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सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि के खिलाफ अवमानना केस बंद किया,रामदेव-बालकृष्ण की माफी मंजूर की; कहा- आदेश नहीं माना तो सख्त सजा देंगे
सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि योगपीठ के प्रमुख बाबा रामदेव और सीईओ आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ चल रहे अवमानना केस को बंद कर दिया है। यह मामला एक पुराने अदालती आदेश की अवहेलना से संबंधित था।
माफी स्वीकार की गई
बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने अदालत से माफी मांगी थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। माफी मांगते हुए उन्होंने कहा कि भविष्य में वे अदालत के आदेशों का पूरी तरह से पालन करेंगे और ऐसी कोई भी गलती नहीं दोहराएंगे।
सुप्रीम कोर्ट की चेतावनी
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से चेतावनी दी कि यदि भविष्य में वे फिर से अदालत के आदेशों का उल्लंघन करते हैं, तो उन्हें सख्त सजा का सामना करना पड़ेगा। अदालत ने कहा कि अदालत के आदेशों का पालन करना अनिवार्य है और यदि इसका उल्लंघन किया गया, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मामला क्या था?
यह मामला पतंजलि योगपीठ और उसके प्रमुखों द्वारा अदालत के एक आदेश का पालन न करने से जुड़ा था, जिसके कारण उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू की गई थी। सुप्रीम कोर्ट की इस चेतावनी के बाद, उम्मीद की जा रही है कि भविष्य में इस प्रकार की स्थिति से बचने के लिए पतंजलि और उसके प्रमुख अदालत के आदेशों का पूरी तरह पालन करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद, योग गुरु स्वामी रामदेव, और आचार्य बालकृष्ण को बड़ी राहत देते हुए उनके खिलाफ अदालत की अवमानना का केस बंद कर दिया है। यह फैसला उनकी माफी को स्वीकार करते हुए दिया गया।
माफी स्वीकार
स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने अदालत से माफी मांगी थी और आश्वासन दिया कि भविष्य में वे अदालत के आदेशों का पूरी तरह से पालन करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी माफी को स्वीकार किया और मामले को समाप्त कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट की चेतावनी
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि अगर भविष्य में वे फिर से अदालत के आदेशों का उल्लंघन करते हैं, तो उन्हें सख्त सजा का सामना करना पड़ेगा। अदालत ने कहा कि न्यायपालिका के आदेशों का पालन करना सभी के लिए अनिवार्य है, और इसका उल्लंघन गंभीर परिणाम ला सकता है।
इस फैसले के बाद, स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को कानूनी राहत मिली है, लेकिन अदालत की सख्त चेतावनी के बाद उन्हें भविष्य में अधिक सतर्क रहना होगा।
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