छत्तिश्गढ़
PM मोदी बोले-रायगढ़ जाने का मौका मिले तो मिलेट कैफे का आनंद जरूर उठाएं..
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात में रविवार को छत्तीसगढ़ का विशेष जिक्र हुआ है। यह मिलेट यानी मोटे अनाज के उत्पादन और विकास से जुड़ी बातचीत के संदर्भ में आया है। प्रधानमंत्री मोदी ने श्रोताओं से कहा, जब छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जाने का मौका मिले तो मिलेट कैफे जाकर वहां के व्यंजनों का आनंद जरूर उठाएं। इस कैफे में रागी से बने पास्ता, चीला, इडली, मंचूरियन, मोमोज, पिज्जा, नूडल, दोसा, कोदो से बनी बिरयानी का स्वाद लिया जा सकता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने जिस मिलेट कैफे का जिक्र किया है, वह रायगढ़ के नटवर स्कूल के पास चल रहा है। इसकी शुरुआत तत्कालीन कलेक्टर भीम सिंह ने मई 2022 में की थी। यह छत्तीसगढ़ का पहला मिलेट कैफै है। यहां पर रागी, कोदो, कुटकी जैसे मोटे अनाजों से बने लजीज व्यंजन परोसे जाते हैं। जिसमें स्वाद के मई साथ सेहत की जुगलबंदी होती है। इसके संचालन का जिम्मा पूरी तरह महिलाओं के हाथों में है। विकास संघ महिला समूह से जुड़ी महिलाएं यह कैफे चला रही हैं। इसमें तकनीकी सहयोग महिला बाल विकास विभाग और ट्रांसफॉर्मिंग रूरल इंडिया फाउंडेशन द्वारा दिया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ में पहली बार महिला स्वरोजगार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए महिला समूहों के लिए मिलेट्स आधारित कैफे की शुरुआत की गयी थी। बाद में धीरे-धीरे प्रदेश भर में ऐसे कई मिलेट्स कैफे खुल रहे हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, हमारे यहां मिलेट का रकबा भी बढ़ा है, उत्पादन भी बढ़ा है। उसको लेकर पूरा प्रोग्राम तैयार है। मिलेट कैफे भी हमारे यहां शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान मंत्रियो-विधायकों को मिलेट्स के व्यंजनों का भोज भी दिया था। उस भोज में केवल कोदो-कुटकी, रागी आदि से बने व्यंजन परोसे गए।रविवार को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मन की बात कार्यक्रम सभी भाजपा नेताओं ने सुना। भाजपा ने छत्तीसगढ़ के 18500 स्थानों पर ये कार्यक्रम सुनाने का बंदोबस्त किया। आम लोगों ने भी इसमें हिस्सा लिया। PM मोदी ने पद्म पुरस्कारों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जिन लोगों को पद्म पुरस्कार मिले हैं, वे सभी हमारे बीच के आम लोग हैं, जो राष्ट्र प्रथम की सोच के साथ समाज उत्थान और देश के विकास में उत्तम भागीदारी कर रहे हैं। नक्सल प्रभावित क्षेत्र में काम करने वालों को भी पद्म पुरस्कार मिले हैं।छत्तीसगढ़ में रागी, कोदो, कुटकी जैसे मोटे अनाजों और लघु धान्य फसलों की पैदावार बढ़ाने, इनकी खरीदी की अच्छी व्यवस्था और प्रोसेसिंग कर इन्हें शहर के बाजारों तक पहुंचाने के लिए मिलेट मिशन शुरू हुआ है। प्रदेश के 14 जिलों को इस मिशन में शामिल किया गया है। इसके लिए इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मिलेट रिसर्च हैदराबाद से करार हुआ है। इसके तहत इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मिलेट रिसर्च तकनीकी जानकारी, उच्च क्वालिटी के बीज की उपलब्धता और सीड बैंक की स्थापना के लिए सहयोग और मार्गदर्शन दे रहा है।छत्तीसगढ़ में कोदो, कुटकी और रागी का ना सिर्फ समर्थन मूल्य घोषित किया गया अपितु समर्थन मूल्य पर खरीदी भी की जा रही है। इस पहल से छत्तीसगढ़ में मिलेट्स का रकबा डेढ़ गुना बढ़ा है और उत्पादन भी बढ़ा है। कांकेर जिले के नथिया-नवागांव में मिलेट्स का सबसे बड़ा प्रोसेसिंग प्लांट भी स्थापित किया जा चुका है। मिलेट्स को बढ़ावा देने के लिए गोठानों में विकसित किए जा रहे रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में मिलेट्स प्रोसेसिंग प्लांट लगाए जा रहे हैं।
कई पीढिय़ों से रागी, कोदो जैसे अनाज हमारे आहार का प्रमुख हिस्सा हुआ करता था। किंतु आज इनका उपयोग सीमित हो गया है। ये अनाज सेहत के लिए जरूरी बहुत से पोषक तत्वों से युक्त होते हैं। ऐसे कैफे से लोगों को इन अनाजों से तैयार व्यंजन के रूप में सेहतमंद विकल्प मिल रहा है।
राज्य में प्रोडक्शन से लेकर कलेक्शन, प्रोसेसिंग और मार्केटिंग की योजना तैयार की है। मिलेट्स की खेती को बढ़ावा देने के लिए कांकेर जिले में देश की सबसे बड़ी प्रोसेसिंग यूनिट भी लगाई गई है। इसके अलावा प्रोडक्ट की बिक्री के लिए आउटलेट्स भी शुरू किए गए हैं।बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बधेल ने राज्य में मिलेट्स की उपलब्धता और संभावनाओं की जानकारी दी। पीएम मोदी ने रायपुर में मिलेट्स कैफे खोले जाने की सलाह दी थी।
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