Connect with us

मध्य प्रदेश

पैसों के लिए क्रूरता की हद पार करने वाली बेटी क्रूरता,बुजुर्ग मां बोली- कमरे से नहीं निकलने देती थी..

Published

on

भोपाल में माता-पिता से बर्बरता करने वाली महिला और उसके दोनों बेटे फरार हैं। चार महीने तक कमरे में बंधक बनाकर रखे गए सीएस सक्सेना, उनकी पत्नी कनक सक्सेना और 48 साल का बेटा विक्की सक्सेना जेपी अस्पताल में भर्ती हैं।  यहां महिला के जुल्मों के सबूत कमरे में मौजूद थे। कनक सक्सेना ने जो दास्तां सुनाई, उसे सुनकर किसी के भी रोंगटे खड़े हो जाएंगे। उन्होंने बताया कि पैसों के लिए बेटी ने उनके साथ जानवरों जैसा सलूक किया। घर में इतने दिनों तक दंपती बंधक बने रहे, पड़ोसियों तक को कानों-कान खबर नहीं थी। जब मीडिया में मामला आया, तब माजरा समझ आया।

असल में सीएस सक्सेना के दोस्त ने लिखित आवेदन दिया था कि सक्सेना की बेटी ने उन्हें चार महीने से बंधक बनाकर रखा है। इसके बाद पुलिस उनके घर पहुंची। उन्हें बंधन मुक्त कराकर अस्पताल में भर्ती कराया।

पड़ोसियों को कानो-कान प्रताड़ना की खबर नहीं

जगह– अरेरा कॉलोनी। बंगला नंबर ई-7/72। दिन– शुक्रवार। समय– दोपहर करीब 12 बजे। घर के बाहर नेम प्लेट पर ‘वीणा’ लिखा है। इसी घर में रहते हैं सीएस सक्सेना (80), उनकी पत्नी कनक सक्सेना (76) और उनका 48 वर्षीय बेटा। घर में सन्नाटा पसरा था। कॉलोनी में भी बात करने वाला कोई नहीं दिखा। हां, यहां से गुजरने वाला हर शख्स इस घर की तरफ जरूर देख रहा था। कॉलोनी में घुसते ही कॉर्नर पर हार्डवेयर की एक दुकान है। यहां खड़े होकर कुछ लोग घर की तरफ अंगुली दिखाकर खुसुर-फुसुर कर रहे थे। हमने उनसे बात करने की कोशिश की। उन्होंने परिचय पूछा। हमने पहचान बताई, तो बात करना बंद कर दिया।

हालांकि, भरोसे में लेने पर उन्होंने चुप्पी तोड़ी। बताया- सीएस सक्सेना की बेटी ने उनके साथ गलत किया है। पैसे और प्रॉपर्टी के चक्कर में सही नहीं किया। उसे सख्त सजा मिलनी चाहिए। मां-बाप और मानसिक रूप से कमजोर भाई को बंधक बनाकर रखा। उनको खाने के लिए सिर्फ एक-एक रोटी दी। धीरे-धीरे कमजोर करके उन्हें मारने की फिराक में थी, जिससे किसी को पता भी न चले। सभी को लगे उम्रदराज होने के चलते मौत हो गई। जब उनसे पूछा गया कि आप लोगों को कभी नहीं लगा कि उनके साथ कुछ गलत हो रहा है या वो दिखाई नहीं पड़ रहे हैं?

Advertisement

कहने लगे कि ऊपर वाले कमरे से विक्की खिड़कियों से चिल्लाता था। सभी को लगता था कि वह मस्ती कर रहा है। माता-पिता भी लंबे समय से नहीं दिख रहे थे, लेकिन उनकी बेटी निधि रोजाना दिख जाती थी, इसलिए संदेह भी नहीं हुआ। वह कार से रोजाना निकलती, लेकिन किसी से बात नहीं करती थी।

आगे बढ़ने से पहले उस मां का दर्द पढ़िए, जो चार महीने तक बंधक रही

साल 2002 बेटी निधि की शादी लखनऊ के रहने वाले कर्नल मुकुल सक्सेना से की थी। 2016 में वह पति को छोड़कर भोपाल आ गई। शादी से पहले उसका व्यवहार सामान्य था। हमारी हर बात मानती थी, लेकिन जब वह यहां आई, तब से उसका व्यवहार बदला हुआ था। वह हिंसक प्रवृत्ति की हो गई थी। ऐसे ही उसके दोनों बेटों का व्यवहार था। बात-बात पर गुस्सा हो जाती थी। हाथ भी उठा देती थी। मेरे पति सीएस सक्सेना बैंक मैनेजर पद से रिटायर हैं। उन्हें पेंशन भी मिलती है। निधि आए दिन पैसे मांगती रहती थी। हमने भी बेटी समझकर पूरा खर्च उठाया। उसे पैसे भी दिए। निधि ने हम दोनों का एटीएम भी अपने पास रख लिया था। धीरे-धीरे उसकी हरकतें बढ़ती चली गईं। चिल्लाना, गुस्सा होना और मारपीट करना रोज की बात हो गई थी। खाने के लिए भी ताने मारती थी।

