मध्य प्रदेश
सवारी शुरू, प्रजा का हाल जानने निकले महाकाल,1500 लोगों ने एक साथ 10 मिनट तक बजाए डमरू, बना वर्ल्ड रिकॉर्ड
सावन के तीसरे सोमवार को उज्जैन में महाकाल की सवारी के दौरान एक अद्वितीय और ऐतिहासिक आयोजन हुआ। इस आयोजन में 1500 लोगों ने एक साथ 10 मिनट तक डमरू बजाकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया। यह आयोजन महाकाल लोक के पास शक्ति पथ पर हुआ और इसके माध्यम से उज्जैन का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ है।
आयोजन के मुख्य बिंदु
1. महाकाल की सवारी
महाकाल की सवारी उज्जैन में एक प्रमुख धार्मिक आयोजन है। सावन के महीने में हर सोमवार को यह सवारी निकाली जाती है, जिसमें हजारों श्रद्धालु भाग लेते हैं। महाकाल की सवारी के दौरान भगवान शिव के रथ को नगर में घुमाया जाता है ताकि वे अपनी प्रजा का हाल जान सकें और उन्हें आशीर्वाद दे सकें।
2. डमरू वर्ल्ड रिकॉर्ड
1500 लोगों ने एक साथ 10 मिनट तक डमरू बजाकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया। डमरू भगवान शिव का प्रिय वाद्य यंत्र है और इसका धार्मिक महत्व भी बहुत अधिक है। इस आयोजन ने उज्जैन को एक नई पहचान दी है और धार्मिक एवं सांस्कृतिक इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ा है।
3. गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज
उज्जैन का नाम अब सबसे अधिक लोगों के एक साथ डमरू बजाने के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज हो गया है। यह आयोजन उज्जैन और महाकालेश्वर मंदिर के लिए गर्व की बात है और शहर की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को और मजबूत करता है।
आयोजन का महत्व
- धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व: सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा-अर्चना का विशेष महत्व है। डमरू बजाना शिव की आराधना का महत्वपूर्ण हिस्सा है और इस आयोजन ने इस पवित्र महीने में एक नई धार्मिक ऊँचाई को छुआ है।
- सांस्कृतिक और सामूहिक महत्व: यह आयोजन भारतीय संस्कृति और धार्मिक परंपराओं को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित करता है। इतनी बड़ी संख्या में लोगों का एक साथ आकर एक ही उद्देश्य के लिए प्रयास करना सामूहिकता और एकता का प्रतीक है।
- वैश्विक पहचान: उज्जैन का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज होना न केवल शहर के लिए गर्व की बात है, बल्कि यह दुनिया भर में भारतीय धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को पहचान और सम्मान भी प्रदान करता है।
प्रजा का हाल जानने निकले महाकाल
महाकाल की सवारी के दौरान भगवान शिव अपनी प्रजा का हाल जानने के लिए नगर में भ्रमण करते हैं। यह आयोजन श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुभव होता है और वे इस दौरान अपने आराध्य से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
भविष्य की दिशा
यह आयोजन उज्जैन के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को और बढ़ाता है और आने वाले समय में भी इस प्रकार के आयोजन शहर की पहचान को और मजबूत करते रहेंगे।
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