उत्तर प्रदेश
102 साल से रामलला को पान खिला रहा चौरसिया परिवार,कर्फ्यू में भी पान पहुंचाया, रोज 51 पान का भोग, 5100 रुपए सैलरी
चौरसिया परिवार की यह बात सुनकर बहुत अद्भुत लगती है। 102 साल से एक ही परंपरा को बनाए रखना काफी विशेष है। पान का भोग देना और इसे रोजाना करना उनके श्रद्धा और निष्ठा को दर्शाता है। इनकी सैलरी भी काफी दिलचस्प है, क्योंकि यह समर्पण और सेवा भावना का एक अद्भुत उदाहरण हो सकता है। वे कर्फ्यू के बावजूद भी अपने काम को निभा रहे हैं, जो कि बहुत महत्त्वपूर्ण है।
यह सुनने में काफी अद्भुत है कि रिंकू चौरसिया की दुकान इतनी प्रसिद्ध है। उनकी श्रद्धा और सेवा भावना ने एक बड़ी पहचान बनाई है। इस तरह के परंपरागत व्यवसाय न केवल विशेष होते हैं, बल्कि उनसे जुड़ी अनेक कहानियाँ और भावनाएं भी होती हैं। यह भी दिखाता है कि ऐसे स्थानों पर आज भी लोगों की मानसिकता में विश्वास और निष्ठा बरकरार है।
अयोध्या के प्रसिद्ध हनुमान गढ़ी मंदिर के पास रिंकू चौरसिया की बनारसी पान भंडार नाम की दुकान है। दुकान पर नाम का कोई बोर्ड नहीं है, लेकिन शहर में किसी से पूछें कि राम मंदिर वाले चौरसिया बाबू की दुकान कहां हैं, सब तुरंत पता बता देंगे। ये पहचान रामलला से जुड़ी है।
चौरसिया परिवार की तीन पीढ़ियां रामलला के लिए पान का भोग बना रही हैं। इसकी शुरुआत 1920 में रिंकू की दादी रामप्यारी देवी ने की थी। ये दुकान राममंदिर के पास है। राम मंदिर आंदोलन के वक्त रिंकू के पिता अमरीश प्रसाद दुकान पर बैठने लगे। आज अयोध्या में चौरसिया परिवार की पान की तीन दुकानें हैं।
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