छत्तिश्गढ़
गांव में सड़क नहीं,फार्म हाउस के लिए बन गई रोड..
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भले ही गांव और किसानों के विकास चाहते हैं। लेकिन जिम्मेदार अफसर गांव के विकास की आड़ में रसूखदारों को लाभ पहुंचाने में पीछे नहीं है। बिलासपुर में भी ऐसा ही मामला सामने आया है, जिसमें मुख्यमंत्री समग्र विकास योजना के तहत गांव की गलियों के बजाए फार्म हाउस जाने के लिए 13 लाख रुपए की लागत से सीसी रोड का निर्माण किया जा रहा है। देखिए दैनिकभास्कर की ग्राउंड रिपोर्ट…
जिला पंचायत के सीईओ ने बीते 12 अगस्त को जिले के पांच गांवों में 59 लाख 80 हजार रुपए की लागत से सीसी रोड निर्माण करने का आदेश जारी किया था। इसमें बिल्हा विकासखंड के ग्राम बैमा, सलखा,पौसरा, परसदा और बांका में अलग-अलग 23 टुकड़ों में सड़क बनाने का आदेश दिया गया।
दैनिक भास्कर ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की ओर से संचालित मुख्यमंत्री समग्र विकास योजना के तहत बनने वाले सड़क का जायजा लेने ग्राम पौंसरा और सेमरा पहुंची। इस दौरान गांव की गलियां और सड़क जर्जर मिले, जहां जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं और गलियों में गाड़ियां हिचकोले मारती है। बारिश के समय दलदल में चलने वाली गाड़ियों के निशान अभी तक गड्ढों में नजर आ रहे हैं, जिसमें बाइक तो क्या साइकिल चलाना भी आसान नहीं है।
दूसरी ओर गांव के बाहर विरान रास्ते में कांक्रीट की चकाचक सीसी रोड बनाई जा रही है, जहां न तो कोई ग्रामीणों का आना-जाना है और न ही आसपास कोई बस्ती है। यह नवनिर्मित सड़क एक रसूखदार के अग्रवाल फार्म हाउस तक जाती है। बताया गया कि एक व्यक्ति के फार्म हाउस जाने के लिए यहां 13 लाख रुपए की लागत से सीसी रोड का निर्माण किया जा रहा है।
15 साल से नहीं बनी है गांव की सड़क
ग्रामीणों ने बताया कि गांव की गलियां और जर्जर सड़क पिछले 15 साल से बदहाल है। गांव के सरपंच सहित विधायक नेता और अधिकारियों से कई बार सड़क बनाने की गुजारिश कर चुके हैं। लेकिन, अब तक सड़क नहीं बना है। इसके चलते बारिश के दिनों में गांव के लोगों को कीचड़ भरे रास्तों से आना-जाना करना पड़ता है।
ग्रामीण बोले- जहां जरूरत है वहां नहीं बन रही सड़क
गांव के रहने वाले पवन सिंह ठाकुर ने बताया कि गांव के आवास पारा की संख्या करीब दो हजार है। इसके बाद भी यहां सड़क नहीं बनाई जा रही है। जहां रोड की जरूरत है, वहां नहीं बन रहा है। इसकी वजह से गांव वाले परेशान हैं।
बरसात में पैदल नहीं चल पाते लोग
गांव के रवि यादव ने बताया कि गांव की सड़कों की हालत खराब है, जिसे देखकर लगता है कि हम विकास से कोसों दूर हैं। बरसात के समय में यहां पैदल चलना मुश्किल होता है। गांव में पिछले 15 साल से सड़क की स्थिति जर्जर है। फिर भी अफसर सड़क बनाने के लिए ध्यान नहीं देते।
तत्कालीन सीईओ ने दी थी स्वीकृति
तत्कालीन सीईओ हरीश एस ने सड़क निर्माण के लिए संयुक्त संचालक पंचायत संचालनालय के प्रस्तावों पर स्वीकृति देने का हवाला दिया था। इस आदेश में ग्राम पंचायत के सरपंचों को सीसी रोड का निर्माण कराने के आदेश दिए गए थे। ग्राम पंचायत पौसरा में सीसी रोड बनाने के लिए ग्राम पंचायत की ओर प्रस्ताव जिला पंचायत को भेजा गया था, जिसमें गांव के मुख्य मार्ग से संतोष अग्रवाल के फार्म हाउस तक 500 मीटर सड़क में सीसी रोड निर्माण किए जाने का उल्लेख था। इस प्रस्ताव पर संचालनालय से फार्म हाउस से मुख्य मार्ग तक सीसी रोड निर्माण के लिए 13 लाख रुपए की स्वीकृति दी गई थी।
सेमरा में भी फार्म हाउस जाने के लिए सीसी रोड की दे दी स्वीकृति
इसी तरह बिल्हा विकासखंड के ग्राम पंचायत सेमरा में भी नहर रोड से फार्म हाउस तक जाने के लिए सड़क निर्माण के लिए राशि स्वीकृत कर दी गई है। यहां ग्राम पंचायत के विरोध के चलते सड़क का निर्माण नहीं हो सका है। लेकिन, अब प्रस्ताव बनाकर देने के लिए पंचायत को अफसर डरा-धमका कर दबाव बना रहे हैं।
जिला पंचायत अध्यक्ष के फार्म हाउस तक बनाई थी 11 लाख की सड़क व पुलिया
इससे पहले भी जिला पंचायत अध्यक्ष अरुण सिंह चौहान के ग्राम भरारी विकास खंड भरारी स्थित फार्म हाउस तक पहुंचने के लिए रोजगार गारंटी योजना मद से 11 लाख रुपए की लागत से साल 2020 में पुलिया और मुरूम रोड का निर्माण कराया था। इस मामले की शिकायत भी गई है और जांच भी की गई, लेकिन कार्रवाई अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
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