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4 शुभ योग में गणेश चतुर्थी आज,गणपति स्थापना का सबसे अच्छा मुहूर्त सुबह 11.20 से, जानिए गणेश पुराण के अनुसार पूजन विधि

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आज गणेश चतुर्थी का पावन पर्व 4 शुभ योगों में मनाया जा रहा है। यह पर्व भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है, और इस दिन गणपति की स्थापना और पूजन का विशेष महत्व होता है।

शुभ योग:

आज गणेश चतुर्थी के दिन 4 शुभ योग बन रहे हैं, जो इसे और भी खास बनाते हैं:

  1. शुक्ल योग
  2. ब्रह्म योग
  3. अमृत योग
  4. रवि योग

इन शुभ योगों में पूजा और गणपति स्थापना करना अत्यधिक फलदायी माना जाता है।

सबसे अच्छा मुहूर्त:

गणपति स्थापना के लिए सबसे शुभ मुहूर्त सुबह 11:20 बजे से शुरू हो रहा है। इस समय भगवान गणेश की स्थापना करने से घर में सुख, शांति, और समृद्धि का वास होता है।

गणेश पुराण के अनुसार पूजन विधि:

  1. गणेश स्थापना: पहले गणपति की मूर्ति या चित्र को एक स्वच्छ और पवित्र स्थान पर रखें।
  2. कलश स्थापना: पूजा स्थान पर एक कलश स्थापित करें, जिसमें जल, सुपारी, फूल और दूर्वा रखें।
  3. आवहन: गणेश जी का ध्यान करते हुए “ॐ गं गणपतये नमः” मंत्र का जाप करें और उनका आव्हान करें।
  4. पूजन सामग्री: गणपति को रोली, चंदन, दूर्वा, फूल, पान के पत्ते, सुपारी, नारियल और मोदक अर्पित करें।
  5. आरती: पूजन के बाद गणेश जी की आरती करें और परिवार के सभी सदस्य प्रसाद ग्रहण करें।
  6. प्रसाद: गणपति को मोदक, लड्डू या कोई मीठी चीज़ का भोग लगाएं। उन्हें दूर्वा (घास) अत्यधिक प्रिय है, इसे अर्पित करना शुभ माना जाता है।

गणेश चतुर्थी पर इस विधि से पूजा करने से भगवान गणेश की विशेष कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सभी विघ्न और बाधाएं दूर होती हैं।

इस साल गणेश चतुर्थी पर विशेष ज्योतिषीय संयोग बन रहे हैं, जिनमें सुमुख योग प्रमुख है। सुमुख स्वयं भगवान गणेश का एक नाम है, जिसका अर्थ है “सुंदर मुख वाले।” इस योग में गणपति की स्थापना करना अत्यधिक शुभ और फलदायी माना जाता है। इसके साथ ही पारिजात, बुधादित्य, और सर्वार्थ सिद्धि जैसे शुभ योग भी बन रहे हैं, जो इस पर्व को और भी विशेष बना रहे हैं।

प्रमुख योग:

  1. सुमुख योग: यह गणेशजी का एक नाम है और इस योग में उनकी स्थापना करने से शुभ फल कई गुना बढ़ जाता है।
  2. पारिजात योग: यह योग जीवन में सौभाग्य और समृद्धि लाता है।
  3. बुधादित्य योग: इस योग में बुद्धि और ज्ञान की वृद्धि होती है, जो भगवान गणेश के ज्ञान और विवेक के प्रतीक होने के कारण विशेष महत्व रखता है।
  4. सर्वार्थ सिद्धि योग: इस योग में सभी कार्य सफलतापूर्वक संपन्न होते हैं, और विघ्नों का नाश होता है।

गणेश स्थापना का महत्व:

गणेश चतुर्थी पर इन 4 शुभ योगों के बनने से गणपति की स्थापना और पूजन का महत्व और अधिक बढ़ गया है। ज्योतिषियों के अनुसार, इस विशेष चतुर्महा योग में गणेश जी की स्थापना करने से घर में सुख-समृद्धि, धन-धान्य, और विघ्नों का नाश होता है।

गणपति की पूजा और स्थापना का यह दिन बेहद शुभ और मंगलकारी माना जा रहा है।

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