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महिला आरक्षण बिल पर राज्यसभा में चर्चा आज,लोकसभा में कल 60 सांसदों ने रखी थी बात..

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संसद के विशेष सत्र के चौथे दिन गुरुवार को राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल पर चर्चा होगी। बहस के बाद बिल पर वोटिंग की जाएगी। यह बिल 20 सितंबर को लोकसभा में पास हो चुका है। बिल के पक्ष में 454 वोट पड़े, जबकि 2 वोट इसके खिलाफ पड़े। पर्ची के जरिए हुई वोटिंग में AIMIM पार्टी के दो सांसदों असदुद्दीन ओवैसी और इम्तियाज जलील ने विरोध में वोट डाले।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भाजपा की ओर से जेपी नड्डा और निर्मला सीतारमण बोलेंगी। भाजपा की 14 महिला सांसद और कई मंत्री भी इस बिल पर अपनी बात रख सकते हैं।

PM मोदी ने बुधवार देर रात अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट कर सभी को धन्यवाद दिया। PM ने लिखा – लोकसभा में संविधान (128वां संशोधन) विधेयक, 2023 के पारित होने पर खुशी हुई। मैं सभी दलों के सांसदों को धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने इस विधेयक के समर्थन में वोट किया।

लोकसभा में बिल पर चर्चा में 60 सांसदों ने अपने विचार रखे। राहुल गांधी ने कहा कि OBC आरक्षण के बिना यह बिल अधूरा है। इस पर अमित शाह ने कहा कि यह आरक्षण सामान्य, SC और ST में समान रूप से लागू होगा। चुनाव के बाद तुरंत ही जनगणना और डिलिमिटेशन होगा और महिलाओं की भागीदारी जल्द ही सदन में बढ़ेगी। विरोध करने से रिजर्वेशन जल्दी नहीं आएगा।

संसद की चौथे दिन की कार्यवाही के बड़े अपडेट्स…

  • कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल आज लोकसभा में एडवोकेट्स अमेंडमेंट बिल 2023 पेश करेंगे।
  • सरकार आज राज्यसभा में रिपीलिंग एंड अमेंडिंग बिल पेश कर सकती है। इस बिल में ऐसे 65 कानूनों को निरस्त करने का प्रावधान है, जो प्रचलन से बाहर हो गए हैं या दूसरे कानूनों की वजह से निरर्थक हो गए हैं। यह बिल पिछले साल जुलाई में लोकसभा में पास हो गया था।
  • लोकसभा में आज चंद्रयान-3 की सफलता पर चर्चा होगी।

अमित शाह ने कहा- इस बिल के जरिए एक तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हो जाएंगी। कुछ पार्टियों के लिए ये बिल पॉलिटिकल एजेंडा हो सकता है, लेकिन हमारी पार्टी और PM मोदी के लिए ये राजनीतिक मुद्दा नहीं है। PM मोदी के लिए ये मान्यता का सवाल है।

ये बिल पहले 4 बार पेश हो चुका है, लेकिन तब ऐसा क्या हुआ कि ये पास नहीं हो पाया। देवगौड़ा से लेकर मनमोहन सिंह तक ने कोशिश की, लेकिन ये पास नहीं हुआ। आखिर ऐसी कौन सी वजह थी, जो इसे पास नहीं होने दिया गया?

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शाह ने राहुल पर निशाना साधते हुए कहा कि इनकी समझ है कि देश सेक्रेटरी चलाते हैं, लेकिन मेरी समझ है कि देश सरकार चलाती है। BJP की सरकार में 29 फीसदी यानी 85 सांसद OBC कैटेगरी के हैं। 29 मंत्री भी OBC कैटेगरी के हैं। BJP के 1358 में से 365 यानी 27 फीसदी विधायक OBC हैं।

