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फाइनल में भारत की हार के टॉप-5 फैक्टर्स,खराब शॉट खेलकर कप्तान ने गंवाया विकेट, 3 विकेट मिलने के बाद भी अटैक नहीं किया

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टीम इंडिया को रविवार को वर्ल्ड कप के फाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 6 विकेट की करारी हार झेलनी पड़ी। भारतीय टीम ने पूरे टूर्नामेंट में जिस दबदबे के साथ प्रदर्शन किया, खिताबी मुकाबले में उसे कायम नहीं रख सकी।

अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में 241 रन का टारगेट ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने 43 ओवर में 4 विकेट खोकर हासिल कर लिया। ट्रेविस हेड ने 120 बॉल पर 137 और मार्नस लाबुशेन ने 110 बॉल पर 58 रन की नाबाद पारी खेली।

फाइनल में भारत की हार के 5 अहम फैक्टर रहे। इन्हें एक-एक कर जानते हैं –

1. रोहित की केयरलेस बल्लेबाजी
रोहित शर्मा ने उसी तरह बल्लेबाजी की, जैसी वे इस वर्ल्ड कप में पहले से करते आ रहे थे। जिस तरह शॉट खेलकर वे आउट हुए, उसे केयरलेस कहा जाएगा। पावर-प्ले के 9 ओवर में भारत का स्कोर 66/1 था।

10वां ओवर लेकर पार्ट टाइम गेंदबाज ग्लेन मैक्सवेल आए। रोहित उनकी पहली तीन गेंद पर 10 रन बना चुके थे। इसके बावजूद उन्होंने चौथी गेंद पर बड़ा शॉट खेलने की कोशिश की और कैच आउट हो गए। इससे भारतीय पारी का मोमेंटम टूट गया।

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विराट का गलत समय पर आउट होना
रोहित के आउट होने के बाद अय्यर 4 रन बनाकर आउट हो गए। फिर विराट ने राहुल के साथ 67 रन की साझेदारी की। ये दोनों टीम को बड़े स्कोर की ओर ले जा रहे थे, तभी विराट पैट कमिंस की गेंद पर प्लेड-ऑन हो गए। यहां से भारतीय पारी अटक गई और बाद में आने वाले बल्लेबाज खुल कर नहीं खेल सके।

राहुल की धीमी बल्लेबाजी
कोहली का विकेट गिरने से केएल राहुल दबाव में आ गए और विकेट बचाने के चक्कर में धीमा खेलने लगे। मिडिल ओवर्स में 97 बॉल तक कोई बाउंड्री नहीं आई। केएल राहुल ने 107 गेंद पर 61.68 के स्ट्राइक रेट से 66 रन बनाए। उन्होंने केवल एक चौका जमाया।

. बॉलिंग और फील्डिंग में अटैक कम किया
241 रन का छोटा सा स्कोर चेज करने उतरी टीम इंडिया पावरप्ले में हावी रही। शमी ने अपने पहले ओवर में डेविड वॉर्नर का विकेट निकाला। फिर बुमराह ने मिचेल मार्श और स्टीव स्मिथ को पावरप्ले में चलता कर दिया। पावरप्ले में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने 60 रन पर 3 विकेट गंवा दिए। यहां से रोहित शर्मा ने बॉलिंग और फील्डिंग में अटैक कम कर दिया।

रोहित ने ओस से बचने के लिए पावरप्ले के बाद 6 ओवर जडेजा और कुलदीप से डलवाए। इस पर हेड और लाबुशेन को नजर जमाने का मौका मिल गया। दोनों ने शतकीय साझेदारी करके मुकाबला ऑस्ट्रेलिया के पक्ष में कर दिया।

ओस का गिरना
ऑस्ट्रेलियाई पारी के 20 ओवर के बाद ओस गिरनी शुरू हो गई। इससे बॉल गीली हुई और हमारे स्पिनर्स बेअसर हो गए। जडेजा और कुलदीप कोई विकेट नहीं ले सके। तेज गेंदबाजों के खिलाफ भी बल्लेबाजी आसान हो गई।

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