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नीट एग्जाम-नर्सिंग घोटाले के विरोध में कांग्रेस का धरना,दिग्विजय सिंह बोले- प्रभावित 12 लाख हिंदू बच्चों की RSS-बजरंग दल क्यों नहीं उठाते आवाज
कांग्रेस पार्टी ने नीट परीक्षा और नर्सिंग घोटाले के विरोध में धरना प्रदर्शन किया। इस धरने का नेतृत्व वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने किया। उन्होंने सरकार और अन्य संगठनों पर सवाल उठाए कि वे इस मुद्दे पर चुप क्यों हैं। यहां कुछ महत्वपूर्ण बिंदु दिए गए हैं:
- धरना का उद्देश्य:
- कांग्रेस का यह धरना नीट परीक्षा में हुई धांधली और नर्सिंग घोटाले के खिलाफ है। यह घोटाला शिक्षा क्षेत्र में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को उजागर करता है, जिससे लाखों छात्रों का भविष्य प्रभावित हो रहा है।
- दिग्विजय सिंह के बयान:
- दिग्विजय सिंह ने अपने बयान में कहा कि नीट परीक्षा और नर्सिंग घोटाले से लगभग 12 लाख हिंदू बच्चे प्रभावित हुए हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि आरएसएस और बजरंग दल जैसी संगठनें इस मुद्दे पर आवाज क्यों नहीं उठा रही हैं।
- उन्होंने सरकार और प्रशासन पर भी आरोप लगाए कि वे इन घोटालों के खिलाफ कार्रवाई करने में असफल रहे हैं।
- प्रभावित छात्रों का मुद्दा:
- नीट परीक्षा और नर्सिंग घोटाले ने लाखों छात्रों के करियर और भविष्य को खतरे में डाल दिया है। छात्रों को अपनी मेहनत और परिश्रम का उचित प्रतिफल नहीं मिल पा रहा है।
- छात्रों और उनके परिजनों में इस मुद्दे को लेकर गहरा आक्रोश है, और वे न्याय की मांग कर रहे हैं।
- धरने की प्रतिक्रिया:
- कांग्रेस के इस धरने को छात्रों और उनके परिजनों का व्यापक समर्थन मिला। उन्होंने भी सरकार से मांग की कि इस घोटाले की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
- इस धरने ने शिक्षा क्षेत्र में हो रहे भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को उजागर करने का काम किया है।
- भविष्य की दिशा:
- कांग्रेस पार्टी ने इस मुद्दे पर आगे भी संघर्ष जारी रखने का संकल्प लिया है। वे इस मामले को संसद और अन्य मंचों पर उठाने की योजना बना रहे हैं।
- दिग्विजय सिंह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी छात्रों के अधिकारों की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास करेगी।
- कुल मिलाकर, नीट परीक्षा और नर्सिंग घोटाले के विरोध में कांग्रेस का यह धरना एक महत्वपूर्ण कदम है, जो शिक्षा क्षेत्र में सुधार और पारदर्शिता की मांग को बल देता है।
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