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खेल/कूद

हरियाणवी छोरी ने देश को दिलाया पहला मेडलपे,रिस ओलिंपिक में जीता ब्रॉन्ज, पहली भारतीय महिला शूटर बनीं, दादी बोलीं- सोने की टूम पहनाऊंगी

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हरियाणा की एक युवा छोरी ने पेरिस ओलिंपिक में भारत को पहला मेडल दिलाकर इतिहास रच दिया। इस विशेष उपलब्धि के साथ, वह पहली भारतीय महिला शूटर बन गईं जिन्होंने ओलिंपिक खेलों में ब्रॉन्ज़ मेडल जीता। उनकी इस शानदार सफलता ने न केवल खेल जगत में भारत का नाम रोशन किया, बल्कि देश भर में उन्हें एक नायक के रूप में सम्मानित किया। उनकी दादी, जो हमेशा उनकी प्रेरणा और समर्थन रही हैं, ने गर्व से कहा कि वह अपनी पोती को सोने की टूम पहनाएंगी, यह दर्शाता है कि परिवार की तरफ से भी उन्हें भरपूर प्यार और सम्मान मिला है। इस तरह की सफलता से भारत की युवा प्रतिभाओं को प्रेरणा मिली है और खेलों में देश के प्रति उनकी उम्मीदें और बढ़ गई हैं।

इंडियन शूटर और हरियाणा की बेटी मनु भाकर ने रविवार को पेरिस में चल रहे ओलिंपिक गेम्स-2024 में भारत को पहला मेडल दिला दिया। मनु ने 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में शानदार प्रदर्शन करते हुए ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया। रविवार को फाइनल के दौरान, मनु ने कोरियन शूटर के साथ जोरदार मुकाबला किया और अपनी शानदार शूटिंग के जरिए कांस्य पदक जीता। उनकी इस उपलब्धि ने न केवल भारतीय खेलों में एक नया इतिहास रचा, बल्कि देश को गर्व की अनुभूति भी कराई। मनु की इस मेहनत और लगन ने उन्हें ओलिंपिक मंच पर चमकने का अवसर प्रदान किया और उनकी सफलता ने युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का काम किया।

हरियाणा की शूटर मनु भाकर ने रविवार को पेरिस ओलिंपिक गेम्स-2024 में भारत को पहला मेडल दिलाया। मनु ने 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में अपने बेहतरीन प्रदर्शन से ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया, जो भारत की ओलिंपिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

फाइनल की संपूर्ण कहानी:

**1. क्लासिकल कॉम्पिटिशन: फाइनल में, मनु ने बेहद प्रतिस्पर्धी माहौल में भाग लिया। इस इवेंट में, दुनिया के शीर्ष शूटरों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। विशेषकर, कोरियन शूटर ने मुकाबले को चुनौतीपूर्ण बना दिया।

**2. नवीनता और दबाव: मनु की चुनौतीपूर्ण स्थिति ने उसकी मानसिक मजबूती और तकनीकी कौशल को परखा। फाइनल राउंड में, उसने अपनी तात्कालिकता और शॉट्स की सटीकता से ध्यान आकर्षित किया।

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**3. ब्रॉन्ज मेडल की जीत: फाइनल में शानदार शूटिंग के साथ, मनु ने तीसरे स्थान पर कब्जा जमाया और ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया। यह जीत उनकी कठिन मेहनत और तैयारी का परिणाम थी, जिसने उन्हें इस प्रतिष्ठित मंच पर सफलता दिलाई।

**4. साक्षात्कार और सम्मान: मेडल जीतने के बाद, मनु ने मीडिया से बात की और अपनी यात्रा, संघर्ष, और इस उपलब्धि के प्रति अपनी खुशी और आभार व्यक्त किया।

**5. दादी की प्रतिक्रिया: मनु की दादी, जो हमेशा उसकी प्रेरणा रही हैं, ने गर्व के साथ कहा कि वह अपनी पोती को सोने की टूम पहनाएंगी। यह बयान उनके परिवार की भावनात्मक खुशी और समर्थन को दर्शाता है।

**6. राष्ट्रीय गर्व और प्रेरणा: मनु की इस उपलब्धि ने पूरे देश को गर्वित किया और युवा खिलाड़ियों के लिए एक प्रेरणास्त्रोत साबित हुई। यह ब्रॉन्ज मेडल भारतीय खेलों के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है और भविष्य में और अधिक सफलता की उम्मीदें जगा रहा है।

**7. भविष्य की योजनाएँ: इस सफलता के बाद, मनु ने आगामी प्रतियोगिताओं और ओलिंपिक में और बेहतर प्रदर्शन की तैयारी का संकल्प लिया। उसके लिए यह एक नए उत्साह की शुरुआत है, और वह आगामी खेलों में भी भारत का मान बढ़ाने का लक्ष्य रखती हैं।

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मनु भाकर की यह उपलब्धि न केवल उनकी व्यक्तिगत मेहनत का परिणाम है, बल्कि भारतीय खेलों की बढ़ती पहचान का प्रतीक भी है। उनकी सफलता ने पूरे देश में एक सकारात्मक सन्देश दिया और खेलों में भारत की शक्ति को दर्शाया।

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