मध्य प्रदेश
जबलपुर में प्रधानमंत्री मोदी,रोड शो के साथ मंच तक पहुंचे,रानी दुर्गावती स्मारक का किया शिलान्यास..
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जबलपुर में रानी दुर्गावती की 500वीं जयंती के मौके पर वीरांगना रानी दुर्गावती स्मारक एवं उद्यान का शिलान्यास किया। साथ ही दुर्गावती स्मारक डाक टिकट और सिक्के भी जारी किए। प्रधानमंत्री मोदी ने मंच से ही देश के अलग-अलग क्षेत्र से जुड़े 12 हजार 600 करोड़ के डेवलपमेंट प्रोजेक्ट का भूमिपूजन और लोकार्पण भी किया।
सभास्थल पर मंच तक रोड शो
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभास्थल पर मंच तक रोड शो के साथ पहुंचे। उनके साथ सीएम शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा मौजूद रहे। रोड शो के बाद उन्होंने रानी दुर्गावती स्मारक और संग्रहालय का मॉडल देखा। पीएम मोदी ने मंच पर रानी दुर्गावती की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए।
कांग्रेस ने एक परिवार का महिमा मंडन किया
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आज रानी दुर्गावती जी की 500वीं जयंती है। आज मन आनंद से भरा है कि रानी दुर्गावती जी के स्मारक की आधारशिला रखी जा रही है।
एक सरकार पहले सालों तक रही उसने एक खानदान के लोगों को ही महिमामंडन किया। रानी दुर्गावती की प्रतिमा भी भाजपा सरकार ने लगाई। प्रधानमंत्री ने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस घोषित किया। इस स्मारक के पीछे ही प्रधानमंत्री मोदी की प्रेरणा है।
कांग्रेस ने कभी पेसा एक्ट लागू नहीं किया। ये काम करने का सौभाग्य भी हमें मिला। आज पेसा एक्ट जल, जमीन और जंगल का अधिकार दे रहा है। पेसा एक्ट के तहत गांव में छोटे-मोटे विवाद समितियां भी निपटा देती है। पेसा को जमीन पर उतारकर आदिवासी समाज का कल्याण किसी ने किया तो भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने किया।
सीएम शिवराज सिंह ने कहा कि कमलनाथ जी ने प्रधानमंत्री आवास योजना के मकान वापस कर दिए। उन्होंने किसान सम्मान निधि किसानों को नहीं मिलने दी। उन्होंने आयुष्मान कार्ड नहीं बनने दिए। मध्यप्रदेश कभी कांग्रेस के कारण बीमारू राज्य कहलाता था। आज प्रदेश को समृद्ध और विकसित बनाने का काम भाजपा सरकार ने किया है।
स्मारक में 52 फीट ऊंची प्रतिमा लगेगी
स्मारक एवं संग्रहालय में वीरांगना रानी दुर्गावती की अष्टधातु से बनी प्रतिमा लगाई जाएगी। यह प्रतिमा 52 फीट ऊंची होगी। संग्रहालय में स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई लड़ने वाले आदिवासी योद्धाओं की शौर्य गाथा को भी चित्रित किया जाएगा। यहां ओपन थिएटर भी बनाया जाएगा। साथ ही, रानी दुर्गावती की जीवन गाथा को बताने के लिए लाइट एंड शो का मंचन करने का प्रावधान भी स्मारक एवं संग्रहालय में किया गया है।
ऐसा होगा रानी दुर्गावती स्मारक
- प्रवेश के लिए केंद्रीय मार्ग होगा।
- दोनों ओर प्रकृति और पौराणिक महत्व को देखा जा सकेगा।
- आदिवासी जीवन और उसकी संस्कृति की झलक मिलेगी।
- आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की शौर्य गाथा का प्रदर्शन होगा।
- वनस्पतियों और जीवों का डिस्प्ले भी दिखेगा।
- मुख्य प्रवेश द्वार स्थानीय कला से प्रेरित होगा।
- रानी दुर्गावती की जीवन गाथा को बताने लाइट एंड साउंड शो होगा।
- संग्रहालय में ओपन थिएटर भी बनाया जाएगा।
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