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राहुल गुस्से में बोले- मां आप PM नहीं बनेंगी,मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री कैसे बने, जिन्हें राजीव ने कभी ‘जोकर’ कहा..
राजीव गांधी के प्रधानमंत्री काल का किस्सा राजनीतिक और समाजिक इतिहास के महत्वपूर्ण पन्नों में गिना जाता है। 1985 से 1990 तक के पंचवर्षीय योजना के लिए एक मीटिंग आयोजित की गई थी। उस समय, योजना आयोग के उपाध्यक्ष मनमोहन सिंह ने एक प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किया। मनमोहन सिंह का फोकस गांवों और गरीबों पर था, जबकि राजीव गांधी का विजन शहरी डेवलपमेंट का था। वे बड़े-बड़े हाईवे, मॉल, और अस्पतालों की विकास की बात करते थे।
राजीव गांधी की शहरी विकास के उपायों पर जोर देने का प्रयास देश को विकसित और मॉडर्न बनाने की दिशा में एक नया दृष्टिकोण प्रदान किया। इसके विपरीत, मनमोहन सिंह ने गरीबी और ग्रामीण विकास को प्राथमिकता दी और उन्होंने सामाजिक न्याय और समाज की सर्वोपरि स्थिति को ध्यान में रखा।
यह घटना राजीव गांधी के नेतृत्व के दौरान देश के विकास और उसकी दिशा के संबंध में आई विभिन्न दृष्टिकोणों को उजागर करती है। इससे साफ होता है कि उनके प्रधानमंत्री काल में भारतीय राजनीति और समाज में विकास के साथ-साथ उत्कृष्टता की दिशा में एक नया युग आरंभ हुआ।
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