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मध्य प्रदेश

भोपाल के मदरबुल फार्म के पास टाइगर का मूवमेंट:गाय का शिकार किया, बैरागढ़ चिचली में भी गाय पर अटैक

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भोपाल में दो जगहों पर टाइगर का मूवमेंट देखा गया है, जिससे स्थानीय लोगों में दहशत फैल गई है। ये घटनाएं केरवा रोड स्थित मदरबुल फार्म और बैरागढ़ चिचली में हुई हैं। वन विभाग की टीमें इन क्षेत्रों में सर्चिंग अभियान चला रही हैं।

घटनाएं विस्तार से:

  1. केरवा रोड स्थित मदरबुल फार्म:
    • मूवमेंट और शिकार: मदरबुल फार्म के पास टाइगर ने एक गाय का शिकार किया है। इस घटना से आसपास के ग्रामीणों और पशुपालकों में भय का माहौल बन गया है।
    • क्षेत्रीय स्थिति: केरवा रोड पर मदरबुल फार्म जंगल से सटा हुआ है, जिससे वन्यजीवों का मूवमेंट इस क्षेत्र में आम बात है। लेकिन टाइगर का हमला विशेष चिंता का विषय है।
  2. बैरागढ़ चिचली:
    • मूवमेंट और हमला: बैरागढ़ चिचली में भी टाइगर ने एक गाय पर हमला किया है। हालांकि, गाय इस हमले में बच गई, लेकिन इस घटना ने स्थानीय लोगों को सतर्क कर दिया है।
    • स्थानिक प्रतिक्रिया: लोग अब रात के समय बाहर निकलने से डर रहे हैं और अपने पशुओं की सुरक्षा के लिए चिंतित हैं।

वन विभाग की प्रतिक्रिया:

  1. सर्चिंग अभियान:
    • वन विभाग की टीमों ने टाइगर की तलाश और मूवमेंट की निगरानी के लिए सर्चिंग अभियान शुरू कर दिया है।
    • टीमों को संभावित स्थानों पर तैनात किया गया है और उन्हें टाइगर को ट्रैक करने के लिए निर्देशित किया गया है।
  2. कैमरा ट्रैप और उपकरण:
    • टाइगर के मूवमेंट की निगरानी के लिए कैमरा ट्रैप और अन्य उपकरणों का उपयोग किया जा रहा है।
    • इन उपकरणों की मदद से टाइगर की गतिविधियों को रिकॉर्ड किया जाएगा और उसकी स्थिति का पता लगाया जाएगा।

सुरक्षा उपाय:

  1. स्थानीय लोगों को सतर्कता:
    • वन विभाग और प्रशासन ने स्थानीय लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
    • लोगों को जंगल के नजदीक अकेले न जाने और अपने पशुओं को सुरक्षित स्थान पर रखने के निर्देश दिए गए हैं।
  2. जनजागरूकता अभियान:
    • वन विभाग ने जनजागरूकता अभियान चलाकर लोगों को टाइगर के मूवमेंट और उससे बचाव के तरीकों के बारे में जानकारी दी जा रही है।
    • इस अभियान में पोस्टर, पम्फलेट और स्थानीय मीटिंग्स का आयोजन शामिल है।

संभावित समाधान:

  1. टाइगर की ट्रैकिंग और सुरक्षा:
    • टाइगर को जंगल में सुरक्षित स्थान पर वापस भेजने के प्रयास किए जा रहे हैं।
    • वन विभाग की टीमें ट्रैंक्विलाइज़र और अन्य सुरक्षित तरीकों का उपयोग करके टाइगर को पकड़ने की कोशिश करेंगी।
  2. बाड़ और सुरक्षा उपाय:
    • खेतों और पशु बाड़ों के आसपास मजबूत बाड़ लगाने की सलाह दी गई है ताकि टाइगर की एंट्री को रोका जा सके।
    • क्षेत्र में सुरक्षा उपायों को मजबूत करने के लिए स्थानीय प्रशासन और वन विभाग मिलकर काम कर रहे हैं।

भोपाल में टाइगर के मूवमेंट से स्थानीय लोग भयभीत हैं, लेकिन वन विभाग की त्वरित कार्रवाई से उम्मीद है कि स्थिति जल्द ही नियंत्रण में आ जाएगी। स्थानीय लोगों को सतर्क और जागरूक रहने की आवश्यकता है ताकि किसी भी अनहोनी से बचा जा सके।

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