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ISRO की EOS-08 सैटेलाइट लॉन्चिंग सफल,सबसे छोटे रॉकेट SSLV से भेजा गया; एक साल का यह मिशन आपदा का अलर्ट देगा

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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने एक और सफलता हासिल करते हुए EOS-08 सैटेलाइट को सफलतापूर्वक लॉन्च किया। इस सैटेलाइट को ISRO के सबसे छोटे रॉकेट SSLV (Small Satellite Launch Vehicle) के जरिए अंतरिक्ष में भेजा गया। यह मिशन एक साल के लिए संचालित होगा और इसका मुख्य उद्देश्य आपदा प्रबंधन के लिए अलर्ट प्रदान करना है।

1. EOS-08 सैटेलाइट की विशेषताएं

  • प्रमुख उद्देश्य: EOS-08 सैटेलाइट का मुख्य कार्य पृथ्वी की निगरानी करना है। यह सैटेलाइट आपदा प्रबंधन, मौसम की निगरानी, और अन्य नागरिक गतिविधियों के लिए महत्वपूर्ण डेटा प्रदान करेगा।
  • आपदा अलर्ट: सैटेलाइट से मिले डेटा का उपयोग प्राकृतिक आपदाओं जैसे बाढ़, भूकंप, और चक्रवात जैसी घटनाओं के पूर्वानुमान और अलर्ट जारी करने में किया जाएगा।

2. SSLV रॉकेट की विशेषताएं

  • सबसे छोटा रॉकेट: SSLV ISRO द्वारा विकसित किया गया सबसे छोटा रॉकेट है, जिसे छोटे सैटेलाइट्स को तेजी से और कम लागत में लॉन्च करने के लिए डिजाइन किया गया है। SSLV की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह छोटे उपग्रहों को तेजी से अंतरिक्ष में भेज सकता है, जिससे छोटे मिशनों के लिए यह बहुत उपयोगी साबित हो सकता है।
  • लॉन्चिंग क्षमता: SSLV की लॉन्चिंग क्षमता इसे छोटे सैटेलाइट्स के लिए एक आदर्श विकल्प बनाती है। इसके अलावा, इसका डिज़ाइन और निर्माण इस प्रकार से किया गया है कि इसे कम समय में तैयार किया जा सकता है, जिससे अंतरिक्ष में छोटे मिशनों की संख्या बढ़ाई जा सकती है।

3. महत्व और भविष्य की योजनाएं

  • महत्वपूर्ण कदम: EOS-08 सैटेलाइट का सफल प्रक्षेपण भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह मिशन आपदा प्रबंधन में तेजी लाने और आपदा के समय में अलर्ट देने की प्रक्रिया को और भी बेहतर बनाएगा।
  • ISRO की योजना: इस सफल प्रक्षेपण के बाद, ISRO छोटे और मध्यम आकार के सैटेलाइट्स को SSLV के जरिए लॉन्च करने की योजना बना रहा है, जिससे भारत अंतरिक्ष में अपने उपस्थिति को और भी मजबूत कर सकेगा।

EOS-08 सैटेलाइट की सफल लॉन्चिंग ने भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है, और यह मिशन देश की सुरक्षा और नागरिक सेवाओं में महत्वपूर्ण योगदान देगा।

इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) ने एक और बड़ी सफलता हासिल की है। ISRO ने अपने सबसे छोटे रॉकेट SSLV-D3 (Small Satellite Launch Vehicle) से अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट-8 (EOS-08) को सफलतापूर्वक लॉन्च किया। यह लॉन्च श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से किया गया।

1. लॉन्चिंग की सफलता

इसरो चेयरमैन एस. सोमनाथ ने इस मिशन की सफलता की घोषणा की और पूरी टीम को इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि SSLV-D3 और EOS-08 की सफल लॉन्चिंग से देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम को नई दिशा मिलेगी।

2. EOS-08 सैटेलाइट

  • मुख्य उद्देश्य: EOS-08 सैटेलाइट का उद्देश्य पृथ्वी का अवलोकन करना और आपदा प्रबंधन, मौसम की निगरानी, कृषि, वानिकी और जल संसाधनों के लिए महत्वपूर्ण डेटा प्रदान करना है। यह सैटेलाइट प्राकृतिक आपदाओं के समय पर चेतावनी देने में मददगार होगा।
  • लाभ: सैटेलाइट से प्राप्त डेटा का उपयोग आपदाओं के पूर्वानुमान, कृषि योजनाओं के निर्माण, और विभिन्न प्राकृतिक संसाधनों की निगरानी में किया जाएगा। इससे देश की आपदा प्रबंधन क्षमता में सुधार होगा और आपदा के प्रभावों को कम करने में मदद मिलेगी।

3. SSLV-D3 रॉकेट

  • सबसे छोटा रॉकेट: SSLV-D3 ISRO द्वारा विकसित सबसे छोटा और लचीला रॉकेट है, जिसे विशेष रूप से छोटे उपग्रहों को कम लागत और तेज गति से लॉन्च करने के लिए डिजाइन किया गया है।
  • लॉन्च की विशेषताएं: इस रॉकेट का डिज़ाइन और निर्माण सरल और तेज़ है, जिससे इसे छोटे और मध्यम आकार के सैटेलाइट्स की लॉन्चिंग के लिए आदर्श विकल्प माना जा रहा है।

इस लॉन्चिंग ने ISRO के भविष्य के छोटे सैटेलाइट्स के मिशनों के लिए एक मजबूत नींव रखी है और देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ है।

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