हम बेटी समझकर बर्दाश्त करते रहे। अब उसने हम पर कई तरह की पाबंदियां लगाना शुरू कर दीं। घर में आने-जाने वालों पर रोक थी। हमें भी बाहर नहीं निकलने देती थी। कोई मिलने आता, तो बाहर से ही लौटा देती थी। यहां तक कि घर में काम करने वाली से भी बात नहीं करने देती थी। काम के दौरान भी वह कुर्सी डालकर बैठ जाती थी। निधि ने हमें बताया था कि उसकी जापान एम्बेसी में नौकरी लग गई है, लेकिन वह कभी वहां गई नहीं। वह आए दिन घर बेचने की बात कहती थी। वह कहती थी कि घर बेचकर मुझे तीन करोड़ रुपए दे दो। बड़े नाती ने ग्राउंड फ्लोर पर कब्जा कर रखा था। हम ऊपर के फ्लोर पर रहते थे। हमें सिर्फ एक कमरे तक सीमित कर दिया था।

वह हमें नीचे नहीं आने देती थी। फर्स्ट फ्लोर पर 10 बाय 10 का कमरा है। करीब चार महीने पहले की बात है। इसी कमरे में निधि ने मुझे, मेरे पति और बेटे विक्की को बंद कर दिया। बाहर से ताला जड़ दिया। बालकनी की तरफ खुलने वाले दरवाजे पर भी ताला लगा दिया। हमारे मोबाइल भी अपने पास रख लिए। खिड़कियों को ऐसा बंद किया कि आवाज तक बाहर नहीं जाती थी। खाने के लिए सिर्फ एक रोटी ही देती थी। कमरे में डबल बेड रखा था, जिस पर हम तीनों सो जाते थे। सिर्फ खाने के समय ही दरवाजा खोलती थी। कमरे में सिर्फ बेड, दो कुर्सियां, एक अलमारी और एक टेबल रखी थी। बेड शीट भी एक महीने बाद चेंज होती थी। यही नहीं, शौच के लिए भी दरवाजा नहीं खोलती थी।

Advertisement

कमरे में ही एक कुर्सी लगा दी थी। नीचे टब रखा था। इस पर बैठकर ही तीनों शौच किया करते थे। बाद में गंदगी को हमसे ही फिंकवाती थी। इस दौरान रोजाना पैसे भी मांगती थी। आए दिन घर बेचने का दबाव बनाती थी। मना करने पर डंडे, बेल्ट, जूते और रॉड से पीटती थी। जान से मारने की धमकी भी देती थी। दोनों नाती भी पिटाई करते थे। गले, हाथ और पैरों पर मारपीट के जख्म भी हैं।

विक्की के चेहरे पर भी चोट के निशान

सक्सेना दंपती के बेटे विक्की ने अस्पताल में महिला पुलिसकर्मी को बहन की क्रूरता की दास्तां सुनाई। विक्की ने बताया कि खाना मांगने पर निधि ने ताले से मार दिया था, जिससे आंख के ऊपर चोट लग गई। बताया- खुद को बचाने के लिए जब हाथ लगाता, तो और तेज मारती थी। विक्की के चेहरे पर भी चोट के कई निशान हैं।

फिर पुलिस कनक सक्सेना को लेकर पहुंची

बातचीत चल ही रही थी कि दोपहर करीब 1 बजे पुलिस की गाड़ी आई। गाड़ी में पुलिसकर्मियों के साथ कनक सक्सेना भी थीं। गाड़ी से उतरते समय वह घर को कुछ देर तक एकटक निहारती रहीं। चार महीने बंधक बने रहने की वजह से ऐसा लग रहा था, जैसे बाहर की दुनिया ही भूल गईं। पुलिस के साथ घर के अंदर दाखिल हुईं। इसी दौरान वह ग्राउंड फ्लोर पर बरामदे पर दरवाजा छूकर देखने लगीं। उनसे पूछा कि माताजी आपको यहीं पर रखा था? यह सुनकर उनकी आंखें भर आईं।

Advertisement

कमरे का ताला तोड़कर अंदर गए

काफी देर तक वह घर के नीचे घूमती रहीं। ग्राउंड फ्लोर के कमरों के बाहर ताला लगा था। इसके बाद पुलिस के साथ कनक सक्सेना फर्स्ट फ्लोर पर पहुंचीं। यहां कनक ने उस कमरे को दिखाया, जहां वह बंद थीं। कमरे पर ताला लगा था। पुलिस ने कमरे का ताला तोड़ा। अंदर जाकर देखा, तो नजारा हैरान करने वाला था। करीब 45 मिनट तक कनक पुलिस के साथ घर में रुकीं। वह यहां नहाईं और अपने कपड़े लेकर पुलिस के साथ वापस जेपी अस्पताल चली गईं। जाते वक्त पुलिस ने मेन गेट पर भी ताला लगा दिया।

