दिल्ली

5 महीने से सैलरी ना मिलने से नाराज डीटीसी बस मार्शलो का केजरीवाल के घर के बाहर प्रदर्शन

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दिल्ली की डीटीसी बसों में महिलाओं और दिल्लीवालों को सुरक्षा देने वाले बस मार्शल खुद आपने आप को सुरक्षित नहीं महसूस कर रहे हैं. इन मार्शल को पिछले 4 से 5 महीने की सैलरी नहीं मिली है जिसके कारण ये लोग रोटी रोटी को मोहताज हो रहे हैं.

मार्शल चंद्रशेखर के मुताबिक पिछले 5 महीने से उनको डीसी विभाग की तरफ से एक पैसा नहीं मिला. सिविल डिफेंस के लिए वालंटियर डीटीसी बस के अंदर मार्शल के तौर पर काम करते हैं जिनको रोजाना 840 रुपए में दाना मिलता है अब ऐसे में जब 5 महीने सैलरी नहीं मिलेगी तो वह अपना घर कैसे चलाएंगे.

मार्शल अंजू के मुताबिक 4 महीने से उनको सैलरी नहीं मिली है. स्कूल के बच्चे की फीस जमा करनी है, स्कूल वाले बार-बार स्कूल से नाम काटने की धमकी देते हैं. कोई सुनने को राजी नही है. मजबूरन पड़ोसियों से पैसे उधार लेकर बच्चों की फीस जमा करनी पड़ रही है.

कितने मार्शल दिल्ली में हैं तैनात

दिल्ली की डीटीसी बसों में लगभग 16000 मार्शल काम करते हैं. यह मार्शल दिन-रात बसों में तैनात रहते हैं. इनमे से कुछ एडीएम में भी तैनात रहते हैं. दिल्ली में लगभग 2500 डीटीसी बसे हैं और लगभग 6 से 7 हजार कलस्टर बसे हैं. दिल्ली में लगभग 6 हजार महिला मार्शल हैं और 10 हजार पुरुष मार्शल हैं. इन मार्शालो को महिला की सुरक्षा के लिए दिल्ली सरकार ने 2016 में बसों में तैनात किया था. उस टाइम बसों में महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की कई वारदाते होती थी. साथ ही चोरी की वारदाते होती थी, जिनको रोकने के लिए और महिलाओं को सुरक्षा देने के लिए केजरीवाल सरकार ने ये फैसला लिया था.

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क्या कहना है सरकार का

दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने बयान जारी कर कहा है कि केजरीवाल सरकार के मंत्री के आदेश के बावजूद सिविल डिफेंस वालेंटियर्स और बस मॉर्शल को उनका वेतन नहीं दिया जा रहा है. बीते 3 सितंबर को केजरीवाल सरकार के राजस्व मंत्री आतिशी ने प्रधान राजस्व सचिव को सात दिन के अंदर सिविलि डिफेंस वालेंटियर्स और बस मॉर्शल का वेतन जारी करने का आदेश दिया था. लेकिन मंत्री के आदेश के बाद भी अभी तक उनका वेतन नहीं जारी किया गया है. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अध्यादेश 2023 के आने के बाद से यह दिक्कत सामने आ रही है और मंत्री के आदेश के बावजूद इनको वेतन नहीं दिया जा रहा है. वेतन न मिलने से सिविल डिफेंस वालेंटियर्स और बस मॉर्शल के सामने आर्थिक संकट पैदा हो गया है.

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