जम्मू & कश्मीर
जम्मू-कश्मीर की ‘भूलभुलैया’ गुफाओं में छिपे 58 पाकिस्तानी आतंकी, जिंदा या मुर्दा, बाहर घसीटने की तैयारी
जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में रविवार को पाकिस्तानी आतंकियों ने वैष्णो देवी मंदिर जा रही तीर्थयात्रियों की बस पर हमला कर दिया। फायरिंग के चलते ड्राइवर का बस पर नियंत्रण नहीं रहा। नतीजा, बस गहरी खाई में जा गिरी। दस लोग मारे गए, जबकि 33 से अधिक घायल हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस और केंद्रीय बलों की खुफिया इकाई से जुड़े विश्वस्त सूत्रों का कहना है, जेएंडके के घने जंगलों में स्थित प्राचीन ‘भूलभुलैया’ गुफाओं में ’58’ पाकिस्तानी दहशतगर्द छिपे हैं। लगभग 32 स्थानीय आतंकी भी उनके साथ हैं।
इसके अलावा करीब दो दर्जन ऐसे लोग हैं, जो दहशतगर्दों के लिए मुखबिरी और सप्लाई चेन का काम करते हैं। भारतीय सेना, सीआरपीएफ और जेकेपी, उन प्राकृतिक गुफाओं तक पहुंच रही है, जहां पाकिस्तानी और लोकल आतंकी छिपे हैं। सुरक्षा एजेंसियों के सीक्रेट प्लान के मुताबिक, आतंकी जिंदा या मुर्दा, लेकिन वे बाहर घसीटे जाएंगे।
जम्मू क्षेत्र के पुंछ और राजौरी इलाके में बीहड़ जंगल हैं। इन्हीं जंगलों में अनेक प्राकृतिक गुफाएं मौजूद हैं। गत वर्ष सेना प्रमुख, जनरल मनोज पांडे ने कमांडरों की एक बैठक में यह निर्देश दिया था कि प्राकृतिक गुफाओं में छिपे बैठे आतंकियों को जल्द से जल्द बाहर निकाला जाए। उनके ठिकानों पर जोरदार प्रहार किया जाए। इसके बाद कई स्थानों पर सुरक्षा बलों के खास ऑपरेशन शुरु किए गए हैं। पीर पंजाल रेंज के तहत आने वाले राजौरी-पुंछ के वन क्षेत्रों में सुरक्षा बलों की टीमें पहुंच रही हैं। ऑपरेशन में सीआरपीएफ का कोबरा दस्ता, जो जंगल वॉरफेयर में एक्सपर्ट है, उसकी मदद ली जा रही है।
सूत्रों के मुताबिक, कई प्राकृतिक गुफाओं में पाकिस्तानी दहशतगर्द छिपे हुए हैं। कुछ गुफाएं ऐसी जगह पर स्थित हैं, जहां तक सुरक्षा बलों की सीधी पहुंच नहीं है। आतंकी, ऊंचाई का फायदा उठाते हैं। गत वर्ष दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग के कोकेरनाग जंगल क्षेत्र में छह सात दिन चले ऑपरेशन में दो आतंकियों के मारे जाने का दावा किया गया था। यहां पर आतंकी, प्राकृतिक गुफा में छिपे हुए थे। जब सुरक्षा बलों ने गुफा की तरफ चढ़ाई की, तो आतंकियों ने फायरिंग कर दी। उस हमले में भारतीय सेना का एक कर्नल, एक मेजर और एक डीएसपी शहीद हो गए थे। ऑपरेशन के छठे दिन, एक अन्य जवान की बॉडी मिली थी। उसके बाद भी जंगलों में आतंकियों ने हमलों को अंजाम दिया। पिछले माह जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में आतंकवादियों ने भारतीय वायुसेना के वाहन पर हमला किया था। उस हमले में एक सैनिक शहीद हुआ, जबकि कई अन्य सैनिक घायल हो गए थे।
प्राकृतिक गुफाओं में छिपे बैठे आतंकियों का सफाया करने के लिए अब सुरक्षा बल, ग्राउंड-पेनेट्रेटिंग रडार और थर्मल इमेजिंग तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं। हालांकि अभी तक इस तरह के उपकरणों से कोई बड़ी मदद नहीं मिल रही है। वजह, आतंकी इन उपकरणों की तकनीक से वाकिफ हैं। वे इसके तोड़ का कोई न कोई तरीका ढूंढ लेते हैं। सुरक्षा बलों की टीम, अब प्राकृतिक गुफाओं में छिपे आतंकियों को बाहर निकालने का जो तरीका अपना रही है, वह करो या मरो का है। यानी किसी भी तरह से आतंकी, जिंदा या मुर्दा, गुफा से बाहर आना चाहिए।
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