तीन महीने पहले कामवाली को निकाला

दैनिक भास्कर की टीम ने घर पर काम करने वाली महिला से भी बात की। नाम नहीं छापने की शर्त पर उसने बताया कि वह कनक सक्सेना के घर में करीब तीन महिलाएं काम करती थीं, जिनमें से एक मैं थी। सभी के अलग-अलग काम थे। करीब चार महीने पहले सभी को कर्ज ज्यादा होने की बात कहकर काम से निकाल दिया। निधि ने बोला था- सारा काम वो खुद करेगी। मैंने कई बार कनक को बेटी द्वारा पिटते देखा है। जब घर काम करने आती, तो कुर्सी डालकर बैठ जाती। अपनी मां को किसी से बात नहीं करने देती।

निधि ने 6 महीने पहले बुलाई थी पुलिस

Advertisement

आसपास के लोगों ने बताया कि निधि ने 6 महीने पहले अपनी मां कनक सक्सेना के लिए पुलिस बुलाई थी। पुलिस से शिकायत करने लगी कि बुजुर्ग मां बेटे के खाने में नमक ज्यादा कर देती है। पुलिस ने उससे पूछा, तो कामवाली बाई ने मना कर दिया। बोला- जानबूझकर नहीं कर सकतीं। बुजुर्ग हैं, कभी काम के दौरान हो गया होगा।

पड़ोसियों पर लगाया पैसे हड़पने का आरोप

कनक सक्सेना से जब पूछा कि वो पैसा क्यों मांग रही है? बताया- निधि कहती है कि उसकी नानी यानी मेरी मां ने एक करोड़ रुपए दिए हैं, जिसे मैंने हड़प लिया। निधि की नानी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थीं। तत्कालीन मुख्यमंत्री ने साल 2009 में 50 लाख की सहायता राशि दी थी। बेटे विक्की को भी 50 लाख की आर्थिक सहायता मिली थी। पड़ोसियों ने पूरा पैसा हड़प लिया। वहीं, बेटी को लगता है कि मैंने पूरा पैसा रख लिया है।

कभी टॉपर थी निधि

कनक सक्सेना ने बताया कि बेटी निधि अंग्रेजी माध्यम में पढ़ी है। वह हमेशा फर्स्ट डिवीजन आती थी। भोपाल से एम. कॉम किया। इसके बाद 2002 में 26 साल की उम्र में उसकी शादी करवा दी। उसके दो बेटे हैं। बेटी ने बताया कि उसने तमिलनाडु में घर खरीदा है। वहीं, पर हमसे भी चलने के लिए कहती है। पति से तलाक का केस चल रहा है। वो खर्च के लिए निधि को 40 हजार रुपए महीना भी भेजता है।

Advertisement

ससुर कराते थे बॉडी मसाज

तलाक की वजह पूछने पर कनक ने मुकुल के बारे में तो नहीं बताया, लेकिन एक चौंकाने वाली बात कही। उसने बताया कि निधि ने उसे बताया था कि ससुर अपनी बॉडी मसाज कराते थे। उसने कहा था कि घर का माहौल गंदा रहने लगा था। ससुरालवालों के बारे में पूछने पर बताया कि ससुर आर्मी में जज के पद से रिटायर हैं। उनका बड़ा बेटा विजय सक्सेना एडवोकेट है, जबकि छोटा बेटा एयरफोर्स में है। मंझला बेटा उनका दामाद है।

खबर आई, तब पहुंचे परिचित

सीएस सक्सेना के साथ में काम करने वाले एमके श्रीवास्तव की बहू ने मीडिया में प्रताड़ना की खबर पढ़कर ससुर को जानकारी दी। श्रीवास्तव ने बताया कि वह हालचाल जानने होशंगाबाद रोड से अरेरा कॉलोनी पहुंचे। लंबे समय से फोन से भी संपर्क नहीं हो रहा था। बेटी को देखकर ऐसा नहीं लगा कि इतनी क्रूरता कर सकती है।

जिला जज पहुंचे हाल-चाल जानने

Advertisement

शुक्रवार को जिला जज एसपीएस बुंदेला भी दंपती से मिलने के लिए जेपी अस्पताल पहुंचे। मौके पर सिविल सर्जन राकेश श्रीवास्तव और जांच अधिकारी एसआई सुदिल देशमुख भी थे। जिला जज ने पीड़ितों की परेशानी व स्वास्थ्य मेडिकल टेस्ट के बारे में जानकारी ली। उन्होंने अस्पताल मैनेजमेंट को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। पीड़ितों को उनके विधिक अधिकारों के बारे में बताया।

Continue Reading
Advertisement
Click to comment

You must be logged in to post a comment Login

Leave a Reply