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मध्य प्रदेश

CM का ऐलान, CBSE टॉपर को भी लैपटॉप देंगे शिवराज ने कहा- अब सभी टॉपर को स्कूटी देंगे..

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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, अगले साल से CBSE बोर्ड के लिए भी लैपटॉप देने की योजना लागू की जाएगी। गुरुवार को CM ने ‘प्रतिभाशाली विद्यार्थी सम्मान समारोह’ में MP बोर्ड के 78641 स्टूडेंट्स के बैंक खातों में 196.60 करोड़ रुपए की राशि ट्रांसफर की।

भोपाल के लाल परेड ग्राउंड से CM ने यह राशि 12वीं में 75% या इससे ज्यादा मार्क्स लाने वाले छात्र-छात्राओं के खातों में ऑनलाइन ट्रांसफर की। हर एक स्टूडेंट्स को 25 हजार रुपए दिए गए हैं। समारोह में मुख्यमंत्री ने टॉपर बच्चों को सम्मानित भी किया। उन्होंने कहा, टॉपर बच्चों ने मुझसे कहा कि मामा जी स्कूटी आपने MP बोर्ड को दी है, हमें नहीं दी। अब जितने टॉपर बच्चे हैं, उन्हें भी स्कूटी दी जाएगी।

कांग्रेस आई तो लैपटॉप देना बंद कर दिया

मुख्यमंत्री के निशाने पर कांग्रेस भी रही। उन्होंने स्पीच की शुरूआत करते हुए स्टूडेंट्स से कहा, आई लव यू। बोले- भाषण छोड़ो, गप लगाते हैं। मैं मुख्यमंत्री लगता हूं या मामा। बच्चे बोले- मामा। CM ने कहा, जब कांग्रेस की सरकार 18, 19, 20 में आ गई थी, तो लैपटॉप बंद कर दिए थे। बच्चों की फीस भरवाना भी बंद कर दी थी। कांग्रेस ने बच्चों की जिंदगी बर्बाद करने का पाप किया।

2003 तक स्कूलों में बैठने की व्यवस्था नहीं थी

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CM ने कहा, 2003 तक मध्यप्रदेश में जब स्कूल जाते थे, तो हम पहले एक हाथ में बस्ता और एक हाथ में फट्‌टी दबाकर ले जाते थे। बैठने की व्यवस्था नहीं होती थी। स्कूल भवन टूटे-फूटे रहते थे। अब मामा के राज में बिजली में पढ़ रहे हो।

हमारी सरकार ने शिक्षकों को अध्यापक बनाकर सम्मान दिया

एक जमाना था कांग्रेस का, तब शिक्षकों को 500 रु. तनख्वाह मिलती थी। 500 रु. में पढ़ाने वाले क्या पढ़ाते? जब हमारी सरकार आई तो शिक्षकों को अध्यापक बनाकर सम्मान दिया। पुरानी कांग्रेस की सरकार ने जो गड़बड़ की, हमने ठीक करने की कोशिश की।

10 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स कार्यक्रम में शामिल

प्रतिभाशाली विद्यार्थी सम्मान समारोह के राज्य स्तरीय कार्यक्रम में भोपाल संभाग के अंतर्गत आने वाले विदिशा, रायसेन, सीहोर, राजगढ़ और भोपाल जिले के 10359 छात्र-छात्राएं शामिल हुए। बाकी जिलों के स्टूडेंट्स वर्चुअली जुड़े हैं। कार्यक्रम में स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार, जनजातीय कार्य मंत्री मीना सिंह और स्कूल शिक्षा एवं जनजातीय कार्य विभाग के अधिकारी भी शामिल हुए।

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मुख्यमंत्री ने कहा, आप सभी स्टूडेंट्स से सुझाव लेने के लिए पोर्टल बनवाएंगे। सुझाव दो, हम फिर किसी बहाने से मिलकर साथ बैठेंगे। मैं जब अपने भांजे- भांजियों के बीच होता हूं तो सबसे ज्यादा प्रसन्न होता हूं।

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