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मध्य प्रदेश

कैबिनेट ने केन्द्र को भेजा सोयाबीन 4800 MSP का प्रस्ताव,सुबह शिवराज ने कहा- मप्र सरकार जैसे डिमांड करेगी, केंद्र वैसे खरीदी की परमिशन देगा

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मध्य प्रदेश सरकार ने सोयाबीन के लिए 4800 रुपये प्रति क्विंटल का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) तय करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि राज्य सरकार केंद्र से मांग के अनुसार खरीदी की अनुमति प्राप्त करेगी। सुबह एक कार्यक्रम में सीएम ने कहा कि केंद्र सरकार प्रदेश की डिमांड के अनुसार खरीदी की परमिशन देगी और सरकार किसानों को पूरा समर्थन देगी।

यह कदम किसानों को समर्थन देने के उद्देश्य से उठाया गया है, जिससे उनकी आय में वृद्धि हो सके और उन्हें उनकी उपज का उचित मूल्य मिल सके। सोयाबीन मध्य प्रदेश की प्रमुख फसल है, और इसका उचित समर्थन मूल्य किसानों के लिए बड़ी राहत साबित हो सकता है।

सरकार का यह फैसला आगामी विधानसभा चुनावों से पहले किसानों को खुश करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

मध्य प्रदेश में सोयाबीन के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को लेकर किसान आंदोलित हैं, और उनकी मांग है कि सोयाबीन का दाम 6,000 रुपये प्रति क्विंटल किया जाए। किसानों का कहना है कि मौजूदा समर्थन मूल्य (MSP) उनकी उत्पादन लागत को कवर करने के लिए पर्याप्त नहीं है। इसी कारण से राज्य भर में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं, और कांग्रेस पार्टी भी जिलों में किसान सम्मेलन आयोजित कर रही है, जिसमें सरकार पर किसानों की समस्याओं को नजरअंदाज करने के आरोप लगाए जा रहे हैं।

कई किसान संगठनों ने भी समर्थन मूल्य में वृद्धि की मांग को लेकर जिला स्तर से लेकर गांवों तक प्रदर्शन किया है। उनका कहना है कि खेती की लागत में लगातार वृद्धि हो रही है, और वर्तमान में जो MSP दिया जा रहा है, वह उनकी मेहनत और लागत का सही मूल्य नहीं है।

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मुख्यमंत्री मोहन यादव की सरकार ने हाल ही में सोयाबीन के लिए 4,800 रुपये प्रति क्विंटल का MSP प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा है, लेकिन किसानों का मानना है कि यह मूल्य भी पर्याप्त नहीं है। इस मुद्दे पर राज्य सरकार और केंद्र सरकार के बीच संवाद जारी है, और किसानों को उम्मीद है कि उनकी मांगों को ध्यान में रखते हुए सरकार समर्थन मूल्य में वृद्धि करेगी।

किसान संगठनों का यह भी कहना है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की जाती हैं, तो वे आंदोलन को और भी तेज करेंगे।

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