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बोले- हाथापाई में दोनों तरफ के सैनिकों को चोटें आईं, हमारे जवानों ने चीनियों को खदेड़ा..

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तवांग में 9 दिसंबर को भारत-चीन सैनिकों के बीच हुई झड़प पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को संसद में जवाब दिया। राजनाथ अपने 3 मिनट के जवाब में बोले- हाथापाई में दोनों तरफ के सैनिकों को चोटें आईं। हमारा कोई सैनिक नहीं मारा गया। भारतीय सेना ने चीनी सैनिकों को उनकी पोस्ट पर जाने को मजबूर कर दिया।

17 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित तवांग के यांगत्से में 9 दिसंबर को 600 चीनी सैनिकों ने घुसपैठ की कोशिश की थी। भारतीय सेना ने लाठी-डंडों से उन्हें वापस खदेड़ दिया था।

तवांग झड़प पर 2 बड़े बयान
1. राजनाथ बोले- भारतीय सैनिकों ने बहादुरी दिखाई

राजनाथ ने कहा- 9 दिसंबर 2022 को PLA ट्रूप्स ने तवांग में LAC का उल्लंघन कर नियम तोड़े थे। भारतीय सेना ने PLA को अतिक्रमण से रोका। उन्हें उनकी पोस्ट पर जाने के लिए मजबूर कर दिया। इस घटना में दोनों ओर के कुछ सैनिकों को चोटें भी आई हैं। हमारे किसी भी सैनिक की न तो मृत्यु हुई है और न कोई गंभीर रूप से घायल हुआ है। समय से हमने हस्तक्षेप किया। इसकी वजह से चीनी सैनिक वापस चले गए।

इसके बाद लोकल कमांडर ने 11 दिसंबर को चाइनीज काउंटर पार्ट के साथ व्यवस्था के तहत फ्लैग मीटिंग की। चीन को ऐसे एक्शन के लिए मना किया गया और शांति बनाए रखने को कहा। कूटनीतिक स्तर पर भी मुद्दा उठाया गया। हमारी सेनाएं भौमिक अखंडता को सुरक्षित रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। किसी भी प्रयास को रोकने के लिए तत्पर हैं। विश्वास है सदन सेनाओं की वीरता और साहस को समर्थन देगा। यह संसद बिना किसी संशय के भारतीय सेना के शौर्य, पराक्रम और क्षमता का अभिनंदन करेगी।

इससे पहले तवांग झड़प को लेकर संसद में भारी हंगामा हुआ। इस पर गृहमंत्री अमित शाह ने संसद के बाहर कहा कि भारत की एक इंच जमीन पर चीन ने कब्जा नहीं किया। उन्होंने कहा कि हमारे सैनिकों ने बहादुरी दिखाई। कांग्रेस दोहरा व्यवहार कर रही है। कांग्रेस ने प्रश्न काल चलने नहीं दिया। हमने जवाब देने की बात कह दी थी। उसके बावजूद इन्होंने संसद नहीं चलने दी।

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शाह ने आरोप लगाया कि चीन पर कांग्रेस का रवैया दोहरा है। राजीव गांधी फाउंडेशन का सवाल प्रश्न काल में रखा गया था। मैं बता दूं कि इसका fcra लाइसेंस रद्द किया गया था। इसी पर सवाल था। उस फाउंडेशन को चीन से पैसे मिले। 1.38 करोड़ रुपए मिले थे। कांग्रेस शासन में 1962 में चीन ने हजारों एकड़ जमीन हड़प ली थी।

संसद से जुड़े बड़े अपडेट्स…

  • झड़प की खबरों के बीच चीन ने कहा है कि भारत बॉर्डर पर हालात स्थिर हैं।
  • फिलहाल राज्यसभा 2 बजे तक के लिए स्थगित हो गई है।
  • कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि चीन से निपटने के लिए सरकार की किस तरह की तैयारियां कर रही है। ये जानने का अधिकार हमें अधिकार है।
  • कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि देश से बड़ा कोई नहीं है, लेकिन मोदी जी अपनी छवि बचाने के लिए देश को खतरे में डाल रहे हैं।

ओवैसी का सवाल- 9 को झड़प हुई तो संसद में सरकार ने जानकारी क्यों नहीं दी?
असदुद्दीन ओवैसी ने तवांग इलाके में हुई झड़प मामले में सरकार को घेरते हुए सवाल किया है। उन्होंने कहा कि भारत-चीन सैनिकों के बीच झड़प 9 दिसंबर को हुई थी। इस दौरान पार्लियामेंट चल रहा है तो सरकार ने इसकी जानकारी उसी दिन क्यों नहीं दी? हमें तीन दिन बाद मीडिया बता रही है कि हमारे बहादुर सैनिक घायल हुए हैं।

मुझे देश की आर्मी पर पूरा भरोसा है, लेकिन देश में एक कमजोर लीडरशिप है। मोदी सरकार चीन का नाम लेने से भी घबराती है।

तवांग में भारतीय सैनिकों ने 600 चीनी सैनिकों को खदेड़ा
9 दिसंबर को 600 चीनी सैनिक अरुणाचल प्रदेश के तवांग के यांगत्से में भारतीय पोस्ट को हटाने के लिए घुसपैठ की कोशिश कर रहे थे। भारतीय सैनिकों ने खदेड़ा तो दोनों सेनाओं में झड़प हुई। इसमें दोनों ओर के सैनिक जख्मी हुए हैं। भारत के 6 जख्मी सैनिकों को गुवाहाटी इलाज के लिए लाया गया। जबकि चीन के सैनिकों को हमसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है। उनके कई सैनिकों की हड्डियां टूटी हैं। तवांग का यंगस्टे 17 हजार फीट की ऊंचाई पर है।

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