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निर्मला सीतारमण बोलीं- टैक्स पर सवाल पूछना पसंद नहीं,चाहती हूं जीरो कर दूं, लेकिन कई चुनौतियां हैं और इसके लिए फंड की जरूरत

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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान टैक्स के मुद्दे पर अपनी राय साझा की। उन्होंने कहा कि उन्हें टैक्स पर सवाल पूछे जाने पर खुशी नहीं होती है। उन्होंने यह भी कहा कि वे खुद चाहती हैं कि टैक्स को जीरो कर दिया जाए, लेकिन इसके लिए कई चुनौतियां हैं जिनका सामना करना पड़ता है।

टैक्स की जरूरत और चुनौतियां

निर्मला सीतारमण ने स्पष्ट किया कि टैक्स को जीरो करने की इच्छा के बावजूद, ऐसा करना संभव नहीं है क्योंकि सरकार को विभिन्न योजनाओं, विकास परियोजनाओं, और सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों के लिए फंड की आवश्यकता होती है। टैक्स संग्रहण सरकार की आय का मुख्य स्रोत है, जिससे देश के बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य, शिक्षा और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में निवेश किया जाता है।

सरकार की जिम्मेदारियां

वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि सरकार को विभिन्न क्षेत्रों में काम करना होता है, जिनके लिए भारी वित्तीय संसाधनों की जरूरत होती है। इसलिए, टैक्स का संग्रहण सरकार की जिम्मेदारियों को पूरा करने और देश के विकास के लिए आवश्यक है।

जनता से अपील

निर्मला सीतारमण ने जनता से समझदारी दिखाने और टैक्स के महत्व को समझने की अपील की। उन्होंने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही है कि टैक्स का बोझ जनता पर कम से कम पड़े, लेकिन देश की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए टैक्स की दरों को पूरी तरह से खत्म करना संभव नहीं है।

वित्त मंत्री के इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि सरकार टैक्स नीति को संतुलित रखने के लिए काम कर रही है, ताकि देश की वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके और साथ ही जनता पर अनावश्यक बोझ न डाला जाए।

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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में भोपाल में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च (IISER) के 11वें दीक्षांत समारोह में भाषण दिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि उन्हें टैक्स पर सवाल पूछे जाने पर खुशी नहीं होती। उन्होंने यह बात स्पष्ट करते हुए कहा कि टैक्स को लेकर उठने वाले सवाल उन्हें पसंद नहीं आते।

यह बयान उनके द्वारा टैक्स संग्रहण और देश की आर्थिक आवश्यकताओं के बीच संतुलन बनाए रखने के संदर्भ में दिया गया था।

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