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खेल/कूद

क्या भारत-पाक मैच का विजेता सिक्का तय करेगा,2007 के बाद सभी मुकाबले चेजिंग टीम ने जीते; लो-स्कोरिंग हुए सभी मैच

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मोहम्मद नवाज की गेंद पर रविचंद्रन अश्विन एक रन लेते हैं और भारतीय टीम पाकिस्तान पर 4 विकेट से रोमांचक जीत हासिल कर लेती है। अश्विन के साथ उस वक्त क्रीज पर मौजूद विराट कोहली भारतीय जीत के सबसे बड़े हीरो साबित हुए। उन्होंने 53 गेंदों पर 82 रन की बेहतरीन पारी खेली। यह वाकया 2022 में हुए पिछले टी-20 वर्ल्ड कप में भारत-पाकिस्तान मैच का है।

उस मैच का फैसला आखिरी गेंद पर हुआ, लेकिन 9 जून को इसी टूर्नामेंट में जब दोनों टीमें फिर आमने-सामने होंगी तो मुमकिन है कि मुकाबले का नतीजा मैच से पहले ही तय हो जाए। यानी मैच में कौन जीतेगा या कौन हारेगा, यह काफी हद तक टॉस के वक्त ही तय हो सकता है। ऐसा क्यों होगा, आगे समझते हैं…

वर्ल्ड कप में 71% मैच सेकेंड बैटिंग करने वाली टीम ने जीते
भारत और पाकिस्तान के बीच पहली बार कोई टी-20 मुकाबला 2007 के वर्ल्ड कप में ही खेला गया। डरबन में हुआ यह मैच टाई रहा, लेकिन भारत ने बॉल आउट के जरिए मैच जीत लिया। इसे मिलाकर टी-20 वर्ल्ड कप में दोनों के बीच 7 मैच खेले गए। 2007 में दोनों बार पहले बैटिंग करने वाली टीमों को जीत मिली।

2009 और 2010 में दोनों के बीच मैच नहीं हुआ। 2012 से हर वर्ल्ड कप में भारत-पाक मैच हुआ। पांचों बार सेकेंड बैटिंग करने वाली टीम को ही जीत मिली। 2021 में पाकिस्तान ने भारत को एकमात्र वर्ल्ड कप मैच भी सेकेंड बैटिंग करते हुए ही हराया है। यानी सेकेंड बैटिंग करने वाली टीम ने 71% मैच जीते।

दोनों टीमों ने आपस में कुल 12 टी-20 खेले हैं। इनमें भी 9 बार सेकेंड बैटिंग करने वाली टीम को ही जीत मिली, पहले बैटिंग करने वाली टीम ने 3 मैच जीते। यानी पहले गेंदबाजी करने के कॉन्सेप्ट ने 75% मैचों में सफलता दिलाई।

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2021 से टॉप-10 टीमों के 50% टी-20 मैच चेज करने वाली टीमों ने जीते। पहले बैटिंग करने वाली टीमों को 43% बार ही सफलता मिली। बाकी मुकाबले या तो बेनतीजा रहे या टाई रहे हैं। आम तौर पर टी-20 फॉर्मेट में ज्यादातर गेम रात के होते हैं, जहां दूसरी पारी में ओस के कारण बैटिंग करना आसान हो जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि ओस से गेंदबाज बॉल को आसानी से कंट्रोल नहीं कर पाते और बैटर खराब गेंदों पर खुल के शॉट्स खेलने लग जाते हैं। हालांकि, 9 जून को होने वाला भारत-पाकिस्तान मैच डे टाइम में होगा।

नॉकआउट और भारत-पाकिस्तान जैसे हाई प्रेशर मैचों में दबाव पहले बैटिंग करने वाली टीम पर ज्यादा होता है। सेकेंड बैटिंग करने वाली टीम के सामने एक टारगेट होता है, जिस कारण इनिंग बिल्ड करने में आसानी होती है। हाई प्रेशर गेम में पहले गेंदबाजी करना जीत की गारंटी नहीं है, लेकिन इससे दूसरी टीम पर दबाव बनाने का ज्यादा मौका मिलता है।

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