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मध्य प्रदेश

एक्सीलेंस कॉलेज रोड पर दिखा 10 फीट लंबा मगर, कलियासोत-केरवा डैम में 24 से ज्यादा..

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राजधानी भोपाल के इंस्टीट्यूट फॉर एक्सीलेंस इन हायर एजुकेशन (आईईएचई) रोड पर मगरमच्छ देखे जाने के बाद वन विभाग ने अलर्ट जारी किया है। इस मगरमच्छ का वीडियो यहां से गुजर रहे डेंटिस्ट डॉ. उत्कर्ष कटारे ने बना लिया। इसके बाद से वन विभाग की टीम गश्त कर रही है। वहीं, लोगों को संभलकर गुजरने की समझाइश दी गई है। यह मगरमच्छ कलियासोत डैम से निकलकर सड़क पर पहुंचा था। बुधवार रात में भी टीम गश्त करती रही। ताकि, लोग मगरमच्छ के मूवमेंट वाली जगह पर पैदल न घूमे।

डॉ. कटारे ने बताया कि जब मगरमच्छ सड़क पर निकला, तक वे सड़क से गुजर रहे थे। पांच से सात मिनट तक मगरमच्छ सड़क पर ही रहा। वह काफी बड़ा था। उसकी लंबाई 10 फीट या इससे भी ज्यादा थी। वाहनों के हॉर्न की आवाज सुनकर वह झाड़ियों में चला गया।

वन विभाग का अलर्ट
वन विभाग के एसडीओ आरएस भदौरिया ने बताया कि कलियासोत में बड़ी संख्या में मगरमच्छ हैं। कई बार ये बाहर भी निकल जाते हैं। संभव है कि किसी बरसाती नाले से होता हुआ यह रोड पर आ गया हो। इसके बाद यहां गश्त की जा रही है। यह पूर्ण वयस्क मगर है। अमले ने लोगों को सावधान भी किया है। भदौरिया ने कहा कि अगर किसी को भी मगर नजर आए तो वे सतर्क रहें और उसके पास न जाएं। हादसे की आशंका हो सकती है। गौरतलब है कि इस क्षेत्र में पूर्व भी कई बार मगर नजर आ चुके हैं।

जून में हुई थी गिनती, 24 मगमरमच्छ दिखे थे
बता दें कि जून में कलियासोत और केरवा डेम में दो दिन तक मगरमच्छ और घड़ियाल की गिनती हुई थी। इसमें कुल 24 मगरमच्छ दिखाई दिए थे। 6 वयस्क थे। वहीं उनकी लंबाई 3 से 10 फीट तक थी। इनके अलावा 10 सब एडल्ट, 4 जुवेनाइल, 4 हेविंग शामिल हैं। सब अडल्ट की लंबाई 6 फीट से कम और जुवेनाइल 3 फीट से कम है। इनके अलावा साफ्टसेल टर्टल की दो प्रजाति भी मिली। घड़ियाल की मौजूदगी भी है, लेकिन गिनती के दौरान ये दिखाई नहीं दिए थे।

दोनों डेम में बसेरा
केरवा और कलियासोत डैम में मगरमच्छों का बसेरा है। यहां पर बड़ी संख्या में मगरमच्छ है। इनके अलावा घड़ियाल भी पाए जाते हैं। पिछले साल पहली बार उनकी गिनती हुई थी। इसके बाद इस साल जून में गिनती की गई थी।

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बारिश के दिनों में हर साल मगरमच्छ के हमले का खतरा
कलियासोत डैम किनारे बारिश के दिनों में हर साल मगरमच्छ और घड़ियालों के हमले का खतरा बढ़ जाता है। अभी यहां पर मछली पकड़ने और पार्टी करने के लिए लोग पहुंच रहे हैं। पिछले साल तीन बार मगरमच्छ पानी से निकलकर किनारे पर पहुंच गए थे। इस वजह से उन्हें पानी में खदेड़ा गया था। बता दें कि कलियासोत डैम में मगरमच्छ-घड़ियाल के हमलों के कई मामले सामने आ चुके हैं। जून-2020 में डैम के गेट नंबर 13 के पास मछली पकड़ रहे एक युवक को मगरमच्छ खींचकर पानी में ले गया था। बाद में उसका शव मिला था। इसके कुछ दिन पहले भी एक अन्य युवक पर हमला हुआ था।

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