छत्तिश्गढ़
दस मेडिकल कॉलेज और उनके अस्पतालों में चार हजार से ज्यादा पदों पर होगी भर्ती, शासन ने दी मंजूरी
राज्यभर के युवाओं के लिए राहत की खबर है कि जल्द ही 10 मेडिकल कॉलेज और उनके संबद्ध अस्पतालों में 4 हजार से ज्यादा पदों पर भर्ती होगी। पहली बार यह भर्ती छत्तीसगढ़ व्यवसायिक परीक्षा मंडल से होगी। नई नियुक्तियों के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग ने हाल ही में राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा था। शासन से अब प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। इन कॉलजों और अस्पतालों में तृतीय व चतुर्थ कर्मचारियों में नर्सिंग, पैरामेडिकल स्टाफ, वार्ड ब्वाय और आया के पद शामिल हैं।
कॉलेजों और अस्पतालों में अभी तक अलग-अलग लोकल स्तर पर ही भर्ती होती थी, इसमें काफी समय लग जाता था। हर कॉलेज और अस्पताल अपनी सुविधा के अनुसार भर्ती करते थे। इस वजह चिकित्सा शिक्षा विभाग ने नए पदों पर भर्ती के लिए व्यापमं से भर्ती कराने की मांग की गई थी। विभाग ने अक्टूबर में इसका प्रस्ताव बनाकर भेजा था, जिसे अब मंजूरी मिली है। पहली बार सेंट्रलाइज्ड भर्ती होने से सभी भर्तियां एक साथ और समय पर होंगी। राज्य में महासमुंद, कोरबा, कांकेर, दुर्ग, रायगढ़ और बाकी कॉलेजों के खाली पदों में व्यापमं से भर्ती होगी।
कांकेर, महासमुंद, कोरबा के अलावा जिन भी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में पद खाली वहां सभी जगहों पर एक साथ भर्ती होगी। इन पदों के अलावा कवर्धा और जांजगीर-चांपा में अगले साल खुलने वाले नए मेडिकल कॉलेजों में 896-896 पदों की मंजूरी के लिए भी शासन के पास प्रस्ताव भेजा गया है। इन पदों को भरने के लिए भी जल्द अनुमति मिलने की संभावना है। गौरतलब है कि सितंबर में स्वास्थ्य सचिव, डीएमई व डीन की बैठक में तृतीय-चतुर्थ श्रेणी की भर्ती में हो रही व्यवहारिक दिक्कतों पर बात हुई थी।
बैठक में अफसरों ने बताया था कि पद खाली रहने की वजह से एक बड़े स्टाफ को दूसरे कामों में लगाना पड़ता है। इससे अस्पताल या कॉलेज के काम प्रभावित होते हैं। जल्दी भर्ती के लिए डीएमई व डीन ने व्यापमं से परीक्षा आयोजित कराने की सलाह दी थी। इस पर स्वास्थ्य सचिव ने सैद्धांतिक सहमति जताई थी। यही कारण है कि इस प्रस्ताव को तत्काल हरी झंडी मिल गई है
मेडिकल कॉलेजों में डाॅक्टरों की नियमित भर्ती छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग से हो रही है। इनमें असिस्टेंट प्रोफेसर, सीनियर रेसीडेंट, डेमोंस्ट्रेटर व जूनियर रेसीडेंट के पद शामिल है। एसोसिएट प्रोफेसर व प्रोफेसरों की भर्ती पीएससी नहीं करती। दरअसल ये प्रमोशन के पद हैं। हालांकि शासन के प्रस्ताव के बाद डीपीसी पीएससी में ही होती है। संविदा डॉक्टरों की भर्ती कॉलेज की ऑटोनॉमस बॉडी करती है। इसमें नियुक्ति अस्थायी होती है और रेगुलर भर्ती होते ही पद संविदा नियुक्ति खत्म हो जाती है।
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