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दिल्ली

बृजभूषण को भाजपा की हिदायत-बयानबाजी से बचें..

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 महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने के आरोपों का सामना कर रहे बृजभूषण सिंह को भाजपा आलाकमान ने हिदायत दी है। उन्हें मीडिया में बयानबाजी से बचने के लिए कहा गया है। उनसे कहा गया है कि इस मामले में बोलने से बचना है।

दरअसल, पहलवान बृजभूषण के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। इन्हें किसान नेताओं का भी साथ मिला है। पहलवानों के समर्थन में हरियाणा के कुरुक्षेत्र में खाप महापंचायत हो रही है। बृजभूषण लगातार बयानबाजी कर अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों का जवाब दे रहे थे। इस मामले में भाजपा को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। भाजपा पर बृजभूषण को बचाने के आरोप लग रहे हैं। वहीं, पार्टी का कहना है कि दिल्ली पुलिस ने केस दर्ज किया है। मामले की जांच की जा रही है।

बृजभूषण को रद्द करनी पड़ी रैली

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आला कमान के सख्त हिदायत के चलते बृजभूषण सिंह को अपनी रैली रद्द करनी पड़ी है। वह अयोध्या में 5 जून को रैली करने वाले थे। बृजभूषण ने फेसबुक पोस्ट कर रैली रद्द होने की जानकारी दी।

पहलवानों को मिला पूर्व क्रिकेटरों का साथ

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न्याय की मांग कर रहे पहलवानों को पूर्व क्रिकेटरों का साथ मिला है। 1983 की विश्वविजेता टीम के खिलाड़ियों ने साझा पत्र लिखकर पहलवानों से अपील की है कि वे अपनी मेहनत से कमाए हुए मेडल को गंगा में प्रवाहित नहीं करें। पूर्व क्रिकेटरों ने कहा कि पहलवानों के साथ जो हुआ वह गलत है। पहलवानों ने देश का मान बढ़ाया है। क्रिकेटरों ने अपील की कि पहलवान जल्दी में फैसला नहीं लें। उम्मीद है कि उनकी मांगों को सुना जाएगा। पत्र लिखने वाले क्रिकेटरों में सुनील गावस्कर, कपीलदेव, रॉजर विन्नी और मदन लाल जैसे खिलाड़ी शामिल हैं।

बृजभूषण की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं पहलवान

गौरतलब है कि पहलवानों ने बृजभूषण पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण के खिलाफ दो केस दर्ज किए हैं। एक केस नाबालिग पहलवान की शिकायत पर दर्ज किया गया है। इसमें पॉक्सो एक्ट लगाया गया है। दूसरा केस 6 महिला पहलवानों की शिकायत पर दर्ज किया गया है। पहलवानों की मांग है कि बृजभूषण को गिरफ्तार किया जाए। बृजभूषण के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे पहलवान पहले दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना दे रहे थे।

28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई संसद का उद्घाटन किया। इसी दिन पहलवानों ने जंतर-मंतर से संसद की ओर मार्च निकालने की कोशिश की। पुलिस ने पहलवानों को हिरासत में लिया और जंतर-मंतर से उनके टेंट हटा दिया। इसके बाद पहलवान हरिद्वार गए थे और अपने मेडल गंगा में प्रवाहित करने की बात की थी। किसान नेताओं द्वारा मनाने पर उन्होंने मेडल गंगा में प्रवाहित नहीं किए थे।

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