मध्य प्रदेश

मध्यप्रदेश के जिले और संभाग की सीमाओं में होगा बदलाव,नए सिरे से होगा प्रदेश का परिसीमन; सीएम ने कहा- प्रदेश में सीमा को लेकर कई विसंगतियां ​​​​​​​

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मध्य प्रदेश में जिलों और संभागों की सीमाओं में बदलाव की योजना बनाई जा रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस बात की पुष्टि की है कि प्रदेश का परिसीमन (Boundary Reorganization) नए सिरे से किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में जिलों और संभागों की सीमाओं को लेकर कई विसंगतियां हैं, जिन्हें ठीक किया जाएगा।

परिसीमन की आवश्यकता:

मुख्यमंत्री के अनुसार, कई जिलों और संभागों की सीमाओं में बदलाव की जरूरत है क्योंकि वर्तमान सीमा व्यवस्था से प्रशासनिक और विकासात्मक कार्यों में समस्याएं आ रही हैं। कई स्थानों पर सीमाएं ऐसी हैं जो लोगों के लिए सुविधाजनक नहीं हैं, और इससे प्रशासनिक कार्यों में भी दिक्कत होती है।

संभावित बदलाव:

  • जिलों की सीमा: कुछ जिलों के हिस्सों को निकटवर्ती जिलों में मिलाया जा सकता है या नए जिले बनाए जा सकते हैं। यह कदम प्रशासनिक सुधार और बेहतर सेवा वितरण के लिए उठाया जाएगा।
  • संभागों की सीमा: प्रदेश के 10 संभागों की सीमाओं को भी नए सिरे से निर्धारित किया जा सकता है। संभागीय सीमाओं के पुनर्गठन से प्रशासनिक दृष्टिकोण से संतुलन स्थापित करने का प्रयास होगा।

विसंगतियों का समाधान:

मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि वर्तमान में कई ऐसी विसंगतियां हैं, जैसे कुछ गांव या क्षेत्र दूसरे जिलों की तुलना में अधिक सुविधाजनक हो सकते हैं, लेकिन वे भौगोलिक या प्रशासनिक रूप से अन्य जिलों में आते हैं। इन विसंगतियों को दूर करने के लिए परिसीमन आवश्यक है।

उद्देश्य:

परिसीमन का उद्देश्य प्रशासनिक दक्षता बढ़ाना, विकास कार्यों को गति देना, और लोगों को बेहतर सरकारी सेवाएं उपलब्ध कराना है। नए परिसीमन से शासन की पहुंच में सुधार होगा और ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में समान रूप से विकास सुनिश्चित किया जा सकेगा।

प्रक्रिया:

परिसीमन की प्रक्रिया में संबंधित विभागों द्वारा अध्ययन किया जाएगा और जनता की राय भी ली जाएगी। विशेषज्ञ समितियां बनाई जाएंगी जो प्रशासनिक, भौगोलिक और जनसांख्यिकीय पहलुओं को ध्यान में रखते हुए सीमाओं का पुनर्गठन करेंगी।

इस फैसले से प्रदेश की प्रशासनिक व्यवस्था में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है, जिसका असर राज्य के विकास और जनसेवाओं पर भी पड़ेगा।

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