मैं इस बिल का समर्थन करता हूं। महिला आरक्षण बिल पर बिल्कुल भी देरी नहीं करनी चाहिए और इसे आज से ही लागू कर देना चाहिए, लेकिन ये बिल पूरा नहीं है। इसमें OBC आरक्षण होना चाहिए था। मैंने सवाल पूछा कि जो 90 सेक्रेटरी हैं, जो कि हिंदुस्तान की सरकार चलाते हैं, इनमें से OBC कितने हैं, लेकिन मैं जवाब से हैरान रह गया क्योंकि 90 में से सिर्फ 3 OBC सेक्रेटरी हैं।

AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने महिला आरक्षण बिल का विरोध किया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार केवल ‘सवर्ण’ महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाना चाहती है। इस बिल से OBC महिलाओं और मुस्लिम महिलाओं के प्रतिनिधित्व पर असर पड़ेगा। यह OBC विरोधी, मुस्लिम विरोधी बिल है।

मोदी सरकार सिर्फ ‘बड़े’ लोगों के लिए सोच रही है। ये लोग नहीं चाहते कि ‘छोटे’ लोग इस सदन का नेतृत्व करें। ये बिल संसद में मुस्लिम महिलाओं के प्रतिनिधित्व के लिए दरवाजे बंद करने वाला है।

सोनिया ने कहा कि स्थानीय निकायों में महिलाओं को आरक्षण देने वाला कानून सबसे पहले मेरे पति राजीव गांधी लाए थे, जो राज्यसभा में 7 वोटों से गिर गया था। बाद में पीवी नरसिम्हा राव की सरकार ने उसे पास करवाया। इसी का नतीजा है कि देशभर के स्थानीय निकायों में 15 लाख चुनी हुई महिला नेता हैं। राजीव का सपना अभी आधा ही पूरा हुआ है, यह बिल पास होने से सपना पूरा हो जाएगा।

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सोनिया ने आगे कहा कि कांग्रेस की मांग है कि बिल को फौरन अमल में लाया जाए। सरकार को इसे परिसीमन तक नहीं रोकना चाहिए। इससे पहले जातिगत जनगणना कराकर इस बिल में SC-ST और OBC महिलाओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था की जाए।

इस पर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि ये सिर्फ PM मोदी का बिल है, जिसने गोल किया, नाम उसी का होता है। हमारे प्रधानमंत्री और हमारी पार्टी ये बिल लेकर आई है तो इनके पेट में दर्द हो रहा है।

सुप्रिया सुले ने कहा कि महाराष्ट्र के पूर्व भाजपा प्रमुख ने मुझसे टीवी पर कहा था कि सुप्रिया सुले तुम घर जाओ, खाना बनाओ। देश कोई और चला लेगा। भाजपा इस पर जवाब दे।

उन्होंने आगे कहा कि जनगणना और परिसीमन होने तक महिला आरक्षण को लागू नहीं किया जा सकता। फिर इसके लिए स्पेशल सेशन क्यों बुलाया गया। इसे विंटर सेशन में भी पास कर सकते थे। देश के कई हिस्सों में बाढ़ आ रही है, इस समय सेशन बुलाने की क्या जरूरत है।

TMC सांसद काकोली घोष ने कहा कि देश में सिर्फ पश्चिम बंगाल में महिला CM है, भाजपा की 16 राज्यों में सरकार है, लेकिन एक भी राज्य में महिला CM नहीं है। देश के लिए मेडल जीतने वाली महिलाओं का सेक्शुअल हैरेसमेंट किया गया। आरोपी बृजभूषण सिंह आज संसद में बैठे हैं। भाजपा उनके खिलाफ कोई एक्शन क्यों नहीं लेती।

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उधर, JDU के सांसद ललन सिंह ने कहा कि ये 2024 का चुनावी जुमला है। I.N.D.I.A गठबंधन से सरकार घबरा गई और ये बिल लेकर आई। इनकी मंशा सही होती तो 2021 में जनगणना शुरू करवा दी होती। इससे अब तक जनगणना पूरी हो जाती और महिला आरक्षण 2024 से पहले लागू हो जाता।

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