उत्तर प्रदेश
सीमा-सचिन के घर पहुंचे सुप्रीम कोर्ट के वकील,बंद कमरे में दोनों से बात की..
पाकिस्तान से भारत आई सीमा हैदर से मिलने के लिए सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट डॉ. एपी सिंह सोमवार को उसके प्रेमी सचिन के घर पहुंचे।
ग्रेटर नोएडा स्थित सीमा और सचिन ने अपने ही वकील के लिए काफी देर तक दरवाजा नहीं खोला। एपी सिंह घर के बाहर खड़े रहे। उन्होंने दरवाजा खुलवाने के लिए पुलिस को फोन किया।
एडवोकेट ने पुलिस से कहा कि राष्ट्रपति के यहां सीमा की तरफ से याचिका लगाई है। सचिन-सीमा से अकेले ही मिलेंगे। कोई और सदस्य नहीं जाएगा। दरवाजा खुलवा दीजिए। इसके बाद पुलिस के कहने पर सचिन ने दरवाजा खोला और सीमा-सचिन ने पैर छूकर एडवोकेट सिंह का स्वागत किया।
इसके बाद एपी सिंह अंदर गए और बंद कमरे में दोनों से बातचीत की। बाहर निकलकर एपी सिंह ने बताया कि सीमा हैदर की तबीयत खराब है।
वहीं, सोमवार को एक रिपोर्ट में कहा गया है कि नोएडा पुलिस ने सीमा हैदर से मिले सभी डॉक्यूमेंट्स (आइडेंटिटी कार्ड और 6 पासपोर्ट) को उसकी पहचान के वैरिफिकेशन के लिए दिल्ली में पाकिस्तानी दूतावास (एम्बेसी) को भेज दिया है। साथ ही ATS को सीमा से मिले मोबाइल की फोरेंसिक रिपोर्ट का भी इंतजार है। कहा जा रहा है कि यह पूरी प्रक्रिया सीमा हैदर को पाकिस्तान डिपोर्ट करने के लिए की जा रही है।
सीमा बोली-भारत की जेल में सारी जिंदगी बिता दूंगी
वहीं, सीमा ने कहा है कि वह पाकिस्तान नहीं जाएगी। भारत की जेल में सारी जिंदगी बिता देगी। उधर, सीमा मामले में नोएडा पुलिस के हाथ अहम सुराग लगा है।
रविवार रात नोएडा पुलिस ने बुलंदशहर के एक जनसेवा केंद्र पर छापा मारा। पुलिस सचिन मीणा को लेकर अहमदगढ़ थाना क्षेत्र के गांव गंगाबांस में जनसेवा केंद्र पहुंची। यहां से दो भाइयों पुष्पेंद्र मीणा और पवन मीणा को हिरासत में लिया। साथ ही कंप्यूटर, प्रिंटर आदि सामान भी कब्जे में लिया है।
आरोप है कि सचिन और सीमा हैदर के आधार कार्ड सहित अन्य दस्तावेजों के साथ इसी जनसेवा केंद्र पर छेड़छाड़ की गई थी। सचिन ने अपने मामा की मदद से यह काम करवाया था। जिस मकान में यह जनसेवा केंद्र चल रहा था, उसके मालिक ने नोएडा पुलिस के आने और दो भाइयों को हिरासत में लेने की पुष्टि की है।
दोनों ने बुलंदशहर में ही कोर्ट मैरिज की एप्लिकेशन दी थी। हालांकि डॉक्यूमेंट में कमी के चलते दोनों की शादी नहीं हो सकी थी।
सचिन मास्टरमाइंड, सीमा को नेपाल तक आने में की मदद
इतना ही नहीं, पाकिस्तान से रबूपुरा तक सीमा को लाने और रास्ते की पूरी रेकी सचिन ने ही की थी। ये प्लान मार्च में बना था। जब सचिन पहली बार सीमा से मिलने नेपाल गया था।
उस वक्त सचिन ने ट्रैवल एजेंट से लेकर बॉर्डर तक की जानकारी जुटा ली थी। इसके बाद उसने सीमा को नेपाल तक आने का पूरा रूट समझाया।
10 मई को सीमा हैदर अपने चार बच्चों के साथ 15 दिन के टूरिस्ट वीजा पर पाकिस्तान से कराची एयरपोर्ट पहुंची। यहां से वह दुबई गई। 11 मई को दुबई एयरपोर्ट से काठमांडू एयरपोर्ट पहुंची।
इसके बाद का सफर उसने सचिन के जरिए सड़क के रास्ते तय किया। यहां से वैन करना फिर ट्रैवल एजेंट के जरिए बस बुक कराना और रास्ते में बातचीत करते हुए फलेदा कट तक आना, यह सारा प्लान सचिन ने सीमा को बताया था।
