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खड़गे बोले- प्लीज मेरा माइक बंद मत कीजिएगा,राज्यसभा में अधीर रंजन चौधरी को सस्‍पेंड करने का मुद्दा उठा..

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मानसून सत्र का शुक्रवार को आखिरी दिन है। लोकसभा की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू होने के 2 मिनट बाद ही हंगामा के चलते स्थगित हो गई। उधर, राज्यसभा में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी को सस्पेंड का मुद्दा उठा।

राज्‍यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने विपक्षी सदस्‍यों के निलंबन का मुद्दा उठाया। हाथ जोड़ते हुए सभापति जगदीप धनखड़ से कहा कि प्‍लीज मेरा माइक बंद न करें। दरअसल, जैसे ही खड़गे बोलने के लिए उठे सभापति उन्हें रोकने लगे।

इस दौरान, सदन में उन सांसदों को विदाई दी गई, जिनका कार्यकाल खत्म हो रहा है। सभापति जगदीप धनखड़ के बाद नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने विदाई दी। खड़गे ने सभापति से कहा ‘पता नहीं कि दोबारा हम मिलेंगे या नहीं, हमारी उम्र हो रही है।’

जब सभापति ने कहा क‍ि अपने मन की बात कीजिए तो खड़गे ने कहा कि दिल की बात करूंगा, मन की बात तो मोदी जी करते हैं। इसपर सभापति ने कहा कि दिल से मन की बात कर लीजिए।

अधीर रंजन चौधरी के सस्पेंशन पर कांग्रेस पार्लियामेंट्री बैठक
मानसून सत्र में 10 अगस्त को चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने एक विवादित बयान दिया। अधीर ने कहा, जहां राजा अंधा, वहां द्रौपदी का चीरहरण होता है।

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उनके इस बयान के बाद संसदीय कार्य मंत्री प्रह्रलाद जोशी ने चौधरी को सस्पेंड करने का प्रस्ताव दिया जिसे स्पीकर ने स्वीकार कर लिया। अधीर के सस्पेंशन को लेकर CPP (कांग्रेस पार्लियामेंट्री पार्टी) अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज सुबह 10.30 बजे कांग्रेस के लोकसभा सांसदों की बैठक बुलाई है। यह मीटिंग संसद स्थित CPP कार्यालय में होगी।

लोकसभा में गिरा विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव
मानसून सत्र 20 जुलाई से शुरू हुआ था। पूरे सत्र में विपक्ष ने मणिपुर में हो रही हिंसा को लेकर जमकर हंगामा किया। वे पीएम मोदी से मणिपुर पर बोलने की मांग कर रहे थे। इसके लिए विपक्ष ने 26 जुलाई को केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला किया था। अगले दिन यानी 27 जुलाई को लोकसभा अध्यक्ष ने विपक्ष के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया।

उधर, गुरुवार ( 10 अगस्त) को पीएम मोदी ने लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर जवाब दिया। मोदी ने 2 घंटे 12 मिनट का भाषण दिया, जिसमें वे मणिपुर पर 1 घंटे 32 मिनट बाद बोले। पीएम ने कहा- मैं सभी देशवासियों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि जो कोशिशें चल रही हैं, निकट भविष्य में शांति का सूरत जरूर उगेगा। मणिपुर फिर नए आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ेगा।

पीएम मोदी ने मणिपुर मुद्दे पर क्या कहा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कल अमित जी ने विस्तार से मणिपुर पर बात की तो देश को भी इनके झूठ का पता चला। अविश्वास प्रस्ताव पर इन्होंने हर विषय पर बोला। हमने कहा था कि अकेले मणिपुर पर आओ, लेकिन साहस नहीं था, पेट में पाप था, और ठीकरा फोड़ रहे थे हमारे सिर। सिवाय राजनीति के इन्हें कुछ करना नहीं है।

मणिपुर में अदालत का एक फैसला आया, हम जानते हैं। उसके पक्ष-विपक्ष में जो स्थितियां बनी, हिंसा का दौर शुरू हुआ, परिवारों ने अपने स्वजन खोए, महिलाओं के साथ गंभीर अपराध हुए, ये अक्षम्य हैं, दोषियों को सजा दिलवाने के लिए केंद्र-राज्य मिलकर प्रयास कर रहे हैं। मैं सभी देशवासियों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि जो कोशिशें चल रही हैं, निकट भविष्य में शांति का सूरत जरूर उगेगा। मणिपुर फिर नए आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ेगा।

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मैं मणिपुर के लोगों से भी कहना चाहता हूं, बेटियों-माताओं-बहनों से कहना चाहता हूं कि देश और सदन साथ है। हम मिलकर इस चुनौती का समाधान निकालेंगे, फिर शांति की स्थापना होगी। मणिपुर के लोगों को भरोसा दिलाता हूं कि वो राज्य फिर विकास पर आगे बढ़े, उसमें कमी नहीं रहेगी। नॉर्थ ईस्ट हमारे जिगर का टुकड़ा है।

पीएम के जवाब के बाद लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने अविश्वास प्रस्ताव पर सदस्यों की राय ली। इसके बाद ध्वनि मत से अविश्वास प्रस्ताव गिर गया।

मोदी सरकार के खिलाफ यह दूसरा अविश्वास प्रस्ताव था। पहला 20 जुलाई 2018 को तेलुगु देशम पार्टी लाई थी। 12 घंटे चर्चा के बाद मोदी सरकार को 325 वोट मिले थे। विपक्ष को 126 वोट मिले थे। अब तक 27 बार अविश्वास प्रस्ताव लाया गया। पहला प्रस्ताव 1963 में चीन युद्ध के बाद तत्कालीन पीएम नेहरू सरकार के खिलाफ लाया गया था।

अधीर रंजन चौधरी संसद से सस्पेंड
लोकसभा में गुरुवार (10 अगस्त) को कांग्रेस नेता अधीर रंजन ने मणिपुर हिंसा पर कहा- जहां राजा अंधा बैठा रहता है, वहां द्रौपदी का चीरहरण होता है। चाहे हस्तिनापुर में हो या फिर मणिपुर में हो, हस्तिनापुर और मणिपुर में कोई फर्क नहीं है।

कांग्रेस नेता की इस टिप्पणी पर अमित शाह ने आपत्ति जताई। उन्होंने स्पीकर से कहा- PM के लिए ऐसे बयान देना गलत है। इन्हें कंट्रोल किया जाए। पीएम पर की गई इस टिप्पणी की वजह से अधीर रंजन चौधरी को लोकसभा से सस्पेंड कर दिया गया है।

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वे सदन से तब तक निलंबित रहेंगे जब तक विशेषाधिकार समिति उनके खिलाफ अपनी रिपोर्ट पेश नहीं कर देती। कांग्रेस ने अधीर पर इस कार्रवाई को अविश्वसनीय और अलोकतांत्रिक बताया।

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