मध्य प्रदेश
अब सांची MP की पहली सोलर सिटी,CM शिवराज करेंगे लोकार्पण, 25 साल तक रोशन होंगे घर..
रायसेन जिले का सांची शहर आज 6 सितंबर से मध्य प्रदेश की पहली सोलर सिटी बनने जा रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शाम 4 बजे सांची स्टेडियम में आयोजित समारोह में इसका लोकार्पण करेंगे। नागौरी की पहाड़ी पर 18 करोड़ 75 लाख की लागत से लगाए गए सोलर प्लांट से 3 मेगावाट बिजली उत्पन्न हो रही है। जिसे बढ़ाकर 5 मेगावाट तक ले जाया जाएगा। यही नहीं, लोगों ने घरों पर भी सोलर पैनल लगवाए हैं, जिससे 25 साल तक बिजली मिलती रहेगी। इसका खर्च करीब 5 वर्षों में बिजली बिल के बराबर होगा।
7 करोड़ की बचत, 13747 टन कार्बन उत्सर्जन में कमी
पृथ्वी की सतह के तापमान को नियंत्रित करने के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। इसी के चलते सांची में सोलर सिटी विकसित की गई। इससे सालाना लगभग 13747 टन कार्बन डाई ऑक्साइड के उत्सर्जन में कमी आएगी। जो लगभग 2.3 लाख वयस्क वृक्षों के बराबर है। साथ ही शासन तथा नागरिकों के ऊर्जा संबंधी व्यय में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रति वर्ष 7 करोड़ रुपए से ज्यादा की बचत होगी।
सांची शहर को सोलर सिटी के रूप में विकसित करने के साथ ही ईको फ्रेंडली सुविधाओं के जरिए पर्यावरण प्रदूषण को कम करके दूरिज्म को आकर्षित करने की कोशिश की गई है। व्यक्तिगत सामाजिक दायित्व की भागीदारी से विभिन्न स्थानों पर सोलर वाटर कियोस्क स्थापित किए हैं, इनसे सार्वजनिक सुविधाओं में बढ़ोतरी होगी।
शहर में 4 ई-रिक्शा चलेंगे, जिनसे किसी भी प्रकार का प्रदूषण नहीं होगा। यह शहर के गरीबों के लिए रोजगार का अच्छा माध्यम बनेगा और इसकी बिजली की खपत भी कम होती है। भारत में इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए सुविधाएं तेजी से बढ़ रही हैं। शहर में 2 बैटरी चलित कचरा वाहन भी चलेंगे। ई-व्हीकल चार्जिंग स्टेशन जिसमें 4 कमर्शियल चार्जिंग पॉइंट और 3 ई-रिक्शा चार्जिंग पॉइंट है, स्थापित किए हैं।
5 साल पहले हुई थी शुरुआत
सांची को सोलर सिटी बनाने की प्रक्रिया 5 वर्ष पूर्व शुरू हुई थी। इसके लिए सांची स्थित नागौरी की पहाड़ी पर प्लांट लगाने का निर्णय लिया गया था। पहाड़ी को मशीनों से समतल किया गया। बड़े-बड़े पत्थरों को तोड़ा गया। जिसके बाद यहां प्लांट का कार्य शुरू हुआ। 18 करोड़ 75 लाख का प्रोजेक्ट लगाया है।
सांची के पास गुलगांव में भी लगा रहे सोलर प्लांट
सांची से लगे ग्राम गुलगांव में भी 5 मेगावाट का प्लांट स्थापित किया जा रहा है, जहां सांची में लगे सोलर प्लांट से शहरी क्षेत्र को बिजली मिलेगी। जबकि गुलगांव में लगाए जा रहे सोलर प्लांट से ग्रामीण क्षेत्रों को बिजली सप्लाई की जाएगी। नागौरी की पहाड़ी पर लगाए गए सोलर प्लांट में 120 से ज्यादा सोलर प्लेटों से 3 मेगावाट बिजली सांची फीडर को दी जाएगी।
घरों तक बिजली पहुंचाने की ऐसी रहेगी प्रोसेस
ऊर्जा विकास निगम के इस प्रोजेक्ट को केंद्र की एनएचडीपी कंपनी ने मूर्त रूप दिया है। नागौरी की पहाड़ी पर लगाए गए सोलर प्लांट से उत्पन्न 3 मेगावाट बिजली को 132/33 केबी सब स्टेशन तक पहुंचाया गया। जहां से सांची स्थित विद्युत वितरण कंपनी के 33/11 सब स्टेशन तक बिजली की आपूर्ति की जा रही है। यहीं से बिजली लोगों के घरों तक पहुंचाने की व्यवस्था की गई है।
