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सिक्किम में बादल फटने की वजह था नेपाल का भूकंप,अब तक 14 की मौत, 26 घायल..

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सिक्किम में मंगलवार देर रात करीब डेढ़ बजे बादल फटने की घटना में अब तक 14 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 26 घायल हैं। 102 लोग अब भी लापता हैं, जिसमें सेना के 22 जवान शामिल हैं। पाक्योंग के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट ताशी चोपेल ने सभी जवानों की मौत की आशंका जताई है। आधिकारिक पुष्टि होना बाकी है।

वैज्ञानिकों को आशंका है कि नेपाल में आए भूकंप से सिक्किम की ल्होनक झील टूटी। उसका दायरा एक तिहाई रह गया। जब बादल फटा तो झील इतना पानी रोक नहीं पाई। इससे तीस्ता नदी में बाढ़ आ गई। नदी का जलस्तर 15 से 20 फीट तक बढ़ गया। नदी से लगे इलाके में ही आर्मी कैंप था, जो बाढ़ में बह गया और यहां खड़ी 41 गाड़ियां डूब गईं।

NH-10 बह गया, सैकड़ों गांवों का संपर्क कटा
सिक्किम में 3 हजार पर्यटक फंसे हुए हैं। बिजली गुल है। सैकड़ों गांव मुख्य मार्गों से कट चुके हैं। कुछ इलाकों में दो घंटे में 15 इंच तक बारिश दर्ज की गई। दिखचू, सिंगटम और रांगपो शहर जलमग्न हो गए हैं। बाढ़ की वजह से सिक्किम को देश से जोड़ने वाला नेशनल हाईवे NH-10 भी बह गया।

राज्य सरकार ने इस घटना को आपदा घोषित किया है। उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिक्किम के हालात जानने के लिए मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग से बातचीत की। उन्हें मदद देने का आश्वासन दिया।

पश्चिम बंगाल के तीन जिले बाढ़ प्रभावित
सिक्किम से लगे पश्चिम बंगाल के तीन जिले- जलपाईगुड़ी, कलिमपोन्ग और कूचबिहार में भी बाढ़ जैसे हालात हैं। राज्य के मुख्य सचिव एचके द्विवेदी ने बताया- तीस्ता बैराज से तीन शव बरामद किए गए हैं। उनकी अभी तक पहचान नहीं हो पाई है। राज्य के गवर्नर सीवी आनंदा बोस हालात का जायजा लेने के लिए गुरुवार सुबह सिलिगुड़ी पहुंचे हैं।

16 जून को भी बादल फटा था
इससे पहले सिक्किम में 16 जून को भी बादल फटा था। यहां के पेक्योन्ग में जमीन खिसकने और फिर बादल फटने से घरों में पानी भर गया था। कई लोग इससे प्रभावित हुए थे।

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इस साल बादल फटने की 4 बड़ी घटनाएं…

24 अगस्त: हिमाचल प्रदेश के मंडी में बादल फटा था। जिसमें 51 लोग फंस गए थे। NDRF की टीम ने सभी को सुरक्षित बचा लिया था। बद्दी जिले में बारिश के चलते बालद नदी में उफान आने से पुल दो हिस्सों में टूट गया था। वहीं पंडोह में मलबे की चपेट में आने से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी जबकि एक स्कूल की बिल्डिंग नाले में बह गई थी।

9 अगस्त: हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के पांवटा साहिब में बादल फटा, जिसके कारण सिरमौरी ताल गांव में फ्लैश फ्लड से एक मकान ढह गया था। इसकी चपेट में एक ही परिवार के 5 लोग आए थे। इनमें दो बच्चे भी शामिल थे। दो लोगों के शव बरामद कर लिए गए थे।

22 जुलाई: शिमला में बादल फटने के चलते आई बाढ़ में कई गाड़ियां बह गई थीं। वहीं काफी घर क्षतिग्रस्त हुए थे। हालांकि इसमें किसी के हताहत होने की सूचना नहीं थी। हालांकि बारिश के चलते चंबा-पठानकोट NH पर लैंडस्लाइड होने से हाईवे बंद हो गया था।

25 जुलाई: हिमाचल के शिमला जिले के रामपुर में बादल फटने से भारी तबाही हुई। रामपुर ब्लॉक की सरतारा पंचायत के कंदार गांव में बादल फटने से प्राथमिक पाठशाला, युवक मंडल सहित लोगों के 6 मकान ढह गए। डेढ़ दर्जन से ज्यादा पालतू मवेशी बाढ़ में बह गए। कई घरों में पानी घुस गया और आधा दर्जन गाड़ियों को भी इससे नुकसान हुआ था।

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जुलाई में दो घटनाएं, नौसेना के 3 अफसर और आर्मी के दो जवान बहे
इससे पहले 20 जुलाई को हिमाचल के कुल्लू में 4 जगह बादल फटने की घटनाएं हुईं। जिसमें कई लोग बाढ़ में बह गए थे। इसमें मनाली घूमने आए भारतीय नौसेना के तीन अफसर भी शामिल थे। वहीं, 9 जुलाई को जम्मू के पुंछ जिले में बाढ़ में सेना के 2 जवान बह गए थे। दोनों के शव बरामद किए गए थे।

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