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मोदी ने तमिलनाडु के रंगनाथस्वामी मंदिर में पूजा की,हाथी को गुड़ खिलाकर आशीर्वाद लिया..
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को तमिलनाडु के दौरे पर हैं। उन्होंने तिरुचिरापल्ली के श्री रंगनाथस्वामी मंदिर में पूजा-अर्चना की। यह मंदिर भगवान विष्णु के सबसे महत्वपूर्ण मंदिरों में से एक है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को तमिलनाडु के दौरे पर हैं। उन्होंने तिरुचिरापल्ली के श्री रंगनाथस्वामी मंदिर में पूजा-अर्चना की। यह मंदिर भगवान विष्णु के सबसे महत्वपूर्ण मंदिरों में से एक है। पीएम मोदी ने पारंपरिक पोशाक पहना। उन्होंने मंदिर परिसर में ‘अंडाल’ नाम के एक हाथी को गुड़ खिलाकर आशीर्वाद लिया। रंगनाथस्वामी मंदिर में दर्शन के बाद पीएम मोदी रामायण पारायण कार्यक्रम में हिस्सा लिया। उन्होंने कंब रामायणम के छंदों का पाठ करते हुए विद्वानों को भी सुना।
पीएम मोदी के आगमन पर रास्ते में तमाम लोग खड़े थे। भीड़ ने प्रधानमंत्री का स्वागत किया। प्रधानमंत्री ने अपने वाहन से हाथ हिलाकर भीड़ का अभिनंदन किया।
भगवान विष्णु की यहां शयन मुद्रा
श्रीरंगम मंदिर या श्रीरंगनाथस्वामी मंदिर भारत का प्राचीन मंदिर है। माना जाता है कि रंगनाथस्वामी मंदिर का निर्माण विजयनगर काल (1336-1565) के दौरान किया गया था। यहां भगवान विष्णु का लेटा हुआ रूप है।
पहली बार कोई पीएम यहां आया
मंदिर के मुख्य पुजारी सुंदर भट्टर ने कहा कि भारत के सभी भक्त बहुत खुश हैं कि हमारे पीएम ने श्रीरंगम का दौरा किया। भगवान रंगनाथ भी पीएम के दौरे से खुश हैं। हमारे पीएम सभी के कल्याण की परवाह करते हैं, इसलिए रंगनाथ भी खुश हैं। यह श्रीरंगम के लिए एक सौभाग्यशाली अवसर है। इससे पहले, कोई भी प्रधान मंत्री श्रीरंगम नहीं आया है। पीएम मोदी पहले प्रधानमंत्री हैं जो यहां आए।
रामनाथस्वामी मंदिर में दर्शन-पूजन करेंगे पीएम मोदी
श्रीरंगम के बाद प्रधानमंत्री मोदी दोपहर करीब 2 बजे रामेश्वरम पहुंचेंगे। वे श्री अरुलमिगु रामनाथस्वामी मंदिर में दर्शन-पूजन करेंगे। इस मंदिर में भगवान शिव के एक रूप श्री रामनाथ स्वामी की पूजा होती है। मान्यता है कि इस मंदिर में शिवलिंग की स्थापना और पूजा भगवान श्रीराम और माता सीता ने की थी।
21 जनवरी को पीएम धनुषकोडि के कोदंडरामस्वामी मंदिर जाएंगे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 जनवरी को धनुषकोडि के कोदंडरामस्वामी मंदिर में दर्शन-पूजन करेंगे। इसके बाद वे धनुषकोडि के पास अरिचल मुनाई भी जाएंगे। मान्यता है कि यहीं पर रामसेतु का निर्माण हुआ था। यह मंदिर कोदंडराम स्वामी को समर्पित है। कोदंड का अर्थ धनुषधारी राम है।
मान्यता है कि भगवान श्रीराम से लंकाधिपति रावण के भाई विभीषण यहीं पहली बार मिले थे। उन्होंने शरण मांगी थी। इसी जगह पर भगवान राम ने विभीषण का राज्याभिषेक किया था।
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