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कैंसर के इलाज के दावों को लेकर नवजोत सिंह सिद्धू फँसे कानूनी पचड़े में,

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कैंसर के इलाज के दावों को लेकर नवजोत सिंह सिद्धू फँसे कानूनी पचड़े में, June 25, 2025

पंजाब डेस्क: पूर्व क्रिकेटर और कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू और उनकी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू एक नए विवाद में फंस गए हैं।

सिद्धू ने हाल ही में दावा किया था कि उनकी पत्नी ने प्राकृतिक आहार और जीवनशैली में बदलाव के जरिए कैंसर पर काबू पाया है। उन्हें छत्तीसगढ़ सिविल सोसाइटी ने कानूनी नोटिस भेजा है।इस नोटिस में सिद्धू से सात दिनों के भीतर अपनी पत्नी के कैंसर के इलाज के दस्तावेजी सबूत पेश करने को कहा गया है। ऐसा न करने पर सोसाइटी ने 850 करोड़ रुपये के दावे के साथ कानूनी कार्रवाई की धमकी दी है।

यह विवाद तब पैदा हुआ जब सिद्धू ने अपने अमृतसर स्थित आवास पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जहां उन्होंने स्टेज 4 कैंसर के खिलाफ अपनी पत्नी की लड़ाई के बारे में जानकारी साझा की,

जिसमें जीवनशैली में बदलाव, नीम के पत्ते और हल्दी को इलाज का हिस्सा बताया।सिविल सोसाइटी ने सिद्धू पर कैंसर के इलाज के बारे में भ्रामक जानकारी फैलाने का आरोप लगाया है और स्पष्टीकरण मांगा है।

सोसाइटी के संयोजक डॉ. कुलदीप सोलंकी ने कहा कि दावों ने भ्रम पैदा किया है और चिकित्सा समुदाय, खासकर एलोपैथी के चिकित्सकों ने इसकी आलोचना की है।

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विवादास्पद आहार योजना सिद्धू ने विस्तृत आहार योजना साझा की, जिसमें दावा किया गया कि इससे उनकी पत्नी को कैंसर से लड़ने में मदद मिली:

आहार शैली (Diet Plan):

