Connect with us

छत्तिश्गढ़

छत्तीसगढ़ में जी-20 समिट की बड़ी बैठक होगी…

Published

on

छत्तीसगढ़ में जी-20 समिट की बड़ी बैठक होगी... June 24, 2025

इस साल भारत को वैश्विक संगठन जी-20 की अध्यक्षता मिली है। इस संगठन की एक बड़ी बैठक छत्तीसगढ़ में भी होगी। यह जी-20 के चौथे वित्त कार्य समूह की बैठक है, जिसका आयोजन अगले साल सितंबर महीने में होना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को राज्यपाल अनुसुईया उइके और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ वर्चुअल बैठक कर तैयारियों के संबंध में चर्चा की।

भारत की अध्यक्षता में जी-20 का 18वां शिखर सम्मेलन 2023 में 9 और 10 सितम्बर को नई दिल्ली में होना है। यह सम्मेलन ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के आदर्श पर आयोजित किया जाएगा। इस दौरान सभी प्रदेशों के कुल 56 स्थानों पर 215 बैठकें प्रस्तावित हैं। छत्तीसगढ़ में वित्त कार्य समूह की बैठक होनी है। इसमें सदस्य देशों के वित्त मंत्री और केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों को शामिल होना है।

वर्चुअल बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा, जी-20 की अध्यक्षता करने का भारत को उत्कृष्ट अवसर प्राप्त हुआ है। इस दौरान हमें ‘अतिथि देवो भव’ की सांस्कृतिक परंपरा एवं विविधता में एकता की भावना को विश्व को प्रदर्शित करना है। इस आयोजन को वैश्विक नजरिए से देखना आवश्यक है। इसमें सभी राज्यों को अपनी कला, संस्कृति, अपनी विशिष्टता दिखाने का अवसर मिलेगा। जी-20 देशों के एक लाख से भी अधिक महत्वपूर्ण व्यक्ति, देश के विभिन्न राज्यों में बैठकों, सम्मेलनों में शामिल होंगे। सालभर चलने वाले इन कार्यक्रमों में जनभागीदारी को बढ़ावा देना आवश्यक है। इसके अलावा सभी राज्यों को अपनी ओर से कुछ नये कार्यक्रम भी जोड़ना चाहिए। राज्य के विश्वविद्यालयों, स्कूली विद्यार्थियों और स्वयंसेवी संगठनों को भी जी-20 के कार्यक्रमों से जोड़ा जाए।

मुख्यमंत्री ने दिलाया विश्व स्तरीय व्यवस्था का भरोसा

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, राज्यों को अपने क्षेत्र की महिलाओं द्वारा किए विकास के कार्यों को विशेष रूप से प्रदर्शित करना चाहिए। हम सबको मिलकर ऐसा आयोजन करना है, जो पूरे विश्व के लिए प्रेरणादायक हो। यहां से जाने के बाद अतिथि हमारे देश की मधुर स्मृति लेकर जाएं, यह हमें सुनिश्चित करना होगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया, उन्होंने प्रधानमंत्री से छत्तीसगढ़ में मेहमानों के लिए विश्व स्तरीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए आश्वस्त किया है।

Advertisement

क्या है यह जी-20

जी-20 को ग्रुप ऑफ ट्वेंटी भी कहा जाता है। यह अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, यूरोपियन यूनिअन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका का 1999 में बना एक अनौपचारिक समूह है। इसका कोई केंद्रीय मुख्यालय नहीं है। हर साल इसमें शामिल कोई एक देश इस संगठन की अध्यक्षता करता है। उस साल भर में उसका सचिवालय भी अध्यक्षीय देश में काम करता है। एक दिसंबर 2022 से अगले साल नवंबर तक इसकी अध्यक्षता भारत के पास है।

क्या करता है यह जी-20

जी-20 में शामिल देशों की कुल जीडीपी दुनिया भर के देशों की 80% है। यह संगठन आर्थिक सहयोग के साथ आर्थिक स्थिरता, जलवायु परिवर्तन और स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दे पर भी बातचीत करता है। इसके केंद्र में आर्थिक स्थिति को कैसे स्थिर रखने की कवायद है। इसके साथ ही विश्व के बदलते हुए भू-राजनीतिक परिदृश्य को भी ध्यान में रखता है और इससे जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी सहयोग करता है। आपसी व्यापार, कृषि, रोजगार, ऊर्जा, भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई और आतंकवाद जैसे मुद्दे भी इसमें शामिल हैं।

दुनिया की दो तिहाई आबादी इन जी 20 देशों के पास

Advertisement

दुनिया की दो तिहाई आबादी इन जी 20 देशों के पास है और पूरी दुनिया में जितना भी अंतरराष्ट्रीय ट्रेड होता है उसमें तीन चौथाई हिस्सा इन जी 20 देशों का होता है। 1977 में एक वित्तीय संकट आया था, उस संकट को ध्यान में रखते हुए दुनिया की जो प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं थी ,उनको इसका विचार आया कि एक समूह बनना चाहिए और उसके बाद साल 1999 में जी 20 समूह की स्थापना की गई।

जी-20 को दुनिया के सबसे शक्तिशाली देशों के समूह जी-7 के विस्तार के रूप में देखा जाता है। जी-7 में फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन, अमेरिका और कनाडा हैं। 1998 में इस समूह में रूस में भी जुड़ गया और यह जी-7 से जी-8 बन गया। यूक्रेन के क्रीमिया इलाके को अपने साथ मिलाने के कारण रूस को 2014 में इस समूह से अलग कर दिया गया और एक बार फिर से जी-7 बन गया।

1999 में जर्मनी के कोलोन में जी-8 देशों की बैठक हुई, इसमें एशिया के आर्थिक संकट पर चर्चा हुई। इसके बाद दुनिया के बीस शक्तिशाली अर्थव्यवस्था वाले देशों को एक मंच पर लाने का फैसला किया गया। दिसंबर 1999 में बर्लिन में पहली बार जी-20 समूह के लिए बैठक हुई। आगे चलकर जी-8 को राजनीतिक और जी-20 को आर्थिक मंच के रूप में पहचान दी गई।

  • वैश्विक अर्थव्यवस्था में प्रमुख मुद्दों पर चर्चा करने के लिए व्यवस्थित रूप से महत्वपूर्ण औद्योगिक और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं को एक साथ लाना।
  • वैश्विक आर्थिक स्थिरता और सतत विकास के लिए सदस्य देशों के बीच नीति समन्वय बनाए रखना।
  • ऐसे वित्तीय नियमों को बढ़ावा देना, जो जोखिम को कम करते हैं और भविष्य के वित्तीय संकटों को रोकना।

Source: Dainik Bhaskar

Continue Reading
Advertisement
Click to comment

You must be logged in to post a comment Login

Leave a Reply