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शेख हसीना ने हटाया था हिंदी फिल्मों से बैन,पठान’ थी बांग्लादेश में रिलीज होने वाली पहली बॉलीवुड फिल्म, अश्लील फिल्मों से बर्बाद हुई इंडस्ट्री

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बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कुछ समय पहले हिंदी फिल्मों पर लगे बैन को हटाने का महत्वपूर्ण फैसला लिया था। इस निर्णय के बाद, शाहरुख खान की फिल्म ‘पठान’ बांग्लादेश में रिलीज होने वाली पहली बॉलीवुड फिल्म बनी।

बैन हटाने का कारण

शेख हसीना का यह कदम बांग्लादेशी फिल्म उद्योग (ढाका फिल्म इंडस्ट्री) को पुनर्जीवित करने की कोशिश के रूप में देखा गया। बांग्लादेश में 1970 के दशक से हिंदी फिल्मों पर प्रतिबंध था, जो स्थानीय फिल्म उद्योग को बचाने के लिए लगाया गया था। हालांकि, समय के साथ, ढाका फिल्म इंडस्ट्री में गिरावट आई और कई फिल्में अश्लीलता से प्रभावित हो गईं, जिससे दर्शकों का रुझान घट गया।

‘पठान’ की रिलीज

‘पठान’ की रिलीज ने बांग्लादेशी फिल्म बाजार में नई उम्मीदें जगाईं। यह फिल्म बांग्लादेश में काफी लोकप्रिय हुई और दर्शकों ने इसे बड़े उत्साह से देखा। बॉलीवुड फिल्मों की गुणवत्ता और लोकप्रियता को देखते हुए, यह निर्णय लिया गया कि हिंदी फिल्मों को बांग्लादेश में प्रदर्शित किया जाएगा ताकि फिल्म उद्योग को नए सिरे से संवारा जा सके।

बांग्लादेशी फिल्म इंडस्ट्री का संकट

बांग्लादेशी फिल्म इंडस्ट्री को कई सालों से कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था। खराब गुणवत्ता की फिल्मों और अश्लील सामग्री के बढ़ते प्रचलन के कारण दर्शकों का सिनेमा से मोहभंग हो गया था। हिंदी फिल्मों की वापसी को एक नई शुरुआत के रूप में देखा गया, जो उद्योग को फिर से जीवंत कर सकती है।

शेख हसीना का यह कदम न केवल बांग्लादेश के फिल्म उद्योग के लिए एक नई दिशा हो सकता है, बल्कि भारतीय फिल्म उद्योग के साथ सांस्कृतिक आदान-प्रदान को भी बढ़ावा दे सकता है।

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बांग्लादेश इन दिनों शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद सुर्खियों में है। शेख हसीना एक महत्वपूर्ण राजनीतिक शख्सियत रही हैं, जिन्होंने देश में कई प्रमुख बदलाव किए हैं। इनमें से एक प्रमुख कदम था हिंदी फिल्मों पर लगे बैन को हटाना।

हिंदी फिल्मों पर बैन का इतिहास

1971 में बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम के बाद, भारतीय फिल्मों पर बांग्लादेश में बैन लगा दिया गया था। इसका उद्देश्य था बांग्लादेशी फिल्म उद्योग को बढ़ावा देना और स्थानीय संस्कृति को संरक्षित करना। हालांकि, इस बैन के चलते हिंदी फिल्मों की लोकप्रियता बांग्लादेश में घट गई, और धीरे-धीरे बांग्लादेशी फिल्म उद्योग में गिरावट आने लगी।

शेख हसीना का निर्णय

शेख हसीना ने महसूस किया कि बांग्लादेशी फिल्म उद्योग को पुनर्जीवित करने के लिए बदलाव की आवश्यकता है। इसी को ध्यान में रखते हुए उन्होंने हिंदी फिल्मों पर लगे प्रतिबंध को हटाने का निर्णय लिया। यह कदम न केवल बांग्लादेशी दर्शकों के लिए एक नई शुरुआत थी, बल्कि इससे बांग्लादेश में भारतीय फिल्मों की लोकप्रियता भी वापस आई।

‘पठान’ की रिलीज

शेख हसीना के इस निर्णय के बाद, शाहरुख खान की फिल्म ‘पठान’ बांग्लादेश में रिलीज होने वाली पहली बॉलीवुड फिल्म बनी। इस फिल्म की रिलीज ने बांग्लादेशी फिल्म उद्योग में एक नई ऊर्जा का संचार किया और दर्शकों ने इसे बड़े उत्साह के साथ देखा।

बांग्लादेशी फिल्म उद्योग का संकट

हिंदी फिल्मों पर लगे बैन के बावजूद, बांग्लादेशी फिल्म उद्योग में अश्लीलता और खराब गुणवत्ता वाली फिल्मों के कारण गिरावट आई। इसके परिणामस्वरूप, दर्शकों का सिनेमा के प्रति आकर्षण कम हो गया। शेख हसीना के बैन हटाने के फैसले को उद्योग को पुनर्जीवित करने के प्रयास के रूप में देखा गया।

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शेख हसीना का इस्तीफा और आगे की राह

शेख हसीना के इस्तीफे के बाद, बांग्लादेश एक नई राजनीतिक दिशा की ओर बढ़ रहा है। उनके द्वारा उठाए गए कदम, जैसे कि हिंदी फिल्मों पर से बैन हटाना, बांग्लादेशी समाज और संस्कृति में उनके योगदान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गए हैं। अब यह देखना होगा कि उनका उत्तराधिकारी इन नीतियों को कैसे आगे बढ़ाता है और बांग्लादेश के फिल्म उद्योग को किस दिशा में ले जाता है।

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