  • रोजाना कम से कम शुद्ध 7-8 गिलास पानी पीन का आदत डालें ताकि रिकवरी में मदद मिले।
  • सामान्य चाय के बजाय इलायची, तुलसी, पुदीना, अदरक, दालचीनी और काढ़े का सेवन करें।
  • रात के खाने और नाश्ते के बीच कम से कम 12-17 घंटे का अंतर रखें। रात खाना सूर्यस्त से पहले, अगले दिन नाश्ता सुबह 10 बजे के से शुरूआत करें।
  • सुबह गर्मा पानी, नींबू का रस और एक चम्मच सेब का सिरका के सवेन से शुरूआत करें। इसके अलावा कच्ची लहसून के 2 टुकड़ों को भी साथ में खाए। इसके बाद कच्ची हल्दी और 9 से 10 से 10 नीम के पच्चे का सेवन करें। हो सके तो इनका काढ़ा भी बना सकते हैं।
  • शहतूत, ब्लैकबेरी, स्ट्रॉबेरी या अनार जैसे फल, गाजर, चुकंदर और आंवले का रस, एक चम्मच सभी बीज (कद्दू के बीच, सफेद तिल, सूरजमुखी के बीच व अलसी/चिया सीड्स) का सेवन करें।
  • 3 टुकड़े अखरोट, 2 टुकड़े ब्राजील नट्स या बादाम (सभी को रात में भिगोना चाहिए का सेवन करें। स्नैकिंग में मखाना (सेंधा नमक के साथ) और स्वस्थ्य फैट्स के लिए नारियल मलाई या एवोकाडो का सेवन करें।
  • दोपहर में सफेद पेठा का रसम या संतरे, हलदी और अदरक का जूस या अदरक, खीरा और अनानस का जूस या घिया का जूस का सेवन करें।
  • दिन में एक बार हनुमान फल का हरसिंगार का काढ़ा का सेवन करें।
  • शरीर के वजन के 1 प्रतिशत के बराबर सलाद का सेवन करें (उदाहरण के लिए 70 किलो के लिए 700 ग्राम) जिसमें टमाटर, पालक, मशरूम, गाजर, प्याज, मूली, चुकंदर, खीरा, शकरकंद, एवोकाडो, ब्रोकली, हरी बीन्स, लाल हरी पीली शिमला मिर्च शामल हो (कच्चे संयोजन में से कोई भी 4-5, चुकंदर/शकरकंद को पकाया जाना चाहिए)।
  • पक्के हुए भोजन का सीमित सेवन-2 पक्की हुई सब्जियां या 1 पक्की हुई सब्जी और दालें या चन्ना या राजमा 1 से अधिकसर्विंग (कटोरी) नहीं, यदि सेवन किया जाता तो उन्हें रातभर भिगोना चाहिए।
  • दिन में कभी भी खासकर अंतिम भोजन के बाद, गुनगुने पानी के साथ 2 चम्मच इसपगोल का सेवन जरूरी है।
  • कैंसर की जीवन रेखा खाद्य पदार्थों का पूर्ण निष्कासन-रिफाइंड कार्ब्स, रिफाइंड चीनी, रिफाइंड तेल, दूध उत्पाद और किसी भी प्रकार के पैक्ड भोजन का सेवन न करें।
  • उपयोग किए जाने वाले तेल कोल्ड प्रेस्ड नारियल तेल/कोल्ड प्रेस्ड सरसो का तेल (कच्ची घानी)/कोल्ड प्रेस्ड जैतून का तेल-कभी भी रिफाइंड तेल का सेवन नहीं।
  • चपाती/रोटी केवल क्विनोआ आटे/बादाम के आटे/सिंघारा आटा से तैयार की जानी चाहिए, उबला हुआ क्विनोआ, चावल का सबसे अच्छा विकल्प है।
  • दूध उत्पादों को घर के बने बादाम के दूध/नारियल के दूध/नारियल दही से बदलें।
  • कभी-कभी करेले के रस का सेवन संतरे/चकोत्रा के साथ जूस बनाकर करें।
  • नियमित रूप से 50 से 70 ग्राम हरी पत्तियों का सेवन करना महत्वपूर्ण है। पालक/नीम/कड़ी पत्ते/लेट्यूस/धनिया/पुदीने के पत्ते/मूली के पत्ते/चुकंदर के पत्ते/किसी भी सलाद के पत्ते जिन्हें हरा रक्त कहा जाता है।
  • किसी भी तरह के सोडा या कार्बोनेटेड कोल्ड ड्रिंक का सेवन न करें और सफेद नमक को सेंधा नमक में बदलें।
  • किसी भी रूप में नियमित रूप से व्यायाम करें, चलना/योग या कुछ भी करें क्योंकि यह शरीर की बेहतरी के लिए उपचारात्मक दवा है।
  • परिवार और दोस्तों से निरंतर प्रेरणा और प्यार के साथ सकारात्मक मानसिकता अडिग इच्छा शक्ति के लिए प्रोत्साहन होगा।
  • सभी फलों और सब्जियों को बेकिंग सोडा से धोने और फिर एक चुटकी नमक के साथ पानी से धोने के बाद सेवन करें (यह कीटनाशकों को हटाने में मदद करेगा)।
  • मीठे के लिए खजूर कभी-कभी खाया जा सका है, लेकिन बिना किसी चीनी की कोटिंग के क्योंकि खजूर का ग्लाइसेमिकइंडेक्स कम होता है।

सोसाइटी की माँगें
कानूनी नोटिस में नवजोत कौर सिद्धू से यह स्पष्ट करने के लिए कहा गया है कि क्या वह अपने पति के दावों का समर्थन करती हैं और इस बात का सबूत दें कि उन्होंने बिना किसी एलोपैथिक उपचार के केवल आहार परिवर्तन पर भरोसा किया। सोसाइटी ने उनके ठीक होने और इस्तेमाल किए गए किसी भी उपचार पद्धति के दस्तावेजी सबूत मांगे हैं।

विवाद ने देश भर में बहस छेड़ दी है सिद्धू की टिप्पणी ने कैंसर के इलाज के लिए प्राकृतिक उपचार की प्रभावकारिता पर बहस छेड़ दी है। जहाँ कुछ लोगों ने आहार और जीवनशैली पर ध्यान देने की सराहना की, वहीं चिकित्सा विशेषज्ञों सहित अन्य लोगों ने इसे अवैज्ञानिक और भ्रामक होने के लिए आलोचना की। विवाद ने लोगों के बीच भ्रम पैदा करने से बचने के लिए स्वास्थ्य और रोग प्रबंधन के बारे में जिम्मेदार संचार की आवश्यकता को उजागर किया है। इस कानूनी नोटिस के परिणाम से इस मुद्दे पर अधिक स्पष्टता आने की संभावना है। इस कहानी और अधिक अपडेट के लिए, RajyaStar पर बने रहें

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