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CM सिद्धारमैया का PM मोदी को दूसरा लेटर,लिखा- प्रज्वल ने अधिकारों का गलत इस्तेमाल किया

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CM सिद्धारमैया का PM मोदी को दूसरा लेटर,लिखा- प्रज्वल ने अधिकारों का गलत इस्तेमाल किया March 14, 2025

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दूसरी बार लेटर लिखा है। CM सिद्धारमैया ने महिलाओं से यौन शोषण के आरोपी हासन सांसद प्रज्वल रेवन्ना का राजनयिक पासपोर्ट तुरंत रद्द करने की मांग की है। सिद्धारमैया ने कहा कि मामला गंभीर होने के बावजूद पिछले लेटर पर कार्रवाई न करना निराश करने वाला है।

इससे पहले 1 मई को भी CM सिद्धारमैया ने PM मोदी को प्रज्वल का पासपोर्ट रद्द करने और उसे भारत लाने में मदद करने के लिए लेटर लिखा था।

प्रज्वल के पिता एचडी रेवन्ना को कर्नाटक की मजिस्ट्रेट कोर्ट इसी केस में जमानत दे चुकी है। उन्हें किडनैपिंग केस में भी 14 मई को जमानत मिल गई थी।

इधर, विदेश मंत्रालय से जुड़े सूत्रों ने बताया है कि उसे कर्नाटक के गृहमंत्री का लेटर मिल चुका है, इस पर कार्रवाई की जा रही है।

सिद्धारमैया के PM को लिखे लेटर की बड़ी बातें…

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  • मैं आपको एक बार फिर घटना की गंभीरता की बताने के लिए लिख रहा हूं। प्रज्वल रेवन्ना पर जो आरोप लगे हैं, उन्होंने न केवल कर्नाटक के लोगों की अंतरात्मा को झकझोर दिया है, बल्कि देश भर में चिंता का माहौल बना दिया है।
  • यह शर्मनाक है कि हासन सांसद प्रज्वल रेवन्ना देश छोड़कर भाग गए। अपने कारनामों की खबर सामने आने और उसके खिलाफ पहली FIR दर्ज होने से कुछ घंटे पहले, 27 अप्रैल को वे अपने राजनयिक पासपोर्ट संख्या D1135500 के जरिए जर्मनी चले गए।
  • कर्नाटक सरकार ने मामले की जांच के लिए का गठन SIT बनाकर न्याय के उद्देश्य को पूरा करने के लिए तुरंत कार्रवाई की है। टीम जांच कर रही है और इसके लिए प्रज्वल के देश में मौजूद होने के लिए प्रयास कर रही है।
  • यह गंभीर चिंता की बात है कि लुक आउट सर्कुलर, ब्लू कॉर्नर नोटिस और धारा CrPC 41ए के तहत जांच अधिकारी के दो नोटिस जारी होने के बावजूद आरोपी प्रज्वल रेवन्ना आज तक छिपने में कामयाब रहा है।
  • प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ FIR में बलात्कार, यौन उत्पीड़न, महिलाओं को निर्वस्त्र करने और पीड़ितों को धमकाने के लिए सेक्शुअल हैरेसमेंट की वीडियोग्राफी करने के आरोप शामिल हैं।
  • केंद्र सरकार को यह बताने की जरूरत नहीं है कि विशेषाधिकारों के दुरुपयोग और कानूनी कार्यवाही में सहयोग न करने पर केंद्र सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए ताकि आरोपी जांच और मुकदमे का सामना करने के लिए मौजूद रहे।
  • यह निराशाजनक है कि इस मुद्दे पर इसी तरह की चिंताओं को उठाने वाले मेरे पिछले लेटर पर, मेरी जानकारी के मुताबिक हालात की गंभीरता के बावजूद कार्रवाई नहीं की गई है।
  • मैं अपील करता हूं कि कृपया इस मामले पर पूरी गंभीरता से विचार करें और पासपोर्ट अधिनियम, 1967 की धारा 10 (3) (एच) या किसी अन्य कानून के तहत प्रज्वल रेवन्ना के राजनयिक पासपोर्ट को रद्द करने के लिए तुरंत कार्रवाई करें।
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