लोगों को कितनी बिजली मिलेगी? उनके बिजली के बिल का भार कितना कम होगा? फिलहाल इसकी रूपरेखा तैयार की जा रही है। हालांकि, अधिकारियों के अनुमान के मुताबिक 50 से 60 फीसदी लोगों के बिजली बिल कम हो जाएंगे।
सोलर पैनल से 25 साल तक मिलेगी बिजली
सांची को सोलर सिटी बनाने के लिए लोगों को अपने घरों पर पैनल लगाने के लिए भी प्रेरित किया है। इसके लिए जन जागरुकता शिविर भी आयोजित किए गए हैं। सोलर पैनल से बिजली 25 साल तक मिलेगी और इसके लगाने के खर्च का भुगतान 4-5 वर्षों में बराबर हो जाएगा। इसके बाद अगले 20 वर्षों तक सोलर से बिजली का लाभ सतत मिलता रहेगा। एक किलोवाट क्षमता के सौर ऊर्जा पैनल के लिए लगभग 100 स्क्वायर फीट जगह की जरूरत होगी। योजना में 3 किलोवाट तक के सोलर प्लांट पर 40 प्रतिशत की सब्सिडी और 3 किलोवाट के बाद 10 किलोवाट तक 20 प्रतिशत की सब्सिडी केंद्र सरकार से मिलेगी।
सोलर पैनल लगवाने के बाद उपभोक्ता बिजली का आयात और निर्यात भी कर सकेगा। आवश्यकता से अधिक बिजली का उत्पादन करने पर उपभोक्ता शेष बिजली का निर्यात बिजली विभाग को कर सकेगा। सांची में 5 हजार 200 कनेक्शन हैं, फिलहाल सोलर पैनल लगवाने के लिए 60 लोगों ने आवेदन दिए हैं, जिनमें से 26 लोगों के घरों पर सोलर पैनल लगाए जा चुके हैं।
सांची के निवासी राकेश त्रिवेदी का कहना है कि मैने भी 3 किलो वाट का सोलर पैनल लगवाया है। जिसके लिए शासन से करीब 43 हजार रुपए अनुदान भी मिला है। सोलर पैनल से 16 यूनिट बिजली प्रतिदिन बन रही है। जबकि हमारी जरूरत 12 यूनिट ही है, इस सोलर पैनल से जो खपत के बाद इस तरह बिजली की बचत होती है। उसको बिजली कंपनी को ट्रांसफर कर दिया जाता है। अब हमारे घर के बिजली का बिल कम होता जा रहा है। सोलर प्लांट लगने से पहले घर का बिल 2000 से 2200 रुपए तक आता था। जब से 3 किलोवाट का सोलर पैनल लगवाया है, बिल 300 से 400 रुपए प्रति माह आ रहा है।
प्रोजेक्ट डीजीएम नवनीत तिवारी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि हर प्रदेश में एक शहर ऐसा हो जहां सोलर प्लांट से बिजली पैदा की जाए, ताकि कार्बन नेट जीरो किया जा सके। सांची में 3 मेगावाट का प्रोजेक्ट लगाया गया है। इसके अलावा गुलगांव में 5 मेगावाट के प्रोजेक्ट का कार्य प्रगति पर है। इस प्रोजेक्ट के लिए जिस जमीन का उपयोग किया गया है वह पूरी तरह से पथरीली और अनुपयोगी जमीन थी। अब प्रोजेक्ट लगने से जमीन उपयोग में आ गई।
30 हजार से कम आबादी वाले शहर बनेंगे सोलर सिटी
केंद्र सरकार की मंशानुरूप जिन शहरों की आबादी 30 हजार से कम है, वहां सोलर सिटी का निर्माण किया जाना है। इसी के तहत विश्व प्रसिद्ध ऐतिहासिक नगरी सांची में 3 मेगावाट का प्लांट स्थापित किया है। सांची शहर को नेट जीरो सिटी बनाना है ताकि सांची सहित आसपास के गांव ईको फ्रेंडली बन सकें।
आयोजन में ये अतिथि रहेंगे शामिल
बुधवार को सांची स्टेडियम में होने वाले लोकार्पण समारोह में नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री हरदीप सिंह डंग, ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया, अध्यक्ष ऊर्जा विकास निगम गिर्राज दंडोतिया, सांसद रमाकांत भार्गव, विधायक रामपाल सिंह, सुरेंद्र पटवा, देवेंद्र पटेल समेत जिला पंचायत अध्यक्ष यशवंत सिंह मीणा विशिष्ट अतिथि होंगे।
Pingback: मोदी के इंडोनेशिया दौरे के कार्ड पर भी भारत लिखा,थरूर बोले- हम भी अपने गठबंधन को B.H.A.R.A.T कह सकते हैं.. - Ra