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मध्य प्रदेश

सिंधिया के बेटे क्रिकेट से जमा रहे अपनी फील्डिंग..

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विधानसभा चुनाव को लगभग आठ महीने बाकी हैं। इसे देखते हुए नेता पुत्र भी अपने पिता की तरह अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में एक्टिव हो गए हैं। नेताओं की यह पीढ़ी राजनीति की भट्‌टी में तपकर कुंदन बनने की तैयारी कर रही है। यह उनके लिए राजनीति की प्रैक्टिस जैसा है। सीएम शिवराज के बड़े बेटे कार्तिकेय ने बुधनी की कमान संभाल रखी है। वहीं, ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे महाआर्यमन ग्वालियर में खेलों के बहाने राजनीतिक जमीन पर अभ्यास कर रहे हैं। मंत्री गोपाल भार्गव के पुत्र अभिषेक (दीपू) भार्गव रहली में सक्रिय हैं। इसी तरह, मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के अभिनेता पुत्र आकाश मायानगरी मुंबई का मोह त्यागकर सुरखी विधानसभा पर फोकस रहे हैं। इनकी तरह अन्य कई नेता पुत्र हैं, जो अपने पिता की कर्मभूमि पर सक्रिय हैं।

वे गांव पहुंचते ही सबसे पहले गांववालों के हालचाल जानते हैं। लोगों को क्षेत्र में केंद्र और राज्य सरकार की ओर से जारी विकास कार्यों की जानकारी देते हैं। ये हैं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय सिंह चौहान। 23 मई 1994 को जन्मे कार्तिकेय इन दिनों अपने पिता के विधानसभा क्षेत्र बुधनी में सक्रिय हैं। उनके दौरे लगातार चल रहे हैं। इस दौरान वे भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के साथ मंच भी साझा करते हैं। उनसे चर्चा करते समय वे गंभीरता से अपनी बात रखते हैं और उनकी बात सुनते हैं।

राज्य सरकार की विकास यात्रा के तहत हो रहे कार्यक्रमों में भी कार्तिकेय उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। दौरों के समय वे सरलता से लोगों से मिलते हैं। लोगों से बातचीत की शैली किसी मंझे हुए नेता की तरह दिखती है। जब भी बुधनी विधानसभा में कार्तिकेय का दौरा होता है, तो भाजपा नेता और कार्यकर्ता पहले से उस जगह पर पहुंच जाते हैं। इतना ही नहीं, मंच से ऐलान भी होने लगता हे कि कार्तिक आज क्षेत्र के दौरे पर हैं। कार्तिक अपने पिता की तरह ‘अपने लोगों’ के बीच सक्रिय हैं।

‘कैसे हो आप सब, ठीक हो… उत्साहित हो… मैं भी बहुत उत्साहित हूं। मैं आपसे मिलने आया हूं। बातचीत करने आया हूं। आप सबको समझने आया हूं। आप सब यहां आए, मुझसे मिलने आए हैं। इसके लिए बहुत-बहुत धन्यवाद कहना चाहूंगा। जब मैं यहां आया, तो मुझसे पूछा गया कि आप तो राजनीति जॉइन करने आए हो। मैंने कोई राजनीतिक प्रोग्राम नहीं बनाया था।’ यह अंदाज है सिंधिया परिवार की चौथी पीढ़ी और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के पुत्र महाआर्यमन सिंधिया का। वे गुना आते हैं, तो इसी अंदाज में जनता का अभिवादन करते हैं।

महाआर्यमन को देखकर लोग कहते हैं कि पोता बिल्कुल अपने दादा स्व. माधवराव सिंधिया की तरह बोलता है। कई लोग महाआर्यमन को ‘छोटे महाराज’ कहकर भी संबोधित करते हैं। महाआर्यमन सामाजिक कार्यक्रम में ज्यादा सक्रिय दिखते हैं। वे अपने पिता की अनुपस्थिति में उनका काम देखते हैं। लोगों से संपर्क करते हैं, उनकी समस्याएं जानते हैं। पहले तक महाआर्यमन का ज्यादातर समय दिल्ली में गुजरता था, लेकिन कुछ दिनों से वे ग्वालियर में ज्यादा समय बिता रहे हैं। वे क्षेत्र में यहां स्पोर्ट्स टूर्नामेंट करा रहे हैं।

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उनकी असल पहचान एक अभिनेता के तौर पर है। ‘आश्रम’ और ‘मिर्जापुर’ जैसी वेब सीरीज के साथ छोटे पर्दे पर अपने हुनर का लोहा मनवा चुके हैं। परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के बेटे आकाश राजपूत इन दिनों मायानगरी छोड़ अपने पिता के विधानसभा क्षेत्र सुरखी के चक्कर काट रहे हैं। वे क्षेत्र में आकाश भैया के नाम से मशहूर हैं। उनके पिता पार्टी या सरकार के काम से ज्यादातर बाहर ही रहते हैं। ऐसे में सुरखी विधानसभा की जिम्मेदारी आकाश के भरोसे है।

सामाजिक कार्यक्रम हो या राजनीति से जुड़ी कोई बैठक, आकाश हर जगह दिखते हैं। अभिनेता होने के कारण वे युवाओं में लोकप्रिय हैं। क्रिकेट के शौकीन आकाश इन दिनों टूर्नामेंट भी करवा रहे हैं। क्या यह चुनाव की तैयारी है? इस पर आकाश कहते हैं कि मेरा राजनीति से लेना-देना नहीं है। मेरी कोशिश है कि हमारे क्षेत्र के प्रतिभावान खिलाड़ियों को मंच मिलना चाहिए। आकाश हर मैच से पहले खिलाड़ियों से ठीक वैसे ही मिलते हैं, जैसे बड़े नेता मिलते हैं। उनके नाम पर सबसे बड़ा क्रिकेट टूर्नामेंट कराने का गिनीज रिकॉर्ड भी है। एमबीए करने के बाद वे पीएचडी कर रहे हैं।

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