकों की पार्थिव देह आज उनके घर पहुंचने वाली हैं। इस बीच उनके परिवारों के बीच से कुछ मार्मिक तस्वीरें और किस्से सामने आए हैं।
शुक्रवार (24 नवंबर) को आगरा के कैप्टन शुभम गुप्ता के घर यूपी के कैबिनेट मंत्री योगेंद्र उपाध्याय पहुंचे। उनकी मां को 50 लाख की सरकारी मदद देते हुए उपाध्याय फोटो खिंचवाने लगे। इस पर कैप्टन की मां ने बिलखते हुए कहा- मेरी प्रदर्शनी मत लगाओ। मुझे मेरा बेटा वापस ला दो।
उधर, अलीगढ़ के पैराट्रूपर सचिन लौर की 8 दिसंबर को शादी होनी थी। बारात मथुरा जानी थी और परिवार में इसकी तैयारियां चल रही थीं।
जम्मू-कश्मीर के हवलदार माजिद के भाई भी सेना में थे और वे भी 6 साल पहले शहीद हो चुके हैं।
राजौरी में धर्मसाल के बाजीमल में 22-23 नवंबर को हुई मुठभेड़ में सेना के 2 अफसरों समेत 5 जवान शहीद हो गए थे। शुक्रवार को इन्हें राजौरी के आर्मी जनरल हॉस्पिटल में श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद उनकी पार्थिव देह उनके घरों के लिए रवाना की गईं।
मुठभेड़ में लश्कर के टॉप कमांडर समेत दो आतंकवादी भी मारे गए हैं। इनमें से एक जनवरी 2023 में डांगरी टारगेट किलिंग का मास्टरमाइंड था।
आतंकियों से मुठभेड़ में ये 5 जवान शहीद
- कैप्टन एम वी प्रांजल, (63 राष्ट्रीय राइफल्स), कर्नाटक के मेंगलुरु के निवासी।
- कैप्टन शुभम गुप्ता (9 पैरा) उत्तर प्रदेश के आगरा के निवासी।
- हवलदार अब्दुल माजिद, जम्मू-कश्मीर के पुंछ के निवासी।
- लांस नायक संजय बिष्ट, उत्तराखंड के नैनीताल के निवासी।
- पैराट्रूपर सचिन लौर, उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के निवासी।
15 दिन बाद होनी थी अलीगढ़ के सचिन की शादी
अलीगढ़ के सचिन लौर का पार्थिव शरीर शुक्रवार को टप्पल स्थित उसके गांव लाया जाएगा। सचिन लौर सिर्फ 24 साल की उम्र में शहीद हो गए। उन्होंने 20 मार्च 2019 को आर्मी जॉइन की थी। वे पैराट्रूपर थे। सेना में जाने का उनका बचपन से ही सपना था।
शहीद सचिन की 8 दिसंबर को शादी होनी थी। परिवार इसकी तैयारियों में जुटा था। सभी लगातार उनसे छुट्टी लेकर गांव आने के लिए कह रहे थे। 8 दिसंबर को सचिन की बारात मथुरा के मांट जानी थी।
LoC पर अजोट गांव के रहने वाले पैरा कमांडो अब्दुल माजिद के भाई भी 2017 में शहीद हुए थे। माजिद के भाई जम्मू-कश्मीर लाइट इन्फैंट्री में सैनिक थे, जिन्हें पुंछ में हुई एक मुठभेड़ में शहादत मिली थी। माजिद के चाचा मोहम्मद यूसुफ के मुताबिक उनके परिवार के 30 से 40 सदस्य सेना में रह चुके हैं।
वहीं, माजिद ने मुठभेड़ के दौरान पत्नी को फोन किया था और कहा था कि वह जल्दी घर आएगा, लेकिन जब पत्नी ने शाम को दोबारा फोन किया तो उसका फोन बंद मिला। बाद में माजिद की शहादत की खबर आई।
आगरा के शुभम गुप्ता के परिजन को मिलेगी सरकारी नौकरी
आगरा के कैप्टन शुभम गुप्ता शहीद हो गए। आज उनका पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव में पहुंचेगा। कैबिनेट मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने शहीद के परिजन से मुलाकात कर सांत्वना दी। उन्होंने कहा- शहीद के परिजन को सरकार की तरफ से 50 लाख की सहायता राशि दी गई है।
परिवार में से किसी एक सदस्य को सरकार नौकरी देगी। इसके साथ ही शहर की एक सड़क का नाम शहीद के नाम पर रखा जाएगा। पैतृक गांव में शुभम गुप्ता के नाम पर स्मारक भी बनवाया जाएगा
पाकिस्तान के रिटायर्ड सैनिक बन रहे आतंकी
इधर, नॉर्दर्न आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने खुलासा किया है कि पाकिस्तान के रिटायर्ड सैनिक आतंकवादी गुटों में शामिल हो गए हैं। उन्होंने बताया कि कुछ आतंकवादी पाकिस्तानी सेना की स्पेशल फोर्सेस में रह चुके थे।
उपेन्द्र बोले- पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में विदेशी आतंकवादियों को भेज रहा है, क्योंकि यहां कोई लोकल भर्ती नहीं है। हम विदेशी आतंकवादियों को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं।
डांगरी हमले का मास्टरमाइंड था कारी मुठभेड़ में मारे गए एक आतंकी का नाम कारी है। डिफेंस PRO के मुताबिक, कारी पाकिस्तानी नागरिक था। उसे पाक और अफगान मोर्चे पर ट्रेंड किया गया था। दूसरे आतंकी की जानकारी अभी सामने नहीं आई है।
कारी लश्कर-ए-तैयबा का टॉप कमांडर था और पिछले एक साल से अपने ग्रुप के साथ राजौरी-पुंछ में एक्टिव था। उसे डांगरी और कंडी हमलों का मास्टरमाइंड भी माना जाता है।
कारी को जम्मू में आतंकवाद को दोबारा फैलाने के लिए भेजा गया था। वह IED स्पेशलिस्ट था और गुफाओं में छिपकर काम करने वाला ट्रेंड स्नाइपर भी रहा था।
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