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अविश्वास प्रस्ताव पर आज बोलेंगे राहुल गांधी,अधीर रंजन ने कहा- 12 बजे होगी स्पीच..
संसद के मानूसन सत्र में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का आज दूसरा दिन है। लोकसभा में कार्यवाही शुरू होते ही प्रश्नकाल के दौरान विपक्षी सांसदों ने इंडिया-इंडिया, अंग्रेजों के दलालों भारत छोड़ो के नारे लगाने शुरू कर दिए।
आज अविश्वास प्रस्ताव पर कांग्रेस की ओर से बहस की शुरुआत राहुल गांधी करेंगे। अधीर रंजन चौधरी ने बताया कि उनकी स्पीच दोपहर 12 बजे से होगी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बुधवार को प्रस्ताव पर गृह मंत्री अमित शाह भी भाषण दे सकते हैं।
बहस के पहले दिन भी राहुल के भाषण की चर्चा थी, लेकिन शुरुआत गौरव गोगोई ने की थी।मंगलवार को सरकार की ओर से निशिकांत दुबे ने जवाब दिया था।
संसद अपडेट्स…
- राज्यसभा में AAP सांसद सुशील सिंह टमाटर की माला पहनकर पहुंचे, विरोध के बीच कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दी गई।
- स्मृति ईरानी और निर्मला सीतारमण भी अविश्वास प्रस्ताव की बहस में हिस्सा ले सकती हैं।
- राज्यसभा में 6 बिल पेश किए जाएंगे, इनमें संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश (संशोधन) और डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल शामिल हैं।
अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का पहला दिन…
कांग्रेस ने सरकार से 3 सवाल पूछे
- प्रधानमंत्री मणिपुर क्यों नहीं गए। राहुल गए, INDIA अलायंस के सांसद गए, गृहमंत्री गए।
- 80 दिन क्यों लगे मणिपुर पर बोलने में। बोले तो सिर्फ 30 सेकेंड बोले। आज तक संवेदना का कोई शब्द व्यक्त नहीं किया।
- मणिपुर के मंत्री को बर्खास्त क्यों नहीं किया। मणिपुर के CM को क्या विशेष आशीर्वाद है, जो खुद स्वीकार कर रहे हैं कि इंटेलिजेंस फेलियर हुआ।
कांग्रेस ने मोदी के ना बोलने की 3 वजहें गिनाईं
1. PM को स्वीकार करना पड़ेगा कि मणिपुर में डबल इंजन की सरकार फेल हो गई।
2. मणिपुर में भारत का गृह विभाग और रक्षा सलाहकार विभाग विफल रहा है।
3. प्रधानमंत्री जनता के बीच यह स्वीकार नहीं करना चाहते हैं कि उनसे भूल हुई है।
भाजपा बोली- राहुल के भाषण का इंतजार था, लगता है तैयारी नहीं थी
- सरकार की ओर से निशिकांत दुबे ने जवाब दिया। उन्होंने कहा- हमें राहुल गांधी के बोलने की उम्मीद थी, पर वो नहीं बोले। लगता है, राहुल जी तैयार नहीं थे, देर से उठे होंगे।
- दुबे ने कहा, ‘भारतीय नारी को क्या-क्या करना चाहिए, उसकी पूरी की पूरी पिक्चर सोनिया जी देती हैं। उनको दो काम करने हैं- बेटे को सेट करना है और दामाद को भेंट करना है।’
अविश्वास प्रस्ताव सदन में ज्यादातर फेल होता है, लेकिन फिर भी ये विपक्ष का हथियार क्यों?
1963 में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के नेता जेबी कृपलानी ने लोकसभा में पहला अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था। हालांकि, वोटिंग में PM जवाहरलाल नेहरू की सरकार बहुमत हासिल करने में कामयाब रही थी।
आचार्य कृपलानी ने इस अविश्वास प्रस्ताव को पेश करते हुए कहा था, ‘मेरे लिए यह बेहद दुख की बात है कि मुझे ऐसी सरकार के खिलाफ प्रस्ताव लाना पड़ रहा है, जिस सरकार में मेरे 30 साल पुराने कई दोस्त शामिल हैं। इसके बावजूद अपने कर्तव्य और अंतरात्मा की आवाज पर सरकार की जवाबदेही के लिए मैं ये प्रस्ताव ला रहा हूं।’
इसके जवाब में PM जवाहरलाल नेहरू ने कहा था, ‘इस तरह के प्रस्ताव के जरिए सरकारों का समय-समय पर परीक्षण किया जाना अच्छा है। खासकर तब भी जब सरकार गिरने की कोई संभावना न हो।’
अविश्वास प्रस्ताव के दौरान सभी दलों के सांसद राज्य या देश से जुड़े सवाल पूछते हैं। सरकार को इसका जवाब देना पड़ता है। 2018 में TDP के सांसदों ने आंध्र प्रदेश से जुड़े मुद्दों पर सवाल पूछे थे।
2019 के बाद PM ने लोकसभा में कुल 7 बार डिबेट में हिस्सा लिया
संसद के रिकॉर्ड के मुताबिक, 2019 के बाद PM मोदी ने लोकसभा के कार्यकाल के दौरान कुल 7 बार डिबेट में हिस्सा लिया है। इनमें से पांच मौकों पर उन्होंने राष्ट्रपति के भाषण के बाद जवाब दिया। जबकि एक बार उन्होंने श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट बनाए जाने को लेकर और दूसरी बार लोकसभा स्पीकर के तौर पर ओम बिड़ला के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान अपनी बात रखी थी।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को 8 अगस्त को पुराना सरकारी बंगला 12 तुगलक लेन वापस मिल गया। संसद की हाउसिंग कमेटी ने राहुल की सांसदी बहाल होने के एक दिन बाद बंगला अलॉट किया। राहुल यह बंगला लेंगे या नहीं, इस पर उन्हें 8 दिन में जवाब देना होगा। राहुल जब कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे तो उनसे बंगला वापस मिलने पर सवाल किया गया। इस पर राहुल ने कहा- मेरा घर पूरा हिंदुस्तान है।
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