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भोपाल मेट्रो का दूसरा ब्रिज 200 टन वजनी,48 मीटर चौड़ा,DRM तिराहे पर अक्टूबर में रखेंगे; ऊपर से ट्रेन, नीचे से गुजरेगी गाड़ियां
भोपाल मेट्रो परियोजना में अक्टूबर में एक महत्वपूर्ण चरण पूरा होने जा रहा है। DRM (डिविजनल रेलवे मैनेजर) तिराहे पर 200 टन वजनी और 48 मीटर चौड़ा दूसरा मेट्रो ब्रिज रखा जाएगा। इस ब्रिज के बनने से शहर में मेट्रो ट्रेन के साथ-साथ सड़क यातायात को भी राहत मिलेगी, क्योंकि ट्रेनें इस ब्रिज के ऊपर से गुजरेंगी जबकि नीचे से वाहनों का आवागमन सुचारू रूप से जारी रहेगा।
मुख्य बिंदु:
- ब्रिज की संरचना:
- यह मेट्रो ब्रिज 200 टन वजनी है और 48 मीटर चौड़ा है।
- यह आधुनिक तकनीक से बनाया गया है ताकि ऊपर से ट्रेनें बिना किसी बाधा के गुजर सकें और नीचे से वाहनों का आवागमन सुगमता से हो सके।
- अक्टूबर में स्थापना:
- इस ब्रिज को अक्टूबर में DRM तिराहे पर रखा जाएगा। यह स्थान भोपाल के व्यस्ततम क्षेत्रों में से एक है, और इस ब्रिज की स्थापना से यातायात को बेहतर बनाने की योजना है।
- प्रोजेक्ट का उद्देश्य:
- इस मेट्रो ब्रिज के निर्माण का मुख्य उद्देश्य ट्रैफिक को कम करना और मेट्रो परियोजना को तेजी से आगे बढ़ाना है। ऊपर से मेट्रो ट्रेनों का संचालन होगा, जिससे यातायात और मेट्रो दोनों के बीच कोई टकराव नहीं होगा।
- परिवहन में सुधार:
- मेट्रो ब्रिज की स्थापना से शहर के परिवहन सिस्टम में बड़ा सुधार होगा। शहर के निवासियों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी और सड़कों पर जाम की समस्या कम होगी।
भोपाल मेट्रो परियोजना के तहत यह दूसरा बड़ा ब्रिज है, जो शहर के विकास और यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
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