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मध्य प्रदेश

नरोत्तम बोले- MP में दोहराया जाएगा गुजरात का इतिहास…

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गुजरात के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को मिली ऐतिहासिक सफलता से मप्र भाजपा के नेता उत्साहित हैं। गुजरात चुनाव से लौटे नेताओं ने मप्र में भी अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियां तेज कर दी हैं। सीएम शिवराज सिंह चौहान से लेकर सत्ता और भाजपा संगठन के पदाधिकारी दावा कर रहे हैं कि अगले साल मप्र में भी गुजरात जैसे ही परिणाम आएंगे। गृ़हमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि मप्र में भी गुजरात का इतिहास दोहराया जाएगा। गुजरात जैसी मेजोरिटी में आने वाली है।

गुजरात फॉर्मुला लागू हुआ तो उमा, प्रभात की तरह नेता बिठाए जाएंगे घर: कांग्रेस

मप्र बीजेपी के नेताओं के बयान पर कांग्रेस मीडिया विभाग की उपाध्यक्ष संगीता शर्मा ने कहा, गुजरात में भाजपा ने जो फॉर्मुला अपनाया है, उस फॉर्मुले को मप्र में लागू करते हैं तो मप्र में भी मुख्यमंत्री का चेहरा बदलेगा। कई टिकट काटे जाएंगे। कई नामी नेताओं के टिकट काट दिए जाएंगे। ऐसी स्थिति मप्र में निर्मित हो सकती है। भाजपा परफॉरमेंस के नाम पर घर बिठाने का काम करती है। जैसे उमा भारती, प्रभात झा को घर बिठाया। भाजपा का डंका दिल्ली से चलता है। गुजरात जैसा फॉर्मुला मप्र में लागू हुआ तो यहां स्थिति देखने लायक होगी।

CM शिवराज कह चुके हमने भी तैयारी शुरू कर दी है

गुजरात विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद मप्र में भी राजनैतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। गुरुवार को सीएम शिवराज सिंह चौहान ने बीजेपी ऑफिस पहुंचकर कार्यकर्ताओं को बधाई दी। इसके बाद सीएम ने कहा गुजरात में अभूतपूर्व विजय मिली है। कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया। सीएम ने कहा ये विकास की आंधी है। इसमें कांग्रेस और अन्य पार्टियां हवा में उड़ गई। कांग्रेस तो 20 से नीचे सिमट गई। सीएम ने कहा- अब हम भी मध्यप्रदेश में तैयारी में जुट गए हैं

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गुजरात में अपनाया गया यह फाॅर्मूला

  • 5 साल 37 दिन सीएम रहे विजय रूपाणी के साथ पूरे मंत्रिमंडल को साल भर पहले बदला। इस बदलाव से एंटी-इनकम्बेंसी चुनाव से पहले भाजपा के पक्ष में बदल गई।
  • कुल 99 सीटों में से 40% मौजूदा विधायकों के टिकट काटे।
  • रूपाणी के साथ डिप्टी सीएम रहे नितिन पटेल, प्रदीप जाडेजा, भूपेंद्र सिंह चूडावत और सौरभ पटेल समेत कई उम्रदराज दिग्गजों को घर बैठाया।
  • पाटीदार और ओबीसी समीकरणों का पूरा ध्यान रखा और नए चेहरे उतारे। अजा-अजजा की रिजर्व सीट के अलावा कुल 40 पाटीदार, 48 ओबीसी, 30 (ब्राह्मण-क्षत्रिय) को टिकट दिया।
  • पूर्व विधायकों के परिवार के जिताऊ व्यक्ति को टिकट दिया। गुजरात में 22 ऐसे परिवारों को टिकट मिला है।

मप्र में बीजेपी के उम्रदराज नेता भविष्य को लेकर चिंतित

मप्र की राजनीति में लंबे समय से विधानसभा में जीतकर आने वाले उम्रदराज नेता अपने और बच्चों के राजनैतिक भविष्य को लेकर चिंतित हैं। मप्र विधानसभा के मौजूदा अध्यक्ष गिरीश गौतम से लेकर शिवराज सरकार में मंत्री भी इस बात को लेकर चिंतित हैं कि यदि उम्र का क्राइटेरिया टिकट वितरण में लागू हुआ तो उन्हें मैदान छोड़ना होगा। ऐसे में नेता चाहते हैं कि उनकी परंपरागत जिताऊ सीट पर बेटा या बेटी को टिकट मिल जाए ताकि राजनैतिक जमीन सुरक्षित बनी रहे।

मंत्रियों के साथ चुनाव से पहले ये हो जाएंगे 65 पार

  • बिसाहूलाल सिंह, मंत्री 73 साल 2 माह – विंध्य क्षेत्र में कांग्रेस के कद्दावर आदिवासी नेता रहे बिसाहू लाल सिंह ने मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया था। अनूपपुर से छह बार के विधायक बिसाहूलाल को दल बदल के बाद शिवराज कैबिनेट में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री बनाया गया है। बिसाहू लाल के छह बेटे हैं। ये अनूपपुर की राजनीति में सक्रिय हैं।
  • गोपाल भार्गव, मंत्री 70 साल नौ माह- बीजेपी के मंत्रियों में सबसे ज्यादा बार यानि आठ बार के विधायक गोपाल भार्गव 70 साल के पार हो चुके हैं। सागर जिले की रहली विधानसभा से लगातार आठ बार जीतने वाले गोपाल भार्गव की अपने क्षेत्र में गहरी पैठ है। गुजरात के फॉर्मुले में यदि उम्र के क्राइटेरिया में गोपाल को बाहर किया जाता है तो बीजेपी के लिए रहली सीट को जीतना मुश्किल होगी। हालांकि रहली विधानसभा में लंबे समय से पिता की जमीनी पकड़ को मजबूत करने में जुटे उनके बेटे अभिषेक भार्गव टिकट के मुख्य दावेदार होंगे।
  • यशोधरा राजे, मंत्री 69 साल- केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की बुआ और बीजेपी की संस्थापक सदस्य रहीं राजमाता विजयाराजे सिंधिया की बेटी यशोधरा राजे चार बार की विधायक हैं। इससे पहले वे दो बार सांसद भी रह चुकीं हैं। 69 साल की यशोधरा वर्तमान में खेल एवं युवा कल्याण मंत्री हैं। गुजरात फॉर्मुले में उनके टिकट पर खतरा हो सकता है।

ये सीनियर विधायक हो चुके हैं उम्रदराज

  • पारस जैन, उज्जैन उत्तर 73 साल 3 माह – उज्जैन उत्तर से छह बार के विधायक पारस जैन की उम्र 73 साल पार हो चुकी है। गुजरात में अपनाए गए फॉर्मुले में कई उम्र दराज नेताओं के टिकट काटकर नए कार्यकर्ताओं को उतारा गया। गुजरात के फॉर्मुले में उम्र का क्राइटेरिया लागू हुआ तो पारस जैन रेस से बाहर हो सकते हैं।
  • नागेंद्र सिंह, गुढ़ 81 साल – रीवा जिले की गुढ़ विधानसभा से बीजेपी विधायक नागेन्द्र सिंह चार बार के विधायक हैं। 81 साल के नागेन्द्र सिंह इस बार चुनाव न लड़ने के संकेत दे चुके हैं लेकिन, वे चाहते हैं कि उनके बाद उनके परिवार में ही टिकट दिया जाए। नागेन्द्र सिंह के भतीजे प्रणव प्रताप सिंह गुढ़ क्षेत्र की राजनीति में सक्रिय हैं।
  • नागेंद्र सिंह नागौद 80 वर्ष- सतना जिले की नागौद से पांच बार के विधायक नागेन्द्र सिंह विंध्य के कद्दावर क्षत्रिय नेता हैं। खजुराहो से सांसद रह चुके नागेन्द्र सिंह इस बार चुनाव लड़ने से खुद ही इनकार कर चुके हैं।
  • गोपीलाल जाटव, गुना 75 साल- गुना से छह बार के विधायक गोपीलाल जाटव 1969 से सक्रिय राजनीति में आए थे। वे 1974 में जनसंघ के टिकट पर पार्षद चुने गए थे। उमा भारती की कैबिनेट में उन्हें अनुसूचित जाति कल्याण विभाग में राज्यमंत्री बनाया गया था। 75 साल के गोपीलाल को ऐज फैक्टर के कारण टिकट के क्राइटेरिया से बाहर किया जा सकता है। उनका बेटा पिता की राजनीतिक विरासत को संभालने के लिए क्षेत्र में सक्रिय है।
  • श्यामलाल द्विवेदी, त्योंथर 74 साल- रीवा जिले की त्योंथर से पहली बार विधायक बने श्याम लाल द्विवेदी भी गुजरात फॉर्मुले के चलते टिकट के क्राइटेरिया में बाहर हो सकते हैं।

उनकी उम्र भी टिकट में बन सकती है बाधा

  • सीताशरण शर्मा, होशंगाबाद 73 साल –
  • अजय विश्नोई, पाटन 71 साल तीन माह
  • गौरीशंकर बिसेन, बालाघाट 71 साल एक माह
  • रामलल्लू वैश्य, सिंगरौली 72 साल 6 माह
  • जयसिंह मरावी, जयसिंह नगर 71 साल 9 महीने
  • महेंद्र सिंह हार्डिया, इंदौर-5 71 साल एक माह
  • गिरीश गौतम, विस. अध्यक्ष 70 साल 6 माह
  • देवीलाल धाकड़, गरोठ 70 साल 9 माह
  • रामपाल सिंह, सिलवानी 67 साल
  • करण सिंह वर्मा, इच्छावर 66 साल
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