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छत्तिश्गढ़

रमन सरकार की वजह से घटा आरक्षण !,कांंग्रेस बोली- डॉ रमन नहीं चाहते आदिवासियों के आरक्षण की बहाली हो..

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आदिवासियों के आरक्षण के मसले पर भाजपा और कांग्रेस आमने सामने है। अब कांग्रेस की तरफ से कहा गया है कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह और भाजपा नहीं चाहती कि आदिवासी समाज का आरक्षण बहाल हो। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने विशेष सत्र का विरोध कर भाजपा की मंशा स्पष्ट कर दिया। कांग्रेस सरकार ने आदिवासी समाज के आरक्षण की बहाली के लिए विधानसभा का विशेष सत्र 1 और 2 दिसंबर को बुलाया है।

शुक्ला ने आगे कहा कि रमन सिंह विधानसभा सत्र बुलाए जाने पर सवाल खड़ा कर रहे है। 15 साल तक मुख्यमंत्री रहे है, उन्हें मालूम है आदिवासी समाज के आरक्षण पर जो गतिरोध आया है उसका समाधान विधानसभा में होगा, फिर उनका विरोध बताता है भाजपा आदिवासी समाज को 32 प्रतिशत आरक्षण की पक्षधर नहीं है। रमन सिंह के पहले नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने भी विशेष सत्र का विरोध किया था। अजय चंद्राकर भी विशेष सत्र पर सवाल खड़ा कर चुके है।

कांग्रेस की तरफ से कहा गया है कि भाजपा नेताओं की तिलमिलाहट बताती है कि उनके लिए आदिवासी समाज का आरक्षण बहाली और राजनैतिक मुद्दा मात्र है। इन नेताओं के बयानों से साफ हो गया कि भाजपा ने जानबूझकर हाईकोर्ट में आदिवासी समाज के आरक्षण का मुकदमा हारने के लिए ननकी राम कंवर और मुख्य सचिव की कमेटी के बारे में अदालत से छुपाया था।

रमन सरकार की वजह से घटा आरक्षण
सुशील शुक्ला ने कहा- आरक्षण को बढ़ाने का निर्णय हुआ उसी समय सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार राज्य सरकार को अदालत के सामने आरक्षण को 50 प्रतिशत से अधिक बढ़ाने की विशेष परिस्थितियों और कारण को बताना था। तत्कालीन रमन सरकार अपने इस दायित्व का सही ढंग से निर्वहन नहीं कर पायी।

2012 में बिलासपुर उच्च न्यायालय में 58 प्रतिशत आरक्षण के खिलाफ याचिका दायर हुई तब भी रमन सरकार ने सही ढंग से उन विशेष कारणों को पेश नहीं किया जिसके कारण राज्य में आरक्षण को 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 58 प्रतिशत किया गया। आरक्षण को बढ़ाने के लिए तत्कालीन सरकार ने तत्कालीन गृहमंत्री ननकी राम कंवर की अध्यक्षता में मंत्री मंडलीय समिति का भी गठन किया था। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में भी कमेटी बनाई गई थी। रमन सरकार ने उसकी अनुशंसा को भी अदालत के सामने पेश नहीं किया जिसका परिणाम है कि अदालत ने 58 प्रतिशत आरक्षण के फैसले को रद्द कर दिया। रमन सरकार की बदनीयती से यह स्थिति बनी है।

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डॉ रमन सिंह ने कहा था- चुनावों की वजह से विशेष सत्र बुलाया जा रहा है। आरक्षण के मसले पर चाहिए कि कोर्ट में सही ढंग से पक्ष रखा जाए। गुुरुवार को भानुप्रातपपुर रवाना होने से पहले डॉ रमन ने कहा- कांग्रेस ने सभी वर्गों को परेशान किया। किसान, मजदूर, महिला, जनजाती, पिछड़ा वर्ग परेशान हैं। इन सबकी परेशानी वोटों में परिवर्तित होगी। डॉ रमन ने आगे कहा- कांग्रेस ने एक भी वादा पूरा नहीं किया। इस बार का चुनाव फैसले वाला होगा। जनता का मन है कि इस बार कांग्रेस को सबक सिखाना है, कितना भी इधर-उधर करें भाजपा के ब्रम्हानंद को प्रचंड बहुमत से जीत मिलेगी ।

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