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भारत ने नागरिकों को ईरान-इजराइल न जाने को कहा,दावा-ईरान 2 दिन में इजराइल पर हमला कर सकता है; अमेरिका ने चीन-सऊदी से मदद मांगी..
नागरिकों को ईरान और इजराइल न जाने की सलाह देने वाले बयान के पीछे के समाचार और उसके परिणामों का अनुसरण करें। आमतौर पर, इस तरह की चेतावनियां गवाही हो सकती हैं कि किसी खतरे की संभावना है और लोगों को उचित सावधानी बरतने की जरूरत है। यह स्थिति बाहरी दुनिया द्वारा गम्भीरता से लिया जा रहा है और इसका उचित विश्लेषण करने के लिए स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय स्रोतों का सहारा लेना उचित होगा।
ईरान की तरफ से इजराइल पर हमले के खतरे को देखते हुए भारत ने नई ट्रैवल एडवाइजरी जारी की है। इसमें भारतीय नागरिकों को ईरान और इजराइल न जाने की सलाह दी गई है।
दूसरी तरफ, अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल (WSJ) ने दावा किया है कि ईरान अगले दो दिन में इजराइल पर हमला कर सकता है। WSJ ने शुक्रवार को अमेरिकी इंटेलिजेंस के हवाले से ये जानकारी दी है।
रिपोर्ट में ईरानी अधिकारी के हवाले से बताया है कि ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह खामेनेई से हमले का प्लान साझा किया गया है। वो इसके मुमकिन असर का आंकलन कर रहे हैं। हालांकि, अधिकारी ने ये भी कहा है कि अभी फैसला फाइनल नहीं किया है।
वहीं, इजराइल अपने उत्तर और पश्चिम दोनों हिस्सों में ईरान के हमले से निपटने की तैयारी कर रहा है। दूसरी तरफ, खतरे को देखते हुए भारत ने अपने नागरिकों को ईरान-इजराइल न जाने की सलाह दी है।
ईरान का हमला रोकने के लिए अमेरिका ने चीन-सऊदी से मदद मांगी
ईरान की तरफ से इजराइल पर हमले के खतरे के बीच अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने सऊदी अरब, चीन, तुर्किये और कई यूरोपीय देशों के विदेश मंत्रियों से फोन पर बात की। ब्लिंकन ने सभी देशों से ईरान को हमला न करने के लिए मनाने को कहा है।
अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा- विवाद को बढ़ावा देना किसी के भी हित में नहीं है।
इससे पहले गुरुवार को अमेरिका ने इजराइल में काम करने वाले अपने नागरिकों और खासकर डिप्लोमैट्स के लिए एडवाइजरी जारी की। अमेरिका ने अपनी एम्बेसी के स्टाफ को यरुशलम, तेल अवीव या बीरशेबा शहर से बिना सावधानी के बाहर न जाने को कहा है।
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, इजराइल-हमास जंग के 6 महीनों में ऐसा पहली बार है, जब अमेरिका ने अपने नागरिकों के लिए इस तरह की एडवाइजरी जारी की। वहीं, हमले के खतरों को देखते हुए गुरुवार को अमेरिका के सेंट्रल कमांड (CENTCOM) के जनरल माइकल कुरिला इजराइल पहुंचे। वो खतरे की परिस्थिति में इजराइल को गाइड़ करेंगे। उन्होंने इजराइल के रक्षा मंत्री योव गैलेंट और इजराइल डिफेंस फोर्स (IDF) के अधिकारियों से मुलाकात की।
इजराइल ने सीरिया में ईरान के दूतावास के पास हमला किया था
दरअसल, 1 अप्रैल को इजराइल ने सीरिया में ईरानी एम्बेसी के पास एयरस्ट्राइक की थी। इसमें ईरान के दो आर्मी कमांडर्स समेत 13 लोग मारे गए थे। इसके बाद ईरान ने इजराइल को बदला लेने की धमकी दी थी।
इस हमले के बाद व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी कैरीन जीन-पियरे ने बताया था- सीरिया में ईरानी दूतावास पर हमले के बाद अमेरिका ने ईरान से संपर्क किया था। हमने उन्हें बताया कि इस हमले में अमेरिका का कोई हाथ नहीं था। ईरान इसका सहारा लेकर अमेरिकी ठिकानों या नागरिकों को निशाना बनाने की कोशिश न करे।
‘इजराइल को हमले की सजा देंगे’
अमेरिका की इंटेलिजेंस एजेंसी ने भी आशंका जताई थी कि 1 अप्रैल के हमले के बाद ईरान इजराइल पर जवाबी अटैक कर सकता है। ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह खामेनेई ने बुधवार (10 अप्रैल) को कहा था-इजराइल को इस हमले की सजा जरूरी दी जाएगी। उन्होंने सीरिया में हमारे दूतावास पर हमला किया। यह ईरान की धरती पर हमला करने जैसा ही था।
दूसरी तरफ, ब्रिटेन के विदेश मंत्री लॉर्ड कैमरन ने भी ईरानी विदेश मंत्री को फोन करके उन्हें विवाद को आगे न बढ़ाने की सलाह दी। इससे पहले गुरुवार को इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान का नाम लिए बिना कहा था कि इजराइल गाजा के अलावा दूसरे मोर्चों पर भी जंग की तैयारी कर रहा है।
नेतन्याहू ने ईरान का नाम लिए बिना कहा था- अगर किसी ने भी हम पर हमला किया, तो हम इसका जवाब जरूर करेंगे।
अरबी भाषा में छपी ईरानी न्यूज एजेंसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान ने राजधानी तेहरान के ऊपर अपने एयरस्पेस को बंद कर दिया, जिससे वो सैन्य अभ्यास कर सकें। हालांकि, ईरानी मीडिया ने बाद में इस रिपोर्ट को हटा दिया।
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