Connect with us

राजस्थान

राहुल नेताओं के शिकवे-शिकायतें सुनने के इच्छुक नहीं,‘भारत को जानने’ की यात्रा में पायलट-गहलोत की बात गायब…

Published

on

साहब! राजस्थान में छह बजे कुछ ज्यादा जल्दी है। अंधेरा रहता है। ठंडे दिन भी शुरू हो गए हैं। यात्रा का समय कुछ बढ़ाएं …। एक नेता ने जैसे ही राहुल गांधी से यह अनुरोध करना चाहा राहुल बोले- इसी भरी ठंड में किसान को खेत में तड़के पानी देते नहीं देखते? यही समय ठीक है।

राहुल की जिद और साथ देने की नेताओं की मजबूरी के बीच संघर्ष यहीं से शुरू हो जाता है। फिर सामने आते हैं तालमेल बैठाने के कुछ सफल, कुछ असफल प्रयास। ज्यादातर नेता राहुल के घेरे में एक दफा शक्ल दिखा कर, कुछ कदम चल कर अपने ड्राइवर को मोबाइल लोकेशन भेजते दिखे।

आखिर राहुल यात्रा में बात क्या कर रहे हैं? क्या उनकी चर्चा में गहलोत-पायलट मुद्दा था? क्या उन्होंने गुजरात का एग्जिट पोल डिस्कस किया? सबने अलग-अलग यही बताया कि राहुल को इस सबसे कोई लेना-देना हो ऐसा दिखा नहीं। वे वाकई ‘भारत को जानने’ की अपनी यात्रा में जुटे हैं।

मंगलवार सुबह सहरिया समाज से एक व्यक्ति पास आया। बोला- औने-पौने दाम में लोग जमीन खरीद लेते हैं। फार्म हाऊस बना लेते हैं? हमारे हक का क्या? राहुल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुद्दे पर विस्तार से बात की। जनजातियों की दिक्कतें क्या हैं? इनके जमीन के मुद्दे पर कानूनन क्या हो सकता है, क्या नीति बननी चाहिए?

प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा लगातार डी में राहुल के साथ रहे। वे कहते हैं, राहुल जाति, जनजाति, युवा, महिलाओं के मुद्दे समझने के लिए खासे गहराई में जाते हैं। हर व्यक्ति से यह सवाल जरूर करते हैं- सरकारों से क्या उम्मीद करते हो?

Advertisement

दिव्या मदेरणा डी में सबसे आगे नजर आती हैं और वे कहती हैं- जहां से भी राहुल गुजरते हैं, वहां किसान की आर्थिकी कैसी है, खेत कितने बड़े हैं, कौनसी फसल बोते हैं, यूरिया की शॉर्टेज है तो आखिर क्यों है, यही उनके सवाल होते हैं। हर मुद्दे पर लोगों से समाधान जरूर पूछते हैं। राहुल के साथ हाथ में हाथ लिए आपका फोटो? यह पूछने पर दिव्या कहती हैं- इसे पीढ़ियों का जुड़ाव और पार्टी के प्रति विश्वास, निष्ठा, समर्पण का प्रतिनिधि चित्र मान लीजिए।

कोई हट कर सवाल किसी नेता से राहुल ने पूछा तो वह वैभव गहलोत से। वैभव जब नए बनने जा रहे क्रिकेट स्टेडियम की जानकारी राहुल को दे रहे थे तो राहुल ने पूछा- बचपन में क्रिकेट खेलते थे? कुछ नेता नजर आए जो राहुल से राजनीतिक शिकवे-शिकायत करना चाह रहे थे। राहुल सुनने को बिल्कुल भी इच्छुक नहीं दिखे।

राजस्थान में यात्रा की शुरुआत एमपी बोर्डर पर चंवली से हुई। यहां से लेकर झालावाड़ तक पायलट समर्थकों ने इतने पोस्टर- बैनर लगाए कि नए पोस्टर लगने की जगह ही नहीं बची। स्थानीय नेता शैलेन्द्र यादव उर्फ कालू भैया इस दौड़ में सबसे आगे थे।

पुलिस ने उनके लगाए होर्डिंग उतारने शुरू कर दिए। मौके पर पहुंच कर कालू भैया ने आपत्ति ली तो रुके। यानी भले ही राहुल राजस्थान के दो धड़ों पर बात न करना चाह रहे हों लेकिन पूरे रास्ते उन्हें गहलोत-पायलट गुट की होड़ नजर आती रहेगी।

  • महाराष्ट्र की अतीशा 2500 किमी यात्रा कर चुकी हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स कम्युनिकेशन में इंजीनियर हैं। जिस दिन यात्रा शुरू होनी थी उसी दिन एयर इंडिया में जाकर नौकरी जॉइन करनी थी। नहीं की।
  • एक तरफ अतीशा है तो दूसरी तरफ कन्याकुमारी से साथ चल रहे कबीर जो कहते हैं कि पिता-भाई फौज में हैं वे भी जाना चाहते थे पर मोदीजी चार साल का अग्निवीर ले आए, क्या करूं? इसी के विरोध में यात्रा कर रहा हूं।
  • हिमाचल के 24 वर्षीय सूरज के दोनों हाथ नहीं हैं। तेलंगाना से यात्रा में चल रहे हैं। यात्रा से क्या बदलेगा, पूछने पर कहते हैं- मुझे नहीं पता। मैं तो बस ट्रैकिंग का आदी हूं, यहां भी चल रहा हूं। 13 किमी रोज चलता हूं। बीच में गोलगप्पे खाकर बीमार हो गया था अब सब ठीक है।
  • दौसा में ग्राम पंचायत सरपंच रचना महाराष्ट्र में जाकर यात्रा से जुड़ गईं थीं। दौसा की कौनसी समस्या की तरफ राहुल जी का ध्यान दिलाना चाहिए? रचना सवाल से बच कर कहती हैं- यह यात्रा राजनीतिक नहीं है।
  • राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का आज राजस्थान में तीसरा दिन है। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा ने हाड़ौती की सियासत को गरमा ​दिया है। पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के क्षेत्र से निकलकर अब यात्रा कोटा जिले में चल रही है। 
Continue Reading
Advertisement
Click to comment

You must be logged in to post a comment Login

Leave a Reply