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यूजर फ्रेंडली हुआ ई नगरपालिका पोर्टल,प्रापर्टी की जानकारी देने पर फिजिकल वेरिफिकेशन करेंगे निकाय, सात दिन में करेंगे फैसला

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मध्य प्रदेश सरकार ने ई-नगरपालिका पोर्टल को अधिक यूजर-फ्रेंडली बना दिया है, जिससे लोगों को अपनी संपत्ति से जुड़ी जानकारी दर्ज करने और विभिन्न सेवाओं का लाभ उठाने में आसानी होगी। नई सुविधा के तहत, यदि कोई व्यक्ति अपनी संपत्ति की जानकारी इस पोर्टल पर दर्ज करता है, तो नगर निकायों द्वारा सात दिनों के भीतर फिजिकल वेरिफिकेशन किया जाएगा। इस वेरिफिकेशन के आधार पर निकाय अंतिम निर्णय लेंगे और इसे निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा किया जाएगा।

पोर्टल की विशेषताएं:

  1. संपत्ति की जानकारी अपलोड: अब लोग अपनी संपत्ति से जुड़ी सभी जानकारी ऑनलाइन दर्ज कर सकते हैं, जिससे उन्हें नगर निगम कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
  2. फिजिकल वेरिफिकेशन: जानकारी दर्ज करने के बाद नगर निकायों द्वारा सात दिनों के भीतर संपत्ति का फिजिकल वेरिफिकेशन किया जाएगा। यह सुनिश्चित करेगा कि पोर्टल पर दी गई जानकारी सही है।
  3. निर्णय की समय सीमा: वेरिफिकेशन के बाद, नगर निगम सात दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा और कोई भी निर्णय लिया जाएगा। इससे प्रक्रियाएं तेज होंगी और लोगों को जल्दी समाधान मिलेगा।

इस बदलाव का उद्देश्य लोगों को अधिक पारदर्शिता और सुविधा प्रदान करना है, ताकि वे आसानी से अपनी संपत्ति से संबंधित सेवाओं का लाभ उठा सकें।

मध्य प्रदेश सरकार ने ई-नगरपालिका पोर्टल को अधिक यूजर फ्रेंडली बनाते हुए नई संपत्ति के पंजीकरण और संपत्ति ट्रांसफर की प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बना दिया है। इस नई व्यवस्था के तहत, अब आवेदक आसानी से अपनी संपत्ति का स्व-निर्धारण (self-assessment) कर सकते हैं और उससे जुड़ी जानकारियां पोर्टल पर दर्ज कर सकते हैं।

नई व्यवस्था के प्रमुख बिंदु:

  1. स्व-निर्धारण की प्रक्रिया: ई-नगरपालिका पोर्टल पर प्रॉपर्टी मालिक खुद अपनी संपत्ति की जानकारी दर्ज कर सकते हैं। यह स्व-निर्धारण प्रक्रिया सरल और तेज़ बनाई गई है, ताकि लोगों को बिना किसी परेशानी के संपत्ति का पंजीकरण और अन्य प्रक्रियाओं को पूरा करने में मदद मिल सके।
  2. प्रॉपर्टी ट्रांसफर: प्रॉपर्टी ट्रांसफर की प्रक्रिया को भी आसान बना दिया गया है। अब आवेदक आसानी से पोर्टल पर प्रॉपर्टी ट्रांसफर के लिए आवेदन कर सकते हैं, और उन्हें संबंधित निकायों में बार-बार चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं होगी।
  3. फिजिकल वेरिफिकेशन: संपत्ति की जानकारी दर्ज करने के बाद नगर निकायों द्वारा 7 दिनों के भीतर फिजिकल वेरिफिकेशन किया जाएगा, ताकि दर्ज की गई जानकारी की सत्यता सुनिश्चित हो सके।
  4. निर्णय की समय सीमा: फिजिकल वेरिफिकेशन के बाद, निकाय द्वारा 7 दिनों के भीतर निर्णय लिया जाएगा और उसे पोर्टल पर अपडेट किया जाएगा। इससे प्रक्रिया में पारदर्शिता और तेजी सुनिश्चित की गई है।

लाभ:

  • आवेदकों को कम समय में संपत्ति के पंजीकरण और ट्रांसफर से जुड़े कार्यों का निपटारा मिलेगा।
  • प्रक्रिया ऑनलाइन होने से कार्यालयों के चक्कर लगाने की आवश्यकता कम होगी।
  • पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए हर प्रक्रिया की निगरानी पोर्टल के माध्यम से होगी।

इस नई व्यवस्था से प्रदेश के लोग बिना किसी बाधा के अपनी संपत्ति से जुड़े कार्य आसानी से कर सकेंगे।

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