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राष्ट्रपति मुर्मू ने 76 वीरता पुरस्कारों को मंजूरी दी,इसमें 4 कीर्ति और 11 शौर्य चक्र सहित 52 सेना मेडल शामिल..

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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 77वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर सशस्त्र बलों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) के कर्मियों के लिए 76 वीरता पुरस्कारों को मंजूरी दी है। इनमें 4 कीर्ति चक्र (मरणोपरांत) और 11 शौर्य चक्र शामिल हैं। 11 शौर्य चक्र में से पांच मरणोपरांत हैं।

इनके अलावा, 2 बार टू सेना मेडल (वीरता), 52 सेना पदक (वीरता), 3 नौसेना पदक (वीरता) और 4 वायु सेना पदक (वीरता) को भी मंजूरी दी गई हैं। अशोक चक्र के बाद कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र भारत के दूसरे और तीसरे सबसे बड़े शांतिकालीन वीरता पुरस्कार हैं।

इन्हें मरणोपरांत मिला कीर्ति और शौर्य चक्र
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित होने वालों में दिलीप कुमार दास, राज कुमार यादव, बब्लू राभा और संभा रॉय हैं। ये सभी केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के कर्मी थे।

मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित होने वालों में सेना के विमानन स्क्वॉड्रन मेजर विकास भांभू और मेजर मुस्तफा बोहरा शामिल हैं। राजपूताना राइफल्स के हवलदार विवेक सिंह तोमर और राष्ट्रीय राइफल्स के राइफलमैन कुलभूषण मंटा को भी यह पुरस्कार दिया गया।

सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स को 33 वीरता पदक मिले
सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF) को 33 वीरता पदक दिए गए हैं। इसमें जम्मू और कश्मीर में किए पांच ऑपरेशनों में वीरता के लिए 20 पदक शामिल हैं। वहीं, नक्सली उग्रवाद प्रभावित इलाकों में चार ऑपरेशनों में वीरता दिखाने वाले जवानों को 13 पदक दिए गए हैं। दो जवानों को वीरता के लिए पुलिस पदक (मरणोपरांत) से सम्मानित किया गया है।

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30 मेंशन-इन-डिस्पैच को भी मंजूरी मिली
राष्ट्रपति ने सेना के लिए 30 मेंशन-इन-डिस्पैच को भी मंजूरी दी है। आर्मी डॉग मधु (मरणोपरांत) और वायु सेना के एक कर्मी को विभिन्न सैन्य अभियानों में योगदान देने के लिए इस वीरता पदक से सम्मानित किया गया है।

इनके अभियानों में ऑपरेशन रक्षक, ऑपरेशन स्नो लेपर्ड, ऑपरेशन कैजुअल्टी इवैक्यूएशन, ऑपरेशन माउंट चोमो, ऑपरेशन पंगसौ पास, ऑपरेशन मेघदूत, ऑपरेशन आर्किड, ऑपरेशन कालीशम वैली, बचाव अभियान और ऑपरेशन इवैक्यूएशन शामिल है।

77वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा- सभी देशवासी उत्साह के साथ अमृत महोत्सव मना रहे हैं। यह दिन हम सब के लिए गौरवपूर्ण और पावन है। चारों ओर उत्सव का वातावरण देखकर मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है।

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