सचिन जानता था बस के अंदर सवारियों की जांच नहीं होती
शनिवार को एटीएस की पूछताछ में सचिन ने बताया कि उसने खुद ही ट्रैवल एजेंट का नंबर निकाला। उसके बाद बस नंबर का पता करके पोखरा से सिद्धार्थनगर बॉर्डर का रास्ता चुना।
रेकी के जरिए उसने पता किया था कि सिद्धार्थनगर रूट पर बस के अंदर चढ़कर सवारियों के दस्तावेज चेक नहीं किए जाते, बल्कि ट्रैवल एजेंटों द्वारा दी गई सूची के आधार पर ही जांच की जाती है।
सीमा ने अपना नाम सीमा मीणा लिखवाया था। अपने बच्चों के नाम भी बदलकर हिंदू लिखवाए थे। इस कारण SSB को शक नहीं हुआ। सचिन ने ही ट्रैवल बस एजेंट को पैसे ऑनलाइन ट्रांसफर किए थे।
एटीएस ने 5 घंटे की सचिन से पूछताछ
बताया जा रहा है कि बुलंदशहर के जनसेवा केंद्र में ही सीमा ने अपने बच्चों के नाम बदलवाए। अपने नाम के आगे मीणा लिखकर बस की टिकट बुक कराई। ये सब जानकारी सचिन को थी।
एटीएस की पूछताछ में ये तथ्य सामने आए थे। दरअसल, शनिवार को एटीएस ने एक बार फिर से सचिन के साथ पूछताछ की थी। ये पूछताछ करीब पांच घंटे चली थी। जिसमें कई जानकारी भी एटीएस को मिली है।
सचिन ने बताया कि उसने बुलंदशहर कोर्ट ही क्यों चुना। दरअसल, उसने जो आधार कार्ड बनवाए थे। वो दोनों एजेंट बुलंदशहर के ही थे। दोनों ही सगे भाई हैं।
सूत्रों के मुताबिक दोनों भाई बुलंदशहर के अहमदगढ़ में जन सेवा केंद्र चलाते थे। फिलहाल इनसे पूछताछ की जा रही है।
सीमा ने कहा- मेरी वजह से सचिन परेशानी में आया
सीमा की तबीयत में कुछ सुधार हुआ है। सुधार होते ही उसने एक बार फिर मीडिया से बातचीत की। इस दौरान उसने कहा कि सचिन और उसका परिवार मेरी वजह से तकलीफ उठा रहा है।
मै यहां नहीं आती तो परिवार को इतना कष्ट नहीं उठाना पड़ता। फिलहाल अब मैं पाकिस्तान नहीं जाऊंगी, क्योंकि वहां मुझे मार दिया जाएगा। मैं भारत की जेल में सारी जिंदगी बिता दूंगी।
सचिन पर टिकी जांच एजेंसियों की निगाह
सचिन पढ़ा-लिखा नहीं है वह पंसारी की दुकान पर काम करता है, लेकिन नेपाल से लेकर भारत आने का रास्ता और अब कानूनी दांवपेच के जरिए सुप्रीम कोर्ट के बड़े वकील के जरिए राष्ट्रपति के नाम दया याचिका दिलवाना कहीं ना कहीं जांच एजेंसियों को खटक रहा है।
इसके पीछे सचिन का दिमाग नहीं बल्कि कोई और है जो उसे गाइड कर रहा है। अब जांच एजेंसियों की पूरी निगाह सचिन पर टिक गई है।
एक बार फिर हो सकती है पूछताछ
बताया गया कि एक बार फिर से जांच एजेंसियां सीमा और सचिन से पूछताछ कर सकती हैं, क्योंकि अब तक उनको कई अहम सवालों के जवाब नहीं मिले हैं। साथ ही सीमा का साइकोलॉजिकल टेस्ट भी हो सकता है।
अब भी नहीं मिले इन सवालों के सटीक जवाब
- बच्चों को इतनी छोटी उम्र में इतने महंगे मोबाइल दिलाना जब परिवार की स्थिति इतनी खराब थी।
- सीमा ने बयान दिया था कि उसने 12 लाख में मकान खरीदा और तीन महीने बाद 12 लाख में ही बेच दिया। ये जवाब काफी असमंजस में डाल रहा है।
- सीमा ने कहा कि उसका मोबाइल बच्चे के हाथ से गिर गया इसलिए टूट गया, लेकिन डेटा किसने डिलीट किया।
- सीमा ने पाकिस्तान का सिम कार्ड क्यों तोड़ा?
- सीमा का मोबाइल टूट गया, लेकिन सचिन का भी मोबाइल टूट गया। क्या ऐसा संभव है?
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