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चंद्रयान-3 ने तीन में से दो लक्ष्य किए हासिल
भारत ने चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल (एलएम) के चंद्रमा की सतह पर उतरने के साथ ही इतिहास रच दिया. भारत यह उपलब्धि हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया. वहीं चांद के साउथ पोल पर लैंडिंग कराने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है. साउथ पोल पर विक्रम लैंडर के लैंडिंग के बाद वहां से लगातार तस्वीरें आ रही हैं. इस बीच इसरो ने बताया है कि चंद्रयान-3 ने मिशन के तीन लक्ष्यों में से दो हासिल कर लिए हैं, वहीं तीसरे पर काम जारी है.इसरो ने ‘एक्स’, जिसे पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था पर कहा कि चंद्रयान -3 ने मिशन के 3 लक्ष्यों में से दो को हासिल कर लिया है. पहला मिशन था चंद्रमा की सतह पर सेफ और सॉफ्ट लैंडिंग, दूसरा चंद्रमा पर घूमने वाले रोवर का प्रदर्शन, जो कि पूरा हो गया है औऱ अब तीसरा इन-सीटू वैज्ञानिक प्रयोग अभी जारी है. सभी पेलोड सामान्य रूप से काम कर रहे हैं.
पीएम मोदी ने इसरो सेंटर पहुंचकर वैज्ञानिकों को दी बधाई
बता दें कि शनिवार को पीएम मोदी ग्रीस यात्रा से स्वदेश लौटकर सीधे इसरो कमांड सेंटर पहुंचे और चंद्रयान-3 की वैज्ञानिक टीम से मुलाकात की और उन्हें बधाई दी. इस दौरान उन्होंने लैंडर और रोवर की पूरी जानकारी ली. इसरो चीफ ने मिशन से जुड़ी बारीकियों के बारे में पीएम मोदी को बताया. इस दौरान वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कुछ अहम ऐलान भी किए. पीएम ने कहा कि चांद की जिस सतह पर चंद्रयान 3 की विक्रम लैंडर उतरा है, उसका नाम अब शिव शक्ति होगा. साथ ही यह भी घोषणा की कि हर साल 23 अगस्त को नेशनल स्पेस डे के तौर पर मनाया जाएगा.
चंद्रयान 2 का लैंडिंग प्वाइंट का नाम होगा तिरंगा
इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा करते हुए कहा, ‘चंद्रमा के जिस स्थान पर चंद्रयान-2 अपने पदचिन्ह छोड़े हैं, वह प्वाइंट अब ‘तिरंगा’ कहलाएगा. ये तिरंगा प्वाइंट भारत के हर प्रयास की प्रेरणा बनेगा, ये तिरंगा प्वाइंट हमें सीख देगा कि कोई भी विफलता आखिरी नहीं होती.’ पीएम मोदी ने कहा, ‘एक समय था जब हमारी गिनती Third Row में होती थी.आज ट्रेड से लेकर technology तक, भारत की गिनती पहली पंक्ति यानी ‘First Row’ में खड़े देशों में हो रही है.’Third row’ से ‘First row’ तक की इस यात्रा में हमारे ‘ISRO’ जैसे संस्थानों ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई है.’
अब गगनयान मिशन लॉन्च करेगा इसरो
भारत बहुत जल्द गगनयान (Gaganyaan) का ट्रायल मिशन लॉन्च करने वाला है. ये लॉन्चिंग एक-डेढ़ महीने में होने की संभावना है. इस लॉन्चिंग में मानवरहित यान को रॉकेट के जरिए अंतरिक्ष में भेजा जाएगा. सारे सिस्टम्स की जांच की जाएगी. रिकवरी सिस्टम और टीम की तैयारियों की जांच होगी. इस मिशन में भारतीय नौसेना और कोस्ट गार्ड भी शामिल हैं. अगले साल के शुरुआती महीनों में गगनयान के जरिए व्योममित्र (Vyommitra) रोबोट को भेजा जाएगा. ISRO ने व्योममित्र महिला ह्यूमेनॉयड रोबोट को 24 जनवरी 2020 को पेश किया था. इस रोबोट को बनाने का मकसद देश के पहले मानव मिशन गगनयान के क्रू मॉड्यूल में भेजकर अंतरिक्ष में इंसानी शरीर की हरकतों को समझना. यह फिलहाल बेंगलुरु में है. इसे दुनिया की बेस्ट स्पेस एक्सप्लोरर ह्यूमेनॉयड रोबोट का खिताब मिल चुका है.
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