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शटतिला एकादशी 2025: व्रत और पूजन विधि का विस्तृत विवरण

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शटतिला एकादशी 2025: व्रत और पूजन विधि का विस्तृत विवरण February 5, 2025

शटतिला एकादशी का महत्व हिंदू धर्म में अत्यधिक है। यह एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित है और इसका नाम “शट” (छह) और “तिला” (तिल) से लिया गया है। इस दिन तिल के विभिन्न प्रकारों से पूजा और दान करना विशेष फलदायी माना गया है। 2025 में यह व्रत 20 जनवरी को मनाया जाएगा।


शटतिला एकादशी का महत्व

शटतिला एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने से भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन व्रत रखने से न केवल पापों का नाश होता है, बल्कि पुण्य की प्राप्ति भी होती है। तिल का दान और इसका उपयोग शरीर, भोजन, और पूजा में करने से व्यक्ति के सभी कष्ट दूर होते हैं।

पौराणिक कथा:
पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार भगवान विष्णु ने देवी लक्ष्मी को शटतिला एकादशी का महत्व समझाया। उन्होंने बताया कि जो व्यक्ति इस दिन तिल का उपयोग नहीं करता, वह पुण्य के अवसरों से वंचित रहता है। इस दिन किए गए दान और पूजन का फल सौ गुना अधिक होता है।


व्रत और पूजन विधि

1. व्रत की तैयारी:

  • एकादशी के एक दिन पहले दशमी को सात्विक भोजन करें और ब्रह्मचर्य का पालन करें।
  • प्रातःकाल जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • घर के मंदिर की सफाई करें और भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर को गंगाजल से शुद्ध करें।

2. पूजन सामग्री:

पूजा के लिए निम्नलिखित सामग्री का उपयोग करें:

  • तिल
  • सफेद वस्त्र
  • पंचामृत (दूध, दही, शहद, घी और गंगाजल का मिश्रण)
  • फूल (विशेष रूप से पीले रंग के)
  • धूप और दीप
  • तुलसी के पत्ते
  • फल और नैवेद्य

3. पूजन विधि:

  • सुबह स्नान के बाद भगवान विष्णु की मूर्ति के समक्ष दीपक जलाएं।
  • पंचामृत से मूर्ति का अभिषेक करें और तिल का लेप लगाएं।
  • तुलसी के पत्तों के साथ फूल चढ़ाएं और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
  • तिल और अन्न का दान करें।
  • शाम को फलाहार के साथ व्रत खोलें।

तिल का उपयोग और दान का महत्व

शटतिला एकादशी पर तिल के छः प्रकार से उपयोग का महत्व बताया गया है:

  1. स्नान में तिल: गंगाजल में तिल मिलाकर स्नान करने से शरीर शुद्ध होता है।
  2. अभिषेक में तिल: भगवान को तिल युक्त जल चढ़ाने से पुण्य बढ़ता है।
  3. भोजन में तिल: तिल से बने व्यंजन का सेवन करने से शारीरिक और मानसिक शुद्धि होती है।
  4. दान में तिल: गरीबों को तिल का दान करना सर्वश्रेष्ठ माना गया है।
  5. हवन में तिल: यज्ञ या हवन में तिल की आहुति देने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
  6. धार्मिक कार्य में तिल: तिल का लेप और पूजा में इसका उपयोग पुण्य को बढ़ाता है।

व्रत के नियम

  1. व्रत के दौरान क्रोध, लोभ और अहंकार से दूर रहें।
  2. सात्विक भोजन करें और दिनभर निराहार रहें या फलाहार लें।
  3. ब्रह्मचर्य का पालन करें और झूठ बोलने से बचें।
  4. धार्मिक ग्रंथों का पाठ करें और भगवान विष्णु के भजन गाएं।

शुभ मुहूर्त

  • एकादशी तिथि प्रारंभ: 20 जनवरी 2025 को सुबह 3:45 बजे
  • एकादशी तिथि समाप्त: 21 जनवरी 2025 को सुबह 1:50 बजे
  • पूजा का सर्वोत्तम समय: सुबह 6:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक

दान और पुण्य का महत्व

शटतिला एकादशी पर दान करने से कई जन्मों के पाप नष्ट होते हैं। तिल के साथ अन्य चीज़ों का दान करना भी शुभ माना जाता है:

  • अन्न का दान
  • वस्त्रों का दान
  • गौ दान
  • ताम्बे के बर्तन और धन का दान

शटतिला एकादशी के लाभ

  1. पापों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है।
  2. जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
  3. स्वास्थ्य में सुधार होता है और मानसिक शांति मिलती है।
  4. मोक्ष की प्राप्ति और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।

शटतिला एकादशी का व्रत अत्यंत पुण्यदायी और लाभकारी है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करके और तिल का उपयोग व दान करके भक्त अपने जीवन के सभी कष्टों को दूर कर सकते हैं।

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