Connect with us

छत्तिश्गढ़

पेशी के बाद चार आरोपियों को जेल भेजा, सौम्या से 13 दिसम्बर तक पूछताछ की इजाजत..

Published

on

प्रवर्तन निदेशालय(ED) ने छत्तीसगढ़ में चल रहे मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बड़ी कार्रवाई की है। यहां शुरुआती तौर पर आरोपी बनाए गए पांच लोगों से जुड़ी 100 से अधिक चल-अचल संपत्तियों को अटैच कर दिया है। इसकी कीमत 152 करोड़ 31 लाख रुपए बताई जा रही है। शनिवार को इस मामले में सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश कर दिया गया।

अभियोजन और बचाव पक्ष के वकीलों को सुनने के बाद अदालत ने समीर विश्नोई, सूर्यकांत तिवारी, लक्ष्मीकांत तिवारी और सुनील अग्रवाल की न्यायिक रिमांड 13 दिसम्बर तक बढ़ा दिया। सौम्या चौरसिया को भी 13 दिसम्बर तक ED की हिरासत में भेज दिया गया है। अदालत ने यह भी कहा है कि अगर बहुत जरूरी न हुआ तो अगली बार सभी आरोपियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश किया जाए। बचाव पक्ष के अधिवक्ता फैजल रिजवी का कहना था, ED इस मामले को केवल प्रचारित कर रही है। पहले दिन से कहा जा रहा है कि 500 करोड़ रुपए की हेरफेर हुई है। अभी दस्तावेजों को देखने पर पता चल रहा है कि उन्होंने केवल 152 करोड़ की संपत्ति का ही पता लगाया है। ऐसे में इनके दावे सही नहीं है।

इससे पहले ED ने आरोपियों से जुड़ी संपत्तियां अटैच की है। बताया गया, अटैच की संपत्तियों में से सबसे अधिक 65 संपत्तियां कारोबारी सूर्यकांत तिवारी से जुड़ी हुई हैं। उप सचिव सौम्या चौरसिया से जुड़ी 21 संपत्तियां और निलंबित IAS समीर विश्नोई से जुड़ी पांच संपत्तियां भी अटैच की गई हैं। शेष संपत्तियां सुनील अग्रवाल और लक्ष्मीकांत तिवारी से जुड़ी हुई हैं। इन संपत्तियों में कैश, आभूषण, फ्लैट, कोलवाशरी और भूखंड शामिल हैं। कोयला परिवहन में अवैध वसूली के इस गिरोह ने बेनामी संपत्ति बनाने के लिए अपने रिश्तेदारों का इस्तेमाल किया है। इन जमीनों को खरीदने के सौदे न्यूनतम चेक राशि पर किए गए थे।

वसूली से बड़ी मात्रा में आई नगदी को इन संपत्तियों को खरीदने के लिए उपयोग किया गया। अधिकतर बार, बेनामीदारों के पास जमीन खरीदने के लिए न्यूनतम पूंजी भी नहीं होती थी। पूंजी बनाने के लिए नगद भुगतान पर कई लोगों से छोटे असुरक्षित ऋण लिए गए। 30 जून 2022 को आयकर छापा पड़ने के बाद कुर्की से बचने के लिए घबराहट में सुनील अग्रवाल को बड़ी संख्या में संपत्तियां बेची गईं। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि वह आयकर की नजर में नहीं था। विभाग ने इन संपत्तियों के और हस्तांतरण को रोकने के लिए अस्थायी कुर्की आदेश जारी किया गया है।

यहां है ये संपत्तियां

Advertisement
  • दुर्ग जिले के हिर्री, पोतिया और सेवती में 63.38 एकड़ कृषि भूमि।
  • रायपुर के आरंग और रसनी में 10 एकड़ कृषि भूमि।
  • दुर्ग के ठकुराइनटोला में 12 एकड़ की व्यावसायिक भूमि।

अभियोगपत्र पेश, पिछले 16 महीनों में 540 करोड़ वसूली का आरोप

ED ने शुक्रवार को इनमें से चार आरोपियों के खिलाफ अदालत में अभियोगपत्र भी पेश कर दिया है। अपने अभियोगपत्र में चारों आरोपियों IAS समीर विश्नोई, कारोबारी सूर्यकांत तिवारी, लक्ष्मीकांत तिवारी और सुनील अग्रवाल की ओर से की गई अनियमितताओं का जिक्र है। आरोप है, इन लोगों ने 16 महीनों में ही कोयला परिवहन से 540 करोड़ रुपए की अवैध वसूली की है। यह रकम अफसरों-कारोबारियों में बांटी गई है। अवैध वसूली की रकम कोयला कारोबार और जमीन में लेयरिंग की गई है। आरोपियों की रिमांड अवधि खत्म होने के बाद ED आरोपियों को अदालत में पेश करने वाली है।

ED की जांच में सामने आया है कि पिछले 2 साल में कम से कम 540 करोड़ रुपये की उगाही की गई है। इसके लिए इस एजेंसी ने हजारों हस्तलिखित डायरी प्रविष्टियों का विश्लेषण किया है। इन प्रविष्टियों की पुष्टि करने के लिए बैंक खातों की जांच की गई है। वॉट्सएप चैट के विश्लेषण और 100 से अधिक लोगों के बयान दर्ज कर एक-एक कड़ी जोड़ी है।

ED की दूसरे अफसरों और कारोबारियों से पूछताछ जारी थी। लगातार कई दिनों की पूछताछ के बाद ED ने 2 दिसम्बर को सौम्या चौरसिया को गिरफ्तार किया था। उनपर बेनामी संपत्ति की खरीदी-बिक्री से काला धन खपाने का आरोप लगाया गया है। उनको 6 दिसम्बर तक ED की हिरासत में भेजा गया। बाद में सौम्या को भी 10 दिसंबर तक के लिए ईडी रिमांड में भेज दिया ग या था।

29 अक्टूबर को इस मामले में एक अन्य आरोपी सूर्यकांत तिवारी ने अदालत में समर्पण कर दिया। 10 दिन की पूछताछ के बाद सूर्यकांत को भी न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। तब से सूर्यकांत भी जेल में बंद था।

प्रवर्तन निदेशालय-ED ने 11 अक्टूबर को प्रदेश के 75 से अधिक ठिकानों पर छापा मारा था। प्रारंभिक जांच और पूछताछ के बाद 13 अक्टूबर को इस मामले में छत्तीसगढ़ इंफोटेक प्रमोशन सोसाइटी-चिप्स के तत्कालीन CEO समीर विश्नोई, कोयला कारोबारी सुनील अग्रवाल और वकील-कारोबारी लक्ष्मीकांत तिवारी को गिरफ्तार किया था। 29 अक्टूबर को इस मामले में किंगपिन बताये जा रहे कारोबारी सूर्यकांत तिवारी ने अदालत में समर्पण कर दिया। इन चारों से 14 की पूछताछ के बाद न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। ED ने 2 दिसम्बर को राज्य प्रशासनिक सेवा की अफसर सौम्या चौरसिया को गिरफ्तार किया। उनसे अभी पूछताछ जारी है।

Advertisement

source: Dainik Bhaskar

Continue Reading
Advertisement
Click to comment

You must be logged in to post a comment Login

Leave a Reply