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बारिश का सितंबर का कोटा भी पूरा,भोपाल में 50 इंच के पास पहुंचा आंकड़ा; इस बार 32% ज्यादा पानी गिरा

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भोपाल में इस साल भारी बारिश का सिलसिला जारी है, जिससे सितंबर महीने में बारिश का कोटा भी पूरा हो गया है। शहर में अब तक लगभग 50 इंच बारिश दर्ज की गई है, जो सामान्य से 32% अधिक है। इस अतिरिक्त बारिश ने भोपाल में जलस्तर को बढ़ा दिया है और कई क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति पैदा हो गई है।

अधिक वर्षा के कारण शहर में ट्रैफिक और दैनिक जीवन भी प्रभावित हुआ है, लेकिन जलस्रोतों को रिचार्ज करने में यह बारिश महत्वपूर्ण साबित हो रही है। प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है, खासकर निचले इलाकों में रहने वालों को।

इस साल भोपाल में मानसून ने रिकॉर्ड बारिश की है। अब तक 49.4 इंच बारिश दर्ज की जा चुकी है, जो पिछले 10 वर्षों में पांचवीं बार सबसे अधिक बारिश के रूप में दर्ज की गई है। यह आंकड़ा सामान्य से 32% अधिक है, जो दर्शाता है कि इस बार बारिश ने अपने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। शहर में सामान्यत: औसतन 37.5 इंच बारिश होती है, लेकिन इस बार भारी बारिश ने शहर के विभिन्न हिस्सों में जलभराव और बाढ़ जैसी स्थिति पैदा कर दी है।

सितंबर में बारिश का कोटा पूरा
सितंबर में भी भोपाल में भारी बारिश हुई है, जिससे महीने का बारिश का कोटा पूरा हो गया है। यह पूरे मानसून के दौरान बारिश की निरंतरता को दर्शाता है। इस भारी बारिश ने न केवल जलस्तर को बढ़ाया है, बल्कि कई इलाकों में ट्रैफिक और जनजीवन भी प्रभावित हुआ है।

मौसम विभाग का अनुमान
मौसम विभाग के अनुसार, अगले 2 दिनों तक भोपाल और आसपास के क्षेत्रों में हल्की बारिश होने की संभावना है। हालांकि, यह भारी बारिश की तुलना में कम होगी, लेकिन इससे भीषण जलभराव और अन्य समस्याओं में मामूली राहत मिल सकती है। विभाग ने अगले कुछ दिनों में सामान्य बारिश का अनुमान जताया है, जिससे स्थिति स्थिर हो सकती है।

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भोपाल में बारिश का प्रभाव

  1. जलभराव और बाढ़: शहर के निचले इलाकों में जलभराव और बाढ़ की स्थिति बनी हुई है, जिससे लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
  2. आर्थिक प्रभाव: अधिक बारिश ने शहर की सड़कों और बुनियादी ढांचे को प्रभावित किया है, जिससे यातायात और दैनिक जीवन में बाधा उत्पन्न हो रही है।
  3. फसल और खेती पर प्रभाव: ग्रामीण इलाकों में अत्यधिक बारिश ने फसल और खेती पर भी प्रभाव डाला है, कुछ स्थानों पर पानी की अधिकता से फसलें खराब होने की आशंका है।

आगे का रास्ता
प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है, विशेषकर निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को, ताकि किसी भी आपदा से बचा जा सके।

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