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नए संसद भवन के इनॉग्रेशन का 19 दल बायकॉट करेंगे,अमित शाह ने कहा- भारत का राजदंड संसद में रखा जाएगा..

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विपक्ष की 19 पार्टियां संसद के नए भवन के उद्घाटन में शामिल नहीं होंगी। बुधवार को एक ज्वाइंट स्टेटमेंट में बायकॉट करने की जानकारी दी। इन्होंने कहा, ‘जब संसद से लोकतंत्र की आत्मा को ही खींच लिया गया हो, ऐसे में हमें नई इमारत की कोई कीमत नजर नहीं आती है।’ राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे पहले ही कार्यक्रम का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से करवाने की मांग कर चुके हैं। मोदी 28 मई को संसद के नए भवन का उद्घाटन करेंगे।

इस बीच गृहमंत्री अमित शाह ने आज सुबह प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया, ‘नए संसद भवन को 60,000 श्रमयोगियों ने रिकॉर्ड समय में बनाया है। इसलिए पीएम इस मौके पर सभी श्रमयोगियों का सम्मान भी करेंगे। राजनीति तो चलती रहती है। हमने सबको आमंत्रित किया है। हमारी इच्छा है कि सभी इस कार्यक्रम में हिस्सा लें।’

उन्होंने बताया, नई संसद में सेंगोल (राजदंड) को रखा जाएगा। इसका अर्थ होता है संपदा से संपन्न। जिस दिन संसद राष्ट्र को समर्पित होगी, उसी दिन तमिलनाडु से आए विद्वान सेंगोल पीएम को देंगे। इसे संसद में रखा जाएगा। शाह ने बताया कि सेंगोल को इससे पहले इलाहाबाद में रखा गया था।

19 पार्टियों के नाम: कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (AAP), तृणमूल कांग्रेस, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK),राष्ट्रीय जनता दल (RJD), जनता दल-यूनाइटेड (JDU), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP), समाजवादी पार्टी, उद्धव ठाकरे की शिवसेना गुट, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया, झारखंड मुक्ति मोर्चा, करेला कांग्रेस मनी, विदुथलाई चिरूथाइगल कच्छी, राष्ट्रीय लोक दल, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, नेशनल कॉन्फ्रेंस और रेवॉल्युशनरी सोशलिस्ट पार्टी अन्य मरूमलारची द्रविड मुनेत्रद कडगम (MDMK) इस कार्यक्रम का हिस्सा नहीं बनेंगे।

संजय राउत बोले- सब PM के लिए हो रहा, यह पॉलिटिकल इवेंट
संजय राउत ने बुधवार को कहा- हमारी संसद ऐतिहासिक है। यह अभी सौ साल चल सकती है। इसे बनाने में RSS और भाजपा का कोई हाथ नहीं है। अब नई इमारत बनाकर उसमें शिला लगाई जाएगी कि इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी ने किया है। इसी के लिए इतना खर्चा हो रहा है। चलो ये भी ठीक है।

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लेकिन राष्ट्रपति जो इस देश की प्रमुख हैं। आदिवासी महिला हैं। पार्लियामेंट की कस्टोडियन हैं। आप उनको नहीं बुला रहे। उनके हाथों से नए संसद भवन का उद्धाटन कराना तो प्रोटोकॉल है। लेकिन आप नहीं कर रहे हैं। क्योंकि आप प्रधानमंत्री के हाथों उद्घाटन करवाकर एक पॉलिटिकल इवेंट कर रहे हैं। इसलिए सभी विपक्षी पार्टियों ने तय किया है कि हम इसमें नहीं जाएंगे।

TMC सांसद डेरेक बोलें- यह राष्ट्रपति का अपमान
TMC सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने भी संसद की नई बिल्डिंग का राष्ट्रपति द्वारा उद्घाटन नहीं करने पर उनका अपमान बताया। ब्रायन ने कहा, यह भारत के दलित आदिवासी और वंचित समाज का अपमान है। उन्होंने आगे कहा, संसद सिर्फ एक नई इमारत नहीं है, यह पुरानी परंपराओं, मूल्यों, मिसालों और नियमों और भारतीय लोकतंत्र की नींव है। पीएम मोदी के लिए बिल्डिंग का इनॉगरेशन सिर्फ उनके लिए है, हमारे लिए नहीं।

AAP और CPI ने क्या कहा
आप नेता संजय सिंह ने कहा, AAP भी इनऑग्रेशन का बॉयकाट करेगी। क्योंकि पीएम ने राष्ट्रपति को आमंत्रित नहीं किया। CPI नेता डी राजा ने भी कहा कि उनकी पार्टी उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं होगी। CPI(M) ने भी इस समारोह का बहिष्कार करने की घोषणा की है।

खड़गे बोले- प्रेसिडेंट देश की पहली नागरिक, उन्हें उद्घाटन करना चाहिए 22 मई को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को ना बुलाए जाने पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा- ऐसा लगता है कि मोदी सरकार सिर्फ चुनावी फायदा उठाने के लिए दलित और आदिवासी समुदाय से राष्ट्रपति बनाती है। वे देश की पहली नागरिक हैं।

राहुल बोले- नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति करें, PM नहीं
21 मई को राहुल गांधी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर लिखा- संसद के नए भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को ही करना चाहिए, प्रधानमंत्री को नहीं। न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, कांग्रेस ने कहा- 28 मई को हिंदुत्व विचारक विनायक दामोदर सावरकर की जयंती है। इसी दिन नए संसद भवन का उद्घाटन करना राष्ट्र निर्माताओं का अपमान है।

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862 करोड़ रुपए में बने नए संसद भवन का काम पूरा हो गया है। प्रधानमंत्री ने 10 दिसंबर 2020 को इसकी आधारशिला रखी थी। नए संसद भवन का निर्माण 15 जनवरी 2021 को शुरू हुआ था। इस बिल्डिंग को पिछले साल नवंबर में पूरा हो जाना था। सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत बनी ये बिल्डिंग प्रधानमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इसे 28 महीने में बनाया गया।

4 मंजिला बिल्डिंग, भूकंप का असर नहीं
पुराना संसद भवन 47 हजार 500 वर्गमीटर में है, जबकि नई बिल्डिंग 64 हजार 500 वर्ग मीटर में बनाई गई है। यानी पुराने से नया भवन 17 हजार वर्ग मीटर बड़ा है। नया संसद भवन 4 मंजिला है। इसमें 3 दरवाजे हैं, इन्हें ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार नाम दिया गया है। सांसदों और VIPs के लिए अलग एंट्री है। इस पर भूकंप का असर नहीं होगा। इसका डिजाइन HCP डिजाइन, प्लानिंग एंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने तैयार किया है। इसके आर्किटेक्ट बिमल पटेल हैं।

नई संसद की खासियत

  • अभी लोकसभा में 590 लोगों की सीटिंग कैपेसिटी है। नई लोकसभा में 888 सीटें हैं और विजिटर्स गैलरी में 336 से ज्यादा लोगों के बैठने का इंतजाम है।
  • अभी राज्यसभा में 280 की सीटिंग कैपेसिटी है। नई राज्यसभा में 384 सीटें हैं और विजिटर्स गैलरी में 336 से ज्यादा लोग बैठ सकेंगे।
  • लोकसभा में इतनी जगह होगी कि दोनों सदनों के जॉइंट सेशन के वक्त लोकसभा में ही 1272 से ज्यादा सांसद साथ बैठ सकेंगे।
  • संसद के हर अहम कामकाज के लिए अलग-अलग ऑफिस हैं। ऑफिसर्स और कर्मचारियों के लिए भी हाईटेक ऑफिस की सुविधा है।
  • कैफे और डाइनिंग एरिया भी हाईटेक है। कमेटी मीटिंग के अलग-अलग कमरों में हाईटेक इक्विपमेंट लगाए गए हैं।
  • कॉमन रूम्स, महिलाओं के लिए लाउंज और VIP लाउंज की भी व्यवस